बिहार राज्य महापात्र संघ
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हे ईश्वर आप का बहुत बहुत धन्यवाद जो आप ? बिहार-राज्य-महापात्र-संघ
जातीय जनगणना के फर्जी आंकड़े को न्यायालय में दिया जाएगा चुनौती : संस्थापक सह प्रदेश अध्यक्ष डॉ० कृपानाथ महापात्र।
जातिगत जनगणना रिपोर्ट एक भ्रमजाल
आज दिनांक-13-02-23 को बिहार राज्य महापात्र संघ की बैठक मधुबनी जिला साहर घाट में विजय महापात्र के दरवाजा पर हुई।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य था, स्व० पंडित भवनाथ महापात्र के पुण्यतिथि एवं उनके तैल्य चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजली तथा जातीय जनगणना में महापात्र जाति के लोगो के नाम के आगे झा के साथ महापात्र हो, तथा बिहार सरकार से मांग है कि जातीय जनगणना में महापात्र जाति की भी सूचि सम्मिलित किया जाए। बैठक के मुख्य अतिथि बिहार राज्य महापात्र संघ के संस्थापक सह प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर कृपानाथ महापात्र थे तथा जिला अध्यक्ष सीतामढ़ी संजीत महापत्र, प्रखंड अध्यक्ष शीतल महापात्र राजनगर, रमण जी महापात्र आदि गन्यमान लोग मौजूद थे।, बैठक की अध्यक्षता विजय महापात्र ने किया एवं मंच संचालन रतिश महापात्र ने किया । बैठक में महापात्र के उत्थान हेतु विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा हुई। ललन महापात्र शिक्षक शत्रुधन महापात्र बिरेन्द्र महापात्र मोदनाथ महापात्र वीरेंद्र महापात्र साजन महापात्र विपिन महापात्र
दीपक दिवाकर महापात्र विजय महापात्र
गोलू महापात्र आदि उपस्थित थे।
74वें गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर सर्वे ऑफिस कैंपस दरभंगा में आदरणीय आर के दत्ता और वार्ड पार्षद मुकेश महासेठ के संयुक्त तत्वावधान में दरभंगा नगर निगम महापौर अंजुम आरा डिप्टी मेयर नाजिया हसन सहित नगर निगम के सभी नवनिर्वाचित पार्षद सहित शहर के प्रतिष्ठित अधिवक्ता अंबर इमाम हाशमी, डा अंजित चौधरी, डा मुन्ना खान, विश्वपति मिश्र, *और ट्रेनिंग कॉलेज के प्राध्यापक सह जद यू युवा नेता डॉक्टर कृपानाथ* भी मौजूद थे।
मालूम हो कि डॉक्टर कृपानाथ प्रदेश महापात्र संघ के अध्यक्ष भी हैं।
अतः अपनी बिरादरी के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक और राजनीतिक कल्याण हेतु विभिन्न मंचों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करते हैं और महापात्र संघ की आवाज बुलंद करते रहते हैं।
अतः मौजूदा राजनीतिक समीकरण को देखते हुए महापात्र कल्याणार्थ सरगर्मी बनाए रखते हैं।
आरक्षण की मांग को लेकर महापात्र संघ ने अभियान तेज करने का लिया निर्णय।
आरक्षण की मांग को लेकर महापात्र संघ ने अभियान तेज करने का लिया निर्णय। - Public Bihar दरभंगा: सोमवार को जिले के बहेड़ी प्रखंड क्षेत्र के सिरूआ गांव महापात्र संघ की बैठक आयोजित की गई।
"आप पढ़ रहे हैं देश का सबसे विश्वसनीय और नंबर 1अख़बार"
इस वाक्य को चरितार्थ किया दैनिक भास्कर समाचार पत्र ने।
हम सभी महापात्र ब्राह्मण की आवाज जनता और सरकार के बीच रखने हेतु "दैनिक भास्कर" समाचार पत्र का हार्दिक आभार..🙏🏻🙏🏻
ापात्र
#महापात्र_संघ_जिंदाबाद
जाति आधारित जनगणना में महापात्र जाति की अलग कॉलम के लिए संघ ने सौंपा ज्ञापन।
जाति आधारित जनगणना में महापात्र जाति की अलग कॉलम के लिए संघ ने सौंपा ज्ञापन। दरभंगा : बिहार राज्य महापात्र संघ के जिलाध्यक्ष मनोज महापात्र एवं भरत महापात्र केे नेतृत्व में संघ के प्रतिनिधि म....
िनांक 09/10/2022 को #मधुबनी_गंगा_सागर_पोखर से पुर्व #मिथिला_कम्यूनिटी_हॉल मे #महापात्र_कल्याण_परिषद और #बिहार_राज_महापात्र_संघ के तत्वाधान में िवसीय_बैठक_का_आयोजन किया गया जिस में निम्नलिखित उद्देश्य पर चर्चा हुआ 1• ार्यकारणी_का_नाम 2• #संग़ठन_का_रजिस्ट्रेशन 3• िर्माण_आदि मुदा पर चर्चा हुआ जिस में उपस्थित #डॉ_कृपानाथ_महापात्रा के #अध्यक्षता में बैठक हुआ
#सुबोध_महापात्र, #गोपाल_जी_महापात्र , #अमित_mhaptra, #रौशन_महापात्र, #शितल_महापात्र, #राजेश आदि
Big shout out to my newest top fans!
Priyanka Das, DK Jha
हमारा उद्देश्य जातिवाद करना नहीं बल्कि अपने महापात्र बन्धुओं को संगठित करना है।
महापात्र संघ की ओर से सभी सनातनी बन्धुओ को होली की हार्दिक शुभकामनाएं
जितना कश्मीरी फाइल हिट हो रहा,
उतना ही लोग कपिल शर्मा के परिवार को खोज खोज के याद कर रहे ....
😎
एक विचार है, महापात्र ब्राह्मण जितने हैं आप सभी अपने नाम में #महापात्र या अवश्य जोड़ें
महापात्र संघ को मजबूत करें...
अपने इष्ट मित्रों को पेज पर आमंत्रित करें...
जय हो महापात्र संघ
महापात्र संघ जिन्दाबाद
#नाथूराम गोडसे अमर रहें
नथूराम गोडसे ने न्यायधीश से कहा था
गद्दार मुझे गद्दार और देशभक्त मुझे देशभक्त कहेंगे
१५ नवंबर उनके बलिदान दिवस पर कोटि कोटि नमन 🙏🇮🇳🚩
अपनी कुर्सी न्यौछावर करके कल्याण सिंह ने राम मंदिर निर्माण की नीव का आधार तैयार किया!
जब ढांचा टूट रहा था तब कल्याण सिंह 5 कालिदास मार्ग... मुख्यमंत्री आवास की छत पर आराम से जाड़े की धूप सेंक रहे थे... अगर तब कल्याण सिंह नहीं होते तो आज भूमिपूजन भी नहीं होता
- एक छोटे कद का आदमी... जो दिखने में बहुत सुंदर नहीं था... काला रंग...चेहरे पर दाग... लेकिन संघर्षों में तपा हुआ व्यक्तित्व... ऐसी पर्सनेलिटी की जहां वो पहुंच जाए वहां बड़े से बड़े नेता का कद छोटा हो जाए । व्यक्तित्व की धमक ऐसी बड़े बड़े किरदार बौने दिखने लगें... ऐसे थे कल्याण सिंह
- कल्याण सिंह ऐसे इसलिए थे क्योंकि उनकी कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं था... उनके दिल और दिमाग में कोई अंतर नहीं था... उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा उसूल था... भगवान राम की भक्ति... भगवान राम के प्रति के समर्पण को लेकर उन्होंने कभी कोई समझौता नहीं किया
- 1990 में लाल कृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर निर्माण के लिए जनसमर्थन इकट्ठा करने का लक्ष्य लेकर राम रथयात्रा निकाली । बिहार में तब लालू यादव मुख्यमंत्री थे और उन्होंने आडवाणी को गिरफ्तार कर लिया । जिसके बाद राम राथ यात्रा को भारी मात्रा में जनसमर्थन मिल गया और उत्तर प्रदेश में पहली बार बीजेपी की सरकार चुन ली गई जिसके मुख्यमंत्री कल्याण सिंह चुने गए
- जून 1991 में कल्याण सिंह मुख्यमंत्री बने और इसके बाद राम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे विश्व हिंदू परिषद में उत्साह की लहर दौड़ गई और उसने ये घोषणा कर दी कि 6 दिसंबर 1992 को राम मंदिर का निर्माण आरंभ किया जाएगा
- वीएचपी की घोषणा के वक्त मुख्यमंत्री के पद पर कल्याण सिंह थे और प्रदेश की कानून व्यवस्था को संभालने का पूरा जिम्मा कल्याण सिंह पर था । वीएचपी की घोषणा के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव के कान खड़े हो गए और उन्होंने बातचीत के लिए कल्याण सिंह को दिल्ली बुलाया
- कल्याण सिंह से पी वी नरसिम्हा राव ने कहा कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट पर छोड़ दीजिए लेकिन कल्याण सिंह ने साफ जवाब दिया कि विवाद का एक ही हल है और वो ये कि बाबरी मस्जिद की जमीन हिंदुओं को सौंप दी जाए । इस तरह बात नहीं बनी और केंद्र - राज्य के बीच टकराव तय हो गया
-नरसिम्हा राव ने ऐहतियात बरतते हुए पहले ही केंद्रीय सुरक्षा बल अयोध्या रवाना कर दिए... केंद्रीय सुरक्षा बल अयोध्या के चारों तरफ फैला दिए गए
- 6 दिसंबर तक अयोध्या में राम जन्मभूमि के आस पास 3 लाख कारसेवक इकट्ठे हो गए थे... ऐसे में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन के पास पूरी ताकत थी कि वो कारसेवकों पर गोली चला सकती थी... इससे पहले भी जब मुलायम सिंह यादव की सरकार थी तब मुलायम सिंह यादव ने कारसेवकों पर गोली चलवाई थी
- कल्याण सिंह को इस बात का अंदेशा लग गया था कि 6 दिसंबर को कारसेवकों को कंट्रोल करने के लिए उनपर फायरिंग का आदेश कोई भी अधिकारी दे सकता है । इसलिए कल्याण सिंह ने 5 दिसंबर की शाम को ही समस्त अधिकारियों को एक लिखित आदेश जारी किया था और वो ये था कि कोई भी कारसेवकों पर गोली नहीं चलाएगा ।
- ये फैसला लेना... संवैधानिक पद पर बैठे हुए किसी व्यक्ति के लिए आसान नहीं था । कल्याण सिंह इस बात को जानते थे कि जब वो ये फैसला ले रहे हैं तो अगर अयोध्या में कुछ हो जाता है तो इससे उनकी कुर्सी चली जाएगी... सारी दुनिया उन पर आरोप लगाएगी... ये कहा जाएगा कि कल्याण सिंह एक अराजक मुख्यमंत्री हैं... ये आरोप ही मंदिर आंदोलन का वो विष था... जिसे कल्याण सिंह ने अमृत मानकर पी लिया ।
-आखिर वही हुआ 6 दिसंबर 1992 को दोपहर साढ़े 11 बजे कारसेवक ढांचे को तोड़ने लगे... कल्याण सिंह को पल पल की खबर मिल रही थी.... लेकिन वो आराम से अपने मुख्यमंत्री आवास पर जाड़े की धूप सेंक रहे थे... दिल्ली से फोन घनघना रहे थे लेकिन कल्याण सिंह ने राम भक्ति को प्राथमिकता दी और किसी की कोई बात नहीं सुनी
- केंद्र से गृहमंत्री चव्हाण का फोन आया और उन्होंने कहा कि कल्याण जी मैंने ये सुना है कि कारसेवक ढांचे पर चढ गए हैं तब कल्याण सिंह ने जवाब दिया कि मेरे पास आगे की खबर है और वो ये है कि कारसेवकों ने ढांचा तोड़ना शुरू भी कर दिया है लेकिन ये जान लो कि मैं गोली नहीं चलाऊंगा गोली नहीं चलाऊंगा गोली नहीं चलाऊंगा
- कल्याण सिंह के पूरे व्यक्तित्व और महानता का दर्शन सिर्फ इसी एक लाइन से हो जाता है... कि मैं गोली नहीं चलाऊंगा... मैं गोली नहीं चलाऊँगा... मैं गोली नहीं चलाऊंगा । ढांचा टूट रहा था और केंद्रीय सुरक्षा बल विवादित स्थल पर आने की कोशिश कर रहे थे लेकिन कल्याण सिंह ने ऐसी व्यवस्था करवा दी कि केंद्रीय सुरक्षा बल भी ढांचे तक नहीं पहुंच सके और आखिरकार ढांचा टूट गया... वो कलंक... वो छाती का शूल... वो बलात्कार अनाचार का दुर्दम्य प्रतीक भारत मां की छाती से हटा दिया गया... चारों तरफ हर्ष फैल गया... जन्मभूमि मुक्त हो गई
- नरसिम्हा राव अब कल्याण सिंह की सरकार को बर्खास्त करने का फैसला लेने जा रहे थे लेकिन उससे पहले ही शाम साढे 5 बजे कल्याण सिंह राजभवन गए राज्यपाल से मिले और अपना इस्तीफा सौंप दिया... यानी कुर्सी छोड़ दी लेकिन गोली नहीं चलाई... सिंहासन को लात मार दिया और श्री राम की गोद में बैठ गए... श्रीराम के प्यारे भक्त बन गए । ऐसे थे हमारे कल्याण सिंह जी!
- अगर कल्याण सिंह नहीं होते तो शायद किसी और मुख्यमंत्री में ये फैसला लेने की ताकत नहीं होती । कल्याण सिंह ने इसलिए भी गोली ना चलाने का लिखित आदेश दिया ताकि कल को कोई अफसरों को जिम्मेदार नहीं ठहराए । कल्याण सिंह ने कहा कि सारी जिम्मेदारी मेरी है जो करना है वो मेरे साथ करो । सजा मुझे दो ।
- अगर कल्याण सिंह नहीं होते तो बाबरी नहीं गिरती... अगर बाबरी की दीवारें नहीं गिरतीं तो पुरातत्विक सर्वेक्षण नहीं होता... बाबरी की दीवार के नीचे मौजूद मंदिर की दीवार नहीं मिलती... कोर्ट में ये साबित नहीं हो पाता कि यही रामजन्मभूमि है ।
- उस कलंक के मिटने का जो शुभ कार्य हुआ.... उसका श्रेय स्वर्गीय कल्याण सिंह जी को है... 6 दिसंबर कल्याण सिंह के पॉलिटिकल करियर को कालसर्प की तरह डस गया लेकिन कल्याण सिंह का यश दिग दिगंत में फैल गया ।
- सबसे जरूरी बात अगर कल्याण सिंह ने गोली चलवा दी होती तो बीजेपी और एसपी में कोई फर्क नहीं रह जाता और आज मोदी प्रधानमंत्री भी नहीं होते इसीलिए ये सत्य है कि जहर पिया कल्याण ने अमृत पिया बीजेपी ने ।
मैं उस पुण्य आत्मा को अपने हृदय और आत्मा में मौजूद समस्त ऊर्जा के साथ नमन करता हूं... प्रणाम करता हूं... ईश्वर आपको मोक्ष दे
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साभार Akhil Bharat Hindu Mahasabha
अजय कुमार झा
जय श्री राम 🔱🙏🚩🚩🚩🚩🚩
बिहार राज्य महापात्र संघ आप सभी सनातनी भाई बहनों को रक्षा बंधन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
सभी प्रदेश वासियों को स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई
एक निवेदन है
रक्षाबंधन मनाने वाले सभी लोग
रक्षाबंधन मनाने वालों से ही राखियाँ खरीदें,
जिनके यहाँ राखी हराम है उनसे नहीं।
एकता में शक्ति है
संगठित हो
सिख-मुस्लिम भाई “चारा“....
महापात्र यानी महाब्राह्मण, समाज सभी जातियों में पुजनीय होते हैं।क्योंकि उनके नाम के आगे महा शब्द जुरा है,यह बिहार,नेपाल, राजस्थान, मध्यप्रदेश तथा भारत के अन्य भागों में निवास करते हैं।उनका मुख्य पेशा जजमान को मोह रुपी शंशय को दुर करना होता है।प्रेतात्मा को मौक्ष प्रदान हेतु श्राद्धकर्म करवाना मुख्य पेशा माना जाता है।दान में मिलने वाले 11 ₹ से 1100 ₹तक मिलने वाले पैसे से अपना जिवन यापन करते हैं,जिस पर भी बिरोधी कुछ लोगों को लगता है कि महापात्र समाज लुट कर रहा है उन्हें समझना चाहिए की महापात्र समाज ही ईस शास्त्रीय विधान को बचाकर हमारी बेद, पुराणों,तथा धर्म की रक्षा हेतु अपने आपको समर्पित कीऐ हुए है,लेकीन एक कटु सत्य जरुर है की जो इस में लगे हैं उनकी स्थिती काफी खराब हो चली है क्योकि श्राद्धकर्म के अलावे कोई अन्य काम ना होने से आर्थिक स्थिती खराब होना लाजिमी है तथा समाज में उच्च स्थान रहने के कारण अन्य काम करना भी प्रतिस्ठा के अनूरूप उचित भी नहीं है।
आमदनी का मुख्य श्रोत केवल आ केवल किसी के मरने के ही होता है जिस कारण कुछ लोग इस महापात्र के श्राद्धकर्म को अच्छा नहीं मानते हैं उन्हें समझना चाहिए की संसार में बैदिक दो ही कर्म बताओ गये है1.दैव कर्म
2.पित्र कर्म
एक अच्छा दुसरा बुरा कैसे यह समझने की जरुरत है।
आज जितना भी जाती भारत मेंहै सबसे ज्यादा पिछरा महापात्र ब्राह्मणो की स्थिती है चाहे आर्थिक, समाजिक राजनैतिक कहीं उनका स्थान में नहीं के बराबर सहभागिता है। मैं इस पोस्ट के माध्यम से कहना चाहता हूं की महापात्र ब्राह्मण को भी अपना स्थान भारतीय गणराज्य में संबिधान के अनुसार स्थान तथा सहभागिता मिले जिससे इस अल्प जाती को बिलुप्त तथा भारतीय संस्कृति को बचाया जा सके।क्योंकी बेदो की रक्षा करने बारे ही नहीं बचेंगे तो श्रृष्टि बचा पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
धर्मराज और यमराज के न्यायालय के अतिरिक्त और कौनसी न्यायपालिका है! जहां निशुल्क न्याय मिलता है??
९९% कोर्ट कचहरियों में आम इंसान का सबकुछ बिकने पर भी न्याय नहीं मिलता
नव वर्ष 2078
प्रदेश अध्यक्ष Kripanath Mahapatra जी के माताजी का देहांत रविवार 7 तारीख को हो गया ।
माता जी को शत शत नमन
भावपूर्ण श्रद्धांजलि!
🙏🙏🙏🙏🙏
शिवजी कहते है , हे उमा-काशी में मरने वालों को मोक्ष क्यो मिलता है--सुनो---
जासु नाम बल संकर कासी।
देत सबहि सम गति अबिनासी।।🔥
राम नाम की ऐसी महिमा है ,कहते हैं काशी में मरने वालों को मोक्ष मिलता है क्यों ? क्योकि उनके कान में मरते समय भगवान आशुतोष स्वयं (शंकर भगवान)श्री राम का नाम लेकर उन्हें मुक्त कर देते हैं।
महामंत्र जोइ जपत महेसू।
कासीं मुकुति हेतु उपदेसू॥
महिमा जासु जान गनराऊ।
प्रथम पूजिअत नाम प्रभाऊ॥🚩
भावार्थ:-जो महामंत्र है, जिसे महेश्वर श्री शिवजी जपते हैं और उनके द्वारा जिसका उपदेश काशी में मुक्ति का कारण है तथा जिसकी महिमा को गणेशजी जानते हैं, जो इस 'राम' नाम के प्रभाव से ही सबसे पहले पूजे जाते हैं॥
💐जय हो प्रभु राम की🕉️हर हर महादेव💐
✌ #सनातन 🙏🙏
#देखने_का_दृष्टिकोण
कुछ सज्जनो ने ये तस्वीर भेजी कोई ढोंग कोई ईश्वर का अपमान कोई हिन्दुव का अपमान बोले जा रहा है कुछ मित्रो ने मेरी राय मांगी इसपर चलिये जरा एक बार जोश नही बुद्धिमत्ता से देखे
#ढोंग_या_सच्ची_भक्ति
आप जिस मूर्ति की पूजा करते है तो उसको सजीव मानकर करते है भाव ही तो है जो पत्थर को भगवान बनाते है,अगर आपके अंदर भाव है तो उनको भी सर्दी गर्मी और भूख लगती हैं
ा_एक_पहलू_पर_विचार_करे
भगवान खाते नहीं फिर भी नैवेद्य चढाते है
नहलाते है कपडे पहनाते है धुप दीप अगरबत्ती जलाते है पलने मे झुलाते है ये
आप 56 भोग लगाते है किसलिये क्या भगवान खाते है नही वो भाव है क्योंकि मूर्तियों को सजीव मानते हैं ये सब हमारी श्रद्धा है हम भगवान को सिर्फ मुर्ति के रूप मे नही देखते उन्हें जिवित समझकर सुख दुःख से जुडे होते है
#ये_सनातनी_प्रेम_भक्ति_हैं
आज भी पुरी धाम में जगन्नाथ को रथयात्रा के पूर्व कुछ अधिक स्नान कराया जाता है जिससे #श्रीजगन्नाथजी बीमार हो जाते हैं। पंद्रह दिन तक दर्शन बंद हो जाते हैं। #श्रीठाकुरजी को दिन में तीन समय औषधि पिलाई जाती है
कभी #मीरा चरित्र पढ़े मालुम पडेगा भक्ति क्या होती हैं जिसे आप ढोंग कह रहे हो वह सच्ची भक्ति है मीरा की तरह सच्चा प्रेम करने वाले को भगवान का आशिर्वाद मिलता है ये सनातनी प्रेम-भाव भक्ति है। सगुण साकार भगवान की सेवा पूजा ऐसे ही की जाती है
#ये_भक्ति_भाव_है_ढोंग_नहीं
ये यह पाखंड नहीं यह भक्ति का भाव होता है कि प्रभु को ठंड लग रही होगी प्रभु को गर्म कपड़े देने होंगे प्रभु को गर्मी लग रही होगी हम इसी में ठंड का आनंद ले रहे हैं और प्रभु गर्मी में पड़े हैं उन्हें भी ठंड के व्यवस्था की जाए उनके लिए 56 प्रकार के भोजन की व्यवस्था की जाए रात्रि में सोने की व्यवस्था की जाए दरअसल जब हम मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा कर देते हैं तो उसके बाद उस मूर्ति में जीवन का संचार हो जाता है और प्रभु के स्वरूप को हम जिस भाव से देखते हैं उसी भाव से हमारे मन की भक्ति बढ़ती है
#उदाहरण_स्वरुप पितृपक्ष में आप अपने पितृ को तर्पण करते हैअलग से रात में भोजन रखने है क्या वो आकर खाते है क्या कौवा खाता हैं तो उनको मिल जाता है नही न इसी को श्रद्धा कहते है ये ईश्वरीय है ढोंग नही
#इसमें_क्या_गलत_है
भगवान को अच्छे से सुला ही तो रहे हैं किसी बेजुबान का खून तो बहा नही रहे क्या दिक्कत है इंसमे?
#सनातन_धर्म में लोग भगवान को अपने परिवार का मुखिया मानते हैं भगवान को रोज स्नान कराते हैं,सुबह से जो खाना बनता है पहली थाली भगवान के पास जाती है
त्वमेव माता च पिता त्वमेव,त्वमेव बंधु च सखा त्वमेव।
इसे जड़बुद्धि, मूढ़मति और मायावादी लोग नहीं समझ सकते
अजय कुमार झा
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