Hardu Natural Farm
Hardu Natural Farm focusing on natural farming without chemical products in which they produce Guava
दोस्तों आज दिनांक 16/11/2022 को हमनें सरबती और पेगंबरी दो प्रकार की गेंहू हमारे हरडू प्राकृतिक फार्म कुमथल जिला सिरसा में बुआई की l इससे पूर्व दिनांक 13/11/2022 को बंशी गेहूं की दो वैरायटी बोई थी और जल्दी ही गेंहूं की खपली वैरायटी भी हम बोएंगे l पीली सरसों की भी बुआई की गई है l आज बाहर व्यस्त होने के कारण फोटो नहीं ले सका l हम धीरे धीरे फूड एवम् फ्रूट फॉरेस्ट की तरफ अग्रसर है तथा हमारा ध्येय अगले एक वर्ष में इस क्षेत्र का सबसे अलग प्राकृतिक फार्म बनाना है l
दिनांक 13/11/2022 को हमनें बंशी गेंहू की बिजाई की है हमारे हरडू प्राकृतिक फार्म कुमथल जिला सिरसा पर जो अमरूद व अनार के बीच में किया गया है l
हमारे प्राकृतिक फार्म पर लगाए गए कमल के पोधे के फूल उपरांत बीज यानि कमल गटे तैयार हो गए है l
किसी भाई को आवश्यकता हो तो सम्पर्क करें
हमारे पास शतप्रतिशत ज़हरमुक्त जैविक गलुटोन फ़्री पैग़म्बरी(A-12) गेहूं उपलब्ध है l किसी भाई को ज़रूरत हो तो सम्पर्क करे l रेट 36 रुपए किलो
ये हमारी फ़्रूट एंड फ़ूड फ़ॉरेस्ट में अमरूद के बाग में पेगंबरी गलूटोन फ़्री गेंहु जो डोलियों पर बुआई की गई है
ये हमारी बिना बिजाई वाली मल्चिंग वाली बंशी गेहूँ
हमारे फ़ूड एंड फ़्रूट फार्म के ज़हरमुक्त जैविक थाई ऐपल बेर; स्वाद ओर सेहत का ख़ज़ाना ; हार्वेस्टिंग शुरू है ; फ़्रूट साइज़ 60से 120 ग्राम
अमरूद के बाग ओर पेगंबरी गेंहु में मल्चिंग करवा दो गई है जो न केवल खरपतवार को रोकने में सहायक होगा बल्कि पानी बचत, उर्वरक व मित्र बेक्टेरिया की कालोनी बनाने में भी सहायक होगी ल
मल्चिंग वाली व परंपरागत बिजाई गई गेंहु की तुलना आपके सामने
हमारे फार्म के शत प्रतिशत ज़हरमुक्त प्राकृतिक आलू
रेट 40 रुपए किलो
अमरूद के बाग में डोलियों पर गलूटोन फ़्री पैग़म्बरी गेहूं का दृश्य ओर डोलियों की निराई गुड़ाई करते सहयोगी जन ओर इसके बाद पराली से मल्चिंग की जाएगी l
आज हमारे फार्म में विज़िट किया हमारे दामाद सुशील जी श्योरान ओर उनकी बहन डॉ कविता श्योरान ने ओर थाई ऐपल बेर , अमरूद ओर छींटे व मल्चिंग वाली गेहूं का निरीक्षण किया l
परिणाम आपके सामने है पचास दिन बाद की परम्परागत रूप से बोई गई गेहूं ओर मल्चिंग वाली छींटा देकर बोई गई गेहूं की जड़ों के विकास का
ग्रोथ ओर स्वास्थ्य की दृष्टि से कहीं बेहतर है मल्चिंग वाली छींटा विधि से बोई गेहूं बनिस्पत परम्परागत विधि से बोई गेहूं के
परिणाम सार्थक ओर सुखद प्रतीत हो रहा है
ये है छींटा विधि से मलचिग विधि वाली बोई गई गेंहु ओर बिजाई करके परम्परागत विधि से बोई गई गेहूं की जड़ो का पचास दिन बाद का अध्ययन ओर परीक्षण उपरांत परिणाम आप स्वयं देखे ; मल्चिंग वाली छींटा विधि से बोई गई गेहूं की जड़े लगभग चार गुना ज़्यादा ओर स्वस्थ है l
ये हमारे फार्म पर शतप्रतिशत जैविक छींटा विधि से बोई गई बंशी गेहूं है l ज़मीन को बिना बुहाई किए बीज का छींटा मार कर ऊपर पराली यानी चावल का भूसा बिछा दिया ओर पानी लगा दिया गया उसके उपरांत 40 दिन बाद पहला पानी दिया गया l इसमें बीज के साथ सरसों की खली डाली गई ओर जीवामृत की एक स्प्रे की गई है l आज 48 दिन की हो गई है ओर जल्दी ही दूसरी पोस्ट आप सब से साँझा करेंगे l
प्रतिक्रिया देने का कष्ट अवश्य करें l फ़िलहाल ज़मीन बुहाई की मेहनत ओर खर्च की बचत तो हो ही गई है ओर उगाव काफ़ी अच्छा है l
सुप्रभात साथियों , दिनांक 19/11/2020 को हमनें एक एकड़ में मल्चिंग वाली बंसी तथा छः कनाल में सामान्य विधि से सरबती गेहूं की बिजाई की है l ये हमारा ट्रायल है कि बिना बुहाई किए बीज ओर सरसों की खली का छींटा देकर उसको धान की पराली से ढक दिया गया ओर फिर पानी देते वक़्त जीवामृत 400 लीटर ,वेस्टडिकंपोज़र 1000 लीटर, 100लीटर पानी में ट्राईकोड्रमा ओर हींग दिया गया l
फ़ोटो ओर प्रगति रिपोर्ट समय समय पर पोस्ट करते रहेंगे l
मोरिंगा को सहजन भी कहा जाता है. आमतौर पर लोग सहजन का प्रयोग केवल उसकी सब्जी बनाने के लिए करते हैं. बहुत कम लोगों को ये पता है कि मोरिंगा का सेहत के लिए और भी कई तरीकों से फायदेमंद होता है. मोरिंगा का इस्तेमाल एक औषधि के रूप में भी किया जाता है.
मोरिंगा के पेड़ को सेहत के लिए वरदान माना जाता है. इसे सहजन या ड्रमस्टिक भी कहा जाता है. भारत में सदियों से मोरिंगा का इस्तेमाल एक दवा के रूप में किया जाता रहा है. मोरिंगा पाउडर इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है. मोरिंगा यानी सहजन को सुपरफूड भी कहा जाता है. मोरिंगा ना सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद है बल्कि इसे ब्यूटी प्रोडक्ट के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. आइए जानते है इसके और क्या-क्या फायदे हैं.
विटामिन C,A और कैल्शियम से भरपूर- मोरिंगा में सभी जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं. इंटरनेशनल जर्नल ऑफ साइकोथेरेपी रिसर्च में ये जानकारी सामने आई है कि मोरिंगा में संतरे की तुलना में सात गुना ज्यादा विटामिन C पाया जाता है और गाजर की तुलना में 10 गुना ज्यादा विटामिन A पाया जाता है. इतना ही नहीं दूध के मुकाबले इसमें 17 गुना ज्यादा कैल्शियम पाया जाता है और साग के मुकाबले 25 गुना ज्यादा आयरन पाया जाता है.
ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है- मोरिंगा में फाइटोकेमिकल्स पाया जाता है जो ब्लड शुगर को कम नियंत्रित करने का काम करता है. इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो पेट के लिए बहुत अच्छा होता है.
एनीमिया को करता है दूर- मोरिंगा में आयरन की भरपूर मात्रा होती है जिसकी वजह से हेल्थ एक्सपर्ट एनीमिया दूर करने के लिए इसके इस्तेमाल की सलाह देते हैं. मोरिंगा में खूब सारा प्रोटीन, एमिनो एसिड, फाइबर, विटामिन B, C और E पाया जाता है.
ब्यूटी प्रोडक्ट के रूप में- मोरिंगा या इसका पाउडर चेहरे पर जादू की तरह काम करता है. मोरिंगा मुंहासे को दूर करता है, स्किन को मुलायम बनाता है और चेहरे से फाइन लाइन्स को दूर करता है.
सभी साथियों को सहर्ष सूचित किया जाता है कि हमारे food&fruit farm में शतप्रतिशत शुद्ध जैविक अमरूद उपलब्ध है ओर ऐलनाबाद क्षेत्र में होम डिलीवरी भी उपलब्ध है l फार्म में रेट 40 रुपए ओर होम डिलीवरी 50 रुपए व न्यूनतम ऑर्डर 2 किलो रहेगा l
हमारे प्राकृतिक food and fruit forest में अमरूद के अंदर सहजन,केला,अरंड के साथ साथ आलू , लहसुन, प्याज़, गाजर, चना,सरसों, गलूटोन फ़्री पेगंबरी गेंहु , क़ाबली चना , सोंफ व अजवायन की बिजाई जारी है
दूसरे प्लॉट में चीकू व आडु के बाग में सरबती ओर बंसी गेंहु मलचिंग विधि से , मसूर की बिजाई ओर अलसी व किनवा का प्रयोग किया जा रहा है
घर पर बुनाई किए गए हैंडीक्राफ़्ट पीढ़े
हमारे Hardu Food and Forest Farm में ज्वार के भट्टे तैयार हो रहे है बिलकुल शुद्ध देशी प्राकृतिक
हमारा कुदरती खेती से काला तथा 1121 चावल लगभग तैयार है कटाई के लिए
ये सनई या सिणी है जो सुबह सुबह प्राकृतिक आनंद ले रही है
कल 2 अक्टूबर को हम सब को संकल्प लेना चाहिए कि
हमारे food & fruit forest में परम्परागत मोटा अनाज एवं हाई न्यूट्रिशियन वेल्यू वाला रागी जो प्रायः आदिवासियों का भोजन रह गया है के पोधे
देशी बीज समाप्ति की ओर है तथा हम हाईब्रिड या BT की ओर दोड़ते जा रहे है जबकि गुणवत्ता की दृष्टि से बहुत कमी आ रही है l काफ़ी जागरूक ओर प्रकृति प्रेमी किसान भाई देशी बीजों का संरक्षण एवं संवर्धन के उद्देश्य से बीज बैंक की स्थापना करते हुए हमारी विरासत को बचाने का प्रयत्न कर रहे है ले सोशल मीडिया से कुछ जानकारी मिली ओर हम भी प्रेरित हुए इस मिशन से
अतः आपके पास किसी भी अनाज ,दलहन,तिलहन या सब्ज़ियों के देशी बीज हो तो कृपया बताने का कष्ट करें ,हम हमारे प्रकृतिकि food & fruit forest farm में लगाने व संरक्षित करने का प्रयास करेंगे l
हमारे food & forest farm में सण का पोधा, ये पोधा रस्सी बनाने के काम आता है ओर लगभग 40 वर्ष पूर्व हमारे क्षेत्र में लगाया जाता था ओर अब प्रायः लुप्त हो गया है l यह पोधा नाइट्रोजन केरियर होता है इसलिए जैविक या प्राकृतिक खेती में इसका काफ़ी महत्व होता है
हमारे food &fruit forest में कमल के पोधों की प्रगति
हमारे प्राकृतिक food and fruit forest farm में अमरूद की सर्दियों की फ़्रूटिंग ज़ोरों पर
हमारे फार्म में शत प्रतिशत जैविक काला तथा 1121 धान की फसल इस वर्ष ट्रायल पर है
फार्म में उगाए गए कमल के पोधे प्रगति की ओर अग्रसर
हमारे कुदरती फार्म को food and fruit forest में बदलने के उद्देश्य से लगाए केले के पोधे, हमारे क्षेत्र में एक नवाचार
आज फार्म में चार सो सहजन के पोधे अमरूद के बीच में 20x12 पर टेढ़े लगाए ओर Food and fruit forest की दिशा में एक कदम बढ़ाते हुए l
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Village/Kumthal, Teh. Ellenabad
Sirsa
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Sirsa, 125075
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