Novus Edumoni Foundation

Educating peoples by training for economical growth as well as improving living conditions. Come Soon...

26/02/2024

Meri Sadak enables citizens to register their feedback regarding roads.

Meri Sadak application was introduced as part of the government's Citizen Feedback system. The application was meant for grievance redressal relating to roads built under Pradhan Mantri Gram Sadak Yojana (PMGSY) and Other Roads (Non-PMGSY). The application allows the citizens to register a complaint regarding the pace of work, quality of work, land disputes etc. for a PMGSY and Non PMGSY road along with photographs of the site. The complaints are handled by the respective State Quality Coordinators (SQCs) of the Nodal Department in the State Governments.

Launched in 2015, the Mobile App has been revamped with a view to empower the citizens and make it more user friendly.

11/08/2022

Happy Rakshabandhan
Todays Reality

23/06/2022

. ईश्वर की कृपा

संतों की एक सभा चल रही थी. किसी ने एक दिन एक घड़े में गंगाजल भरकर वहां रखवा दिया ताकि संतजन जब प्यास लगे तो गंगाजल पी सकें.

संतों की उस सभा के बाहर एक व्यक्ति खड़ा था. उसने गंगाजल से भरे घड़े को देखा तो उसे तरह-तरह के विचार आने लगे.

वह सोचने लगा- अहा! यह घड़ा कितना भाग्यशाली है! एक तो इसमें किसी तालाब पोखर का नहीं बल्कि गंगाजल भरा गया और दूसरे यह अब सन्तों के काम आयेगा. संतों का स्पर्श मिलेगा, उनकी सेवा का अवसर मिलेगा. ऐसी किस्मत किसी किसी की ही होती है.

घड़े ने उसके मन के भाव पढ़ लिए और घड़ा बोल पड़ा- बंधु मैं तो मिट्टी के रूप में शून्य पड़ा था. किसी काम का नहीं था. कभी नहीं लगता था कि भगवान् ने हमारे साथ न्याय किया है.

फिर एक दिन एक कुम्हार आया.
उसने फावड़ा मार-मारकर हमको खोदा और गधे पर लादकर अपने घर ले गया. वहां ले जाकर हमको उसने रौंदा. फिर पानी डालकर गूंथा. चाकपर चढ़ाकर तेजी से घुमाया, फिर गला काटा. फिर थापी मार-मारकर बराबर किया.

बात यहीं नहीं रूकी. उसके बाद आंवे के आग में झोंक दिया जलने को

इतने कष्ट सहकर बाहर निकला तो गधे पर लादकर उसने मुझे बाजार में भेज दिया. वहां भी लोग ठोक-ठोककर देख रहे थे कि ठीक है कि नहीं?ठोकने-पीटने के बाद मेरी कीमत लगायी भी तो क्या- बस 20 से 30 रुपये!

मैं तो पल-पल यही सोचता रहा कि हे ईश्वर सारे अन्याय मेरे ही साथ करना था.

रोज एक नया कष्ट एक नई पीड़ा देते हो. मेरे साथ बस अन्याय ही अन्याय होना लिखा है! भगवान ने कृपा करने की भी योजना बनाई है यह बात थोड़े ही मालूम पड़ती थी!

किसी सज्जन ने मुझे खरीद लिया और जब मुझमें गंगाजल भरकर सन्तों की सभा में भेज दिया. तब मुझे आभास हुआ कि कुम्हार का वह फावड़ा चलाना भी भगवान् की कृपा थी.
उसका वह गूंथना भी भगवान् की कृपा थी.

आग में जलाना भी भगवान् की कृपा थी और बाजार में लोगों के द्वारा ठोके जाना भी भगवान् की कृपा ही थी. अब मालूम पड़ा कि सब भगवान् की कृपा ही कृपा थी!
परिस्थितियां हमें तोड़ देती हैं. विचलित कर देती हैं- इतनी विचलित की भगवान के अस्तित्व पर भी प्रश्न उठाने लगते हैं क्यों हम सबमें शक्ति नहीं होती ईश्वर की लीला समझने की, भविष्य में क्या होने वाला है उसे देखने की.
इसी नादानी में हम ईश्वर द्वारा कृपा करने से पूर्व की जा रही तैयारी को समझ नहीं पाते. बस कोसना शुरू कर देते हैं कि सारे पूजा-पाठ, सारे जतन कर रहे हैं फिर भी ईश्वर हैं कि प्रसन्न होने और अपनी कृपा बरसाने का नाम ही नहीं ले रहे.

पर हृदय से और शांत मन से सोचने का प्रयास कीजिए, क्या सचमुच ऐसा है या फिर हम ईश्वर के विधान को समझ ही नहीं पा रहे?

आप अपनी गाड़ी किसी ऐसे व्यक्ति को चलाने को नहीं देते जिसे अच्छे से ड्राइविंग न आती हो तो फिर ईश्वर अपनी कृपा उस व्यक्ति को कैसे सौंप सकते हैं जो अभी मन से पूरा पक्का न हुआ हो. कोई साधारण प्रसाद थोड़े ही है ये, मन से संतत्व का भाव लाना होगा.

ईश्वर द्वारा ली जा रही परीक्षा की घड़ी में भी हम सत्य और न्याय के पथ से विचलित नहीं होते तो ईश्वर की अनुकंपा होती जरूर है. किसी के साथ देर तो किसी के साथ सबेर.

यह सब पूर्वजन्मों के कर्मों से भी तय होता है कि ईश्वर की कृपादृष्टि में समय कितना लगना है. घड़े की तरह परीक्षा की अवधि में जो सत्यपथ पर टिका रहता है वह अपना जीवन सफल कर लेता है.

तो क्या करना चाहिए? धैर्य कैसे रखना चाहिए? इंसान है तो उसका टूटना स्वाभाविक है पर नहीं टूटे इसके लिए क्या करें?

संतोष का मार्ग ही विकल्प है. जो प्राप्त है वह भी पर्याप्त है जब यह सोचना शुरू कर देंगे तो आत्मिक आनंद मिलने लगा.

संसार का सबसे बड़ा सुखी वह है जो मन के मौज में रहता है. आप यह क्यों नहीं सोचते कि ईश्वर ने आपको जितना दिया है संसार में अनगिनत लोग हैं उन्हें तो उतना भी नहीं मिला है. बस उसे क्यों देखते हो जिसे आपसे ज्यादा प्राप्त है।

10/06/2022

तीन बुरी ख़बरें देखकर आज की परिस्थिथियो मे सभी ढलती उम्र के व्यक्तियों को अपने जीवन पर विचार करना ही चाहिये। 🧐🧐🧐

{1} _12000 करोड़ की रेमण्ड कम्पनी का मालिक आज बेटे की बेरुखी के कारण किराये के घर में रह रहा है।_

{2} _अरबपति महिला मुम्बई के पॉश इलाके के अपने करोड़ो के फ्लैट में पूरी तरह गल कर कंकाल बन गयी! विदेश में बहुत बड़ी नौकरी करने वाले करोड़पति बेटे को पता ही नहीं माँ कब मर गयी।

{3} _सपने सच कर आई. ए. एस. का पद पाये बक्सर के क्लेक्टर ने तनाव के कारण आत्महत्या की।_

ये तीन घटनायें बताती हैं जीवन में पद पैसा प्रतिष्ठा ये सब कुछ काम का नहीं। यदि आपके जीवन में खुशी संतुष्टी और अपने नहीं हैं तो कुछ भी मायने नहीं रखता।

वरना एक क्लेक्टर को क्या जरुरत थी जो उसे आत्महत्या करना पड़ा।

खुशियाँ पैसो से नहीं मिलती अपनों से मिलती है।_
क्योकि सीता जब राम के
पास थी तो उसे सोने का
हिरण चाहिए था मगर वही सीता जब सोने के
लंका मे गयी तो
उन्हे राम चाहिए था
इसलिए पैसा तो होता है
पर सब कुछ नही होता
पैसा बहुत कुछ है, लेकिन सब कुछ नही है।

जीवन आनन्द के लिए है, चाहे जो हों बस मुस्कुराते रहो...?_

_यदि आप चिंतित हो, तो खुद को थोड़ा आराम दों l

ये अंग्रेजी वर्ण हमें सिखाते हैं :-

A B C....?
Avoid Boring Company​
_​मायूस संगत से दूरी​_

_D E F...?_
Dont Entertain Fools​
_​मूर्खो पर समय व्यर्थ मत करों_

_G H I...?_
Go For High Ideas​
_​ऊँचे विचार रखो​_

_J K L M...?_
Just Keep A Friend Like Me​
_*मेरे जैसा मित्र रखों*

_N O P...?_
Never Overlook The Poor n Suffering​
_​गरीब व पीड़ित को कभी अनदेखा मत करों_

_Q R S...?_
Quit Reacting To Silly Tales​_
_​मूर्खो को प्रतिक्रिया मत दो​_

_T U V...?_
Tune Urself For Ur Victory​
_​खुद की जीत सुनिश्चित करों_

_W X Y Z...?_
We Xpect You To Zoom Ahead In Life​
_​हम आपसे जीवन मे आगे देखने की आशा करते हैं_

यदि आपने चाँद को देखा, तो आपने ईश्वर की सुन्दरता देखी!

यदि आपने सूर्य को देखा, तो आपने ईश्वर का बल देखा!

और यदि आपने आईना देखा तो आपने ईश्वर की सबसे सुंदर रचना देखी!

इसलिए स्वयं पर विश्वास रखो.

जीवन में हमारा उद्देश्य होना चाहिए :-

​9, 8, 7, 6, 5, 4, 3, 2, 1, 0​

_9 - गिलास पानी_
_8 - घण्टे नींद_
_7 - यात्रायें परिवार के साथ_
_6 - अंकों की आय_
_5 - दिन हफ्ते में काम_
_4 - चक्का वाहन_
_3 - बेडरूम वाला फ्लैट_
_2 - अच्छे बच्चें_
_1 - जीवन साथी_
_0 - चिन्ता...?_
🙏🏽🕉🙏🏽

18/05/2022

Real Education not a Degree.

26/04/2022

Save Water for your Next Generation

06/04/2022

RIMC school ( Rashtriya Indian Military College) Dehradun is conducting Entrance Exam for admission in Class VIII on 04 Jun 2022, for which people aren't generally aware.
All Boys & Girls born between 02 Jan 2010 and 01 July 2011 are eligible. 𝙇𝙖𝙨𝙩 𝙙𝙖𝙩𝙚 𝙩𝙤 𝙖𝙥𝙥𝙡𝙮 𝙞𝙨 25 𝘼𝙥𝙧𝙞𝙡 2022.
This is the most prestigious Army School
in India; especially to join Indian Armed Forces as an Officer.
Please give wide publicity among the people in your contact for the benefit of deserving children.
The undersigned can be contacted anytime for more details/ FREE guidance.
Regards🙏
:Group Captain (Dr) GS Vohra (Retd)
Mob: 7838194066

𝙉𝙤𝙩𝙚: Request also post the above information in all your Groups.

07/03/2022

🔱🕉️शिव में छिपे रहस्य🕉️🔱

1. भस्म

हमारे धर्म शास्त्रों में जहाँ सभी देवी-देवताओं को वस्त्र-आभूषणों से सुसज्जित जित बताया गया है वहीं भगवान शंकर को सिर्फ मृग चर्म (हिरण की खाल) लपेटे और भस्म लगाए बताया गया है।

भस्म शिव का प्रमुख वस्त्र भी है क्योंकि शिव का पूरा शरीर ही भस्म से ढंका रहता है। शिव का भस्म रमाने के पीछे कुछ वैज्ञानिक तथा आध्यात्मिक कारण भी हैं। भस्म की एक विशेषता होती है कि यह शरीर के रोम छिद्रों को बंद कर देती है।

इसका मुख्य गुण है कि इसको शरीर पर लगाने से गर्मी में गर्मी और सर्दी में सर्दी नहीं लगती। भस्मी त्वचा संबंधी रोगों में भी दवा का काम करती है। भस्मी धारण करने वाले शिव यह संदेश भी देते हैं कि परिस्थितियों के अनुसार अपने आपको ढालना मनुष्य का सबसे बड़ा गुण है।

2 त्रिशूल

त्रिशूल भगवान शिव का प्रमुख अस्त्र है। यदि त्रिशूल का प्रतीक चित्र देखें तो उसमें तीन नुकीले सिरे दिखते हैं। यूं तो यह अस्त्र संहार का प्रतीक है पर वास्तव में यह बहुत ही गूढ़ बात बताता है।

संसार में तीन तरह की प्रवृत्तियां होती हैं- सत, रज और तम। सत मतलब सात्विक, रज मतलब सांसारिक और तम मतलब तामसी अर्थात निशाचरी प्रवृति। हर मनुष्य में ये तीनों प्रवृत्तियां पाई जाती हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि इनकी मात्रा में अंतर होता है।

त्रिशूल के तीन नुकीले सिरे इन तीनों प्रवृत्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। त्रिशूल के माध्यम से भगवान शिव यह संदेश देते हैं कि इन गुणों पर हमारा पूर्ण नियंत्रण हो। यह त्रिशूल तभी उठाया जाए जब कोई मुश्किल आए। तभी इन तीन गुणों का आवश्यकतानुसार उपयोग हो।

3. श्मशान निवासी

भगवान शिव को वैसे तो परिवार का देवता कहा जाता है, लेकिन फिर भी श्मशान में निवास करते हैं। भगवान शिव के सांसारिक होते हुए भी श्मशान में निवास करने के पीछे लाइफ मैनेजमेंट का एक गूढ़ सूत्र छिपा है। संसार मोह-माया का प्रतीक है जबकि श्मशान वैराग्य का।

भगवान शिव कहते हैं कि संसार में रहते हुए अपने कर्तव्य पूरे करो, लेकिन मोह-माया से दूर रहो। क्योंकि ये संसार तो नश्वर है। एक न एक दिन ये सबकुछ नष्ट होने वाला है। इसलिए संसार में रहते हुए भी किसी से मोह मत रखो और अपने कर्तव्य पूरे करते हुए वैरागी की तरह आचरण करो।

4 नाग

भगवान शिव जितने रहस्यमयी हैं, उनका वस्त्र व आभूषण भी उतने ही विचित्र हैं। सांसारिक लोग जिनसे दूर भागते हैं। भगवान शिव उसे ही अपने साथ रखते हैं। भगवान शिव एकमात्र ऐसे देवता हैं जो गले में नाग धारण करते हैं।

देखा जाए तो नाग बहुत ही खतरनाक प्राणी है, लेकिन वह बिना कारण किसी को नहीं काटता। नाग पारिस्थितिक तंत्र का महत्वपूर्ण जीव है। जाने-अंजाने में ये मनुष्यों की सहायता ही करता है। कुछ लोग डर कर या अपने निजी स्वार्थ के लिए नागों को मार देते हैं।

लाइफ मैनेजमेंट के दृष्टिकोण से देखा जाए तो भगवान शिव नाग को गले में धारण कर ये संदेश देते हैं कि जीवन चक्र में हर प्राणी का अपना विशेष योगदान है। इसलिए बिना वजह किसी प्राणी की हत्या न करें।

5. कैलाश पर्वत

शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं। पर्वतों पर आम लोग नहीं आते-जाते। सिद्ध पुरुष ही वहां तक पहुंच पाते हैं। भगवान शिव भी कैलाश पर्वत पर योग में लीन रहते हैं। लाइफ मैनेजमेंट की दृष्टि से देखा जाए तो पर्वत प्रतीक है एकांत व ऊंचाई का।

यदि आप किसी प्रकार की सिद्धि पाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको एकांत स्थान पर ही साधना करनी चाहिए। ऐसे स्थान पर साधना करने से आपका मन भटकेगा नहीं और साधना की उच्च अवस्था तक पहुंच जाएगा।

6. *विष*

देवताओं और दानवों द्वारा किए गए समुद्र मंथन से निकला विष भगवान शंकर ने अपने कंठ में धारण किया था। विष के प्रभाव से उनका कंठ नीला पड़ गया और वे नीलकंठ के नाम से प्रसिद्ध हुए। समुद्र मंथन का अर्थ है अपने मन को मथना, विचारों का मंथन करना।

मन में असंख्य विचार और भावनाएं होती हैं उन्हें मथ कर निकालना और अच्छे विचारों को अपनाना। हम जब अपने मन को मथेंगे तो सबसे पहले बुरे विचार ही निकलेंगे। यही विष हैं, विष बुराइयों का प्रतीक है। शिव ने उसे अपने कंठ में धारण किया। उसे अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया।

शिव का विष पीना हमें यह संदेश देता है कि हमें बुराइयों को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए। बुराइयों का हर कदम पर सामना करना चाहिए। शिव द्वारा विष पीना यह भी सीख देता है कि यदि कोई बुराई पैदा हो रही हो तो हम उसे दूसरों तक नहीं पहुंचने दें।

7. *त्रिनेत्र*

धर्म ग्रंथों के अनुसार सभी देवताओं की दो आंखें हैं, लेकिन एकमात्र शिव ही ऐसे देवता हैं जिनकी तीन आंखें हैं। तीन आंखों वाला होने के कारण इन्हें त्रिनेत्रधारी भी कहते हैं। लाइफ मैनेजमेंट की दृष्टि से देखा जाए तो शिव का तीसरा नेत्र प्रतीकात्मक है।

आंखों का काम होता है रास्ता दिखाना और रास्ते में आने वाली मुसीबतों से सावधान करना। जीवन में कई बार ऐसे संकट भी आ जाते हैं, जिन्हें हम समझ नहीं पाते। ऐसे समय में विवेक और धैर्य ही एक सच्चे मार्गदर्शक के रूप में हमें सही-गलत की पहचान कराता है।

यह विवेक अत:प्रेरणा के रूप में हमारे अंदर ही रहता है। बस ज़रुरत है उसे जगाने की। भगवान शिव का तीसरा नेत्र आज्ञा चक्र का स्थान है। यह आज्ञा चक्र ही विवेक बुद्धि का स्रोत है। यही हमें विपरीत परिस्थिति में सही निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है।

8. *नंदी*

भगवान शंकर का वाहन नंदी यानी बैल है। बैल बहुत ही मेहनती जीव होता है। वह शक्तिशाली होने के बावजूद शांत एवं भोला होता है। वैसे ही भगवान शिव भी परमयोगी एवं शक्तिशाली होते हुए भी परम शांत एवं इतने भोले हैं कि उनका एक नाम ही भोलेनाथ जगत में प्रसिद्ध है।

भगवान शंकर ने जिस तरह काम को भस्म कर उस पर विजय प्राप्त की थी, उसी तरह उनका वाहन भी कामी नही होता। उसका काम पर पूरा नियंत्रण होता है।

साथ ही नंदी पुरुषार्थ का भी प्रतीक माना गया है। कड़ी मेहनत करने के बाद भी बैल कभी थकता नहीं है। वह लगातार अपने कर्म करते रहता है। इसका अर्थ है हमें भी सदैव अपना कर्म करते रहना चाहिए। कर्म करते रहने के कारण जिस तरह नंदी शिव को प्रिय है, उसी प्रकार हम भी भगवान शंकर की कृपा पा सकते हैं।

9. *चंद्रमा*

भगवान शिव का एक नाम भालचंद्र भी प्रसिद्ध है। भालचंद्र का अर्थ है मस्तक पर चंद्रमा धारण करने वाला। चंद्रमा का स्वभाव शीतल होता है। चंद्रमा की किरणें भी शीतलता प्रदान करती हैं।

लाइफ मैनेजमेंट के दृष्टिकोण से देखा जाए तो भगवान शिव कहते हैं कि जीवन में कितनी भी बड़ी समस्या क्यों न आ जाए, दिमाग हमेशा शांत ही रखना चाहिए। यदि दिमाग शांत रहेगा तो बड़ी से बड़ी समस्या का हल भी निकल आएगा। ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक ग्रह माना गया है।

मन की प्रवृत्ति बहुत चंचल होती है। भगवान शिव का चंद्रमा को धारण करने का अर्थ है कि मन को सदैव अपने काबू में रखना चाहिए। मन भटकेगा तो लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो पाएगी। जिसने मन पर नियंत्रण कर लिया, वह अपने जीवन में कठिन से कठिन लक्ष्य भी आसानी से पा लेता है।

10. *बिल्व पत्र*

शिवपुराण आदि ग्रंथों में भगवान शिव को बिल्व पत्र चढ़ाने का विशेष महत्व बताया गया है। 3 पत्तों वाला बिल्व पत्र ही शिव पूजन में उपयुक्त माना गया है। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि बिल्वपत्र के तीनों पत्ते कहीं से कटे-फटे न हो।

लाइफ मैनेजमेंट के दृष्टिकोण से देखा जाए तो बिल्व पत्र के ये तीन पत्ते चार पुरुषार्थों में से तीन का प्रतीक हैं- धर्म, अर्थ व काम। जब आप ये तीनों निस्वार्थ भाव से भगवान शिव को समर्पित कर देते हैं तो चौथा पुरुषार्थ यानी मोक्ष अपने आप ही प्राप्त हो जाता है।

11. *भांग-धतूरा*

भगवान शिव को भांग-धतूरा मुख्य रूप से चढ़ाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान को भांग-धतूरा चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं। भांग व धतूरा नशीले पदार्थ हैं।

आमजन इनका सेवन नशे के लिए करते हैं। लाइफ मैनेजमेंट के अनुसार भगवान शिव को भांग-धतूरा चढ़ाने का अर्थ है अपनी बुराइयों को भगवान को समर्पित करना।

यानी अगर आप किसी प्रकार का नशा करते हैं तो इसे भगवान को अर्पित करे दें और भविष्य में कभी भी नशीले पदार्थों का सेवन न करने का संकल्प लें। ऐसा करने से भगवान की कृपा आप पर बनी रहेगी और जीवन सुखमय होगा।

12. शिव के गण

शिव को संहार का देवता कहा गया है। अर्थात जब मनुष्य अपनी सभी मर्यादाओं को तोडऩे लगता है तब शिव उसका संहार कर देते हैं। जिन्हें अपने पाप कर्मों का फल भोगना बचा रहता है वे ही प्रेतयोनि को प्राप्त होते हैं।

चूंकि शिव संहार के देवता हैं। इसलिए इनको दंड भी वे ही देते हैं। इसलिए शिव को भूत-प्रेतों का देवता भी कहा जाता है। दरअसल यह जो भूत-प्रेत है वह कुछ और नहीं बल्कि सूक्ष्म शरीर का प्रतीक है।

शिव का यह संदेश है कि हर तरह के जीव जिससे सब घृणा करते हैं या भय करते हैं वे भी शिव के समीप पहुंच सकते हैं, केवल शर्त है कि वे अपना सर्वस्व शिव को समर्पित कर दें।🔱🙏

21/10/2021

Appreciate what we have.
It's Dream for many...

15/08/2021

"Every citizen of India must remember that… he is an Indian and he has every right in this country but with certain …duties”

गीता में डिप्लोमा अध्ययन कोर्स 22/07/2021

हरे कृष्ण 🙏🙏🙏

1 अगस्त 2021 से 18 अगस्त 2021 तक

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*भारत मे*: 7 Pm - 8 Pm(IST)
*युएई मे* :5:30 Pm - 6:30 Pm(UAE)
*अमेरिका मे* 9: 30 Am - 10: 30 Am(US - NY)

पाठ्यक्रम में भाग लेने के लाभ:

1. *भगवद गीता मे डिप्लोमा धारक बने । व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करें*।
2.भगवद गीता को विस्तार मे जाने केवल 18 सत्र में । *हर सत्र मे 1 अध्याय*।
3. निःशुल्क अध्ययन सामग्री प्राप्त करें (Free Study Material)।
4.प्रश्न उत्तर सत्र (Q &A)।
5.ऑनलाइन प्रमाण पत्र(certificate) प्राप्त करें।

*इस्कान(Iskcon) अयोध्या* द्वारा प्रयोजीत।

विदीत हो जुन 2021 मे हुये सत्रो मे 1
लाख प्रतिभागीयो ने लाभ उठाया था।

*हाथ जोड कर विनम्र अनुरोध है कि इसे अधिकतम लोगों से साझा करें*(Share with Max People)
आप अपने सभी व्हाट्सएप संपर्कों, फेसबुक, टेलीग्राम मे इसे भेजे ओर *हमारी गीता का ज्ञान जनमानस मे पहुचाने मे हमारी और अपनी मदद करे और हमारा सहयोग करे।*

हरे कृष्ण🙏

गीता में डिप्लोमा अध्ययन कोर्स गीता में डिप्लोमा- १८ दिन १८ अध्याय अध्ययन कोर्स ऑनलाइन पाठ कार्यक्रम...

01/06/2021

Whatever Good You do Always Returns

02/05/2021

*एक आग्रह एक निवेदन*
*यदि किसी के घर में कोई* *कोविड-19 के पेशेंट थे एवं वो ठीक हो चुके हैं और उनके पास ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीमीटर, इनहेलर मशीन, या ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हो तो अपने दोस्त या जानकार लोगों को सिक्योरिटी या कुछ कम दामों में सेल कर दें या मदद के तौर पर उधार दे दे। इस महामारी के दौर में कृपया एक दूसरे के काम आए । ये बुरा दौर है कुछ दिनों में गुजर जायेगा। बस सब तन मन धन से अपनो की सहायता करें। शायद हमारी इस छोटी सी पहल से हम किसी एक की सहायता कर सके। जरूरी नही की बाजार में ये सब आसानी से उपलब्ध हो या हर कोई ये सब खरीदने मे सक्षम हो। आपकी ये छोटी सी सहायता किसी को जीवन दान दे सकती है ओर जीवन दान सबसे बडा दान है। आज इस कोरोना काल मे ये सब जीवन अमृत की बूंद समान है ।*

🙏🏻🙏🏻

29/04/2021

Help for Loneliness Depression

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