Shah Skin Cosmetic Laser And Hair Transplant Center

We offer best quality treatment with cheapest rate we have Bombay team and well qualified Doctors
ha

05/12/2023
11/11/2023
09/11/2023
01/10/2023
વાંસલડી ડૉટ કૉમ - Kavi Jagat 07/09/2023

વાંસલડી ડૉટ કૉમ - Kavi Jagat Kavi Jagat કૃષ્ણ દવે વાંસલડી ડૉટ કૉમ

22/08/2023
હવે પાંપણોમાં અદાલત ભરાશે - Kavi Jagat 21/08/2023

હવે પાંપણોમાં અદાલત ભરાશે - Kavi Jagat Kavi Jagat ગઝલ હવે પાંપણોમાં અદાલત ભરાશે

17/08/2023

"मुझे आज भी याद है कि एक सैनिक ने कहा था, 'बहनजी मुझे जल्द से जल्द ठीक करो ताकि मैं देश के लिए फिर से बलिदान दे सकूं,'" यह कहना है 94 वर्षीय रमा खंडेलवाल का।
आज़ादी की लड़ाई में रमा, आज़ाद हिन्द फ़ौज का हिस्सा थीं और अपनी काबिलियत के बल पर उन्होंने सेना में सेकंड लेफ्टिनेंट होने का सम्मान प्राप्त किया था। एक समृद्ध परिवार से आने वाली रमा ने अपने देश के लिए सभी सुख-सुविधाओं को त्याग दिया था। देशभक्ति की यह भावना उन्हें अपने दादाजी और माँ से मिली, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
रमा बतातीं हैं कि फ़ौज के सभी सैनिकों को ज़मीन पर सोना होता था और वो फीका खाना खाते थे। फिर पूरा दिन ट्रेनिंग करते, वह भी बिना आराम किए। अपना सभी काम खुद करने का नियम था। शुरू-शुरू में उन्हें मुश्किल ज़रूर हुई क्योंकि उन्हें ऐसे जीवन की आदत नहीं थी। लेकिन फिर धीरे-धीरे उन्होंने देश की आज़ादी की लड़ाई को ही अपना जीवन बना लिया।
उनका दिन झंडा फहराने, परेड करने और उबले हुए चने खाने के साथ शुरू होता। उन्हें आत्म-रक्षा, राइफल शूटिंग, मशीन गन चलाने की ट्रेनिंग दी जाती और फिर चाहे भीषण गर्मी हो या तेज बरसात, ये ट्रेनिंग कभी नहीं रुकीं। शाम को मनोरंजन होता था। देशभक्ति गानों से सभी सैनिकों का मनोबल बढ़ाया जाता। किसी की भी रैंक चाहे कोई भी हो लेकिन सभी को सैनिकों की तरह ही रहना होता था। सबको अपनी ट्रेनिंग के साथ-साथ कुछ अतिरिक्त ड्यूटी जैसे खाना पकाना, साफ़-सफाई, और रात को पहरा देना पड़ता था।
एक बार अपनी ड्यूटी के दौरान रमा एक गड्ढे में गिर गईं और उन्हें काफी चोट आई। उन्हें अस्पताल ले जाया गया और तब पहली बार उनकी नेताजी से मुलाक़ात हुई। नेताजी ने देखा कि रमा का खून बह रहा है लेकिन फिर भी उनकी आँखों से एक भी आंसू नहीं गिरा। इलाज के दौरान भी वह संयमित रहीं और तब नेताजी ने उन्हें कहा, "यह सिर्फ शुरूआत है, आगे इससे भी बड़ी मुश्किलें होंगी। देश की लड़ाई में जाना है तो हिम्मत रखो।"
नेताजी के इस कथन को सुन रमा की आँखे नम हो गईं और उनका मन हौसले से भर गया। इसके बाद, अगले कई सालों तक भारत की यह बेटी लगातार ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लड़ती रही। लड़ाई के दौरान उन्हें पकड़ लिया गया और बर्मा में नज़रबंद रखा गया।
साल 1946 में वह दिल में देश की आज़ादी की तमन्ना लिए बॉम्बे(अब मुंबई) पहुंचीं थीं। एक साल बाद उनका यह सपना पूरा हुआ। इसके बाद, उन्होंने शादी की और बतौर टूरिस्ट गाइड अपने जीवन की दूसरी पारी शुरू की।
50 बरसों से भी ज्यादा समय तक बतौर टूरिस्ट गाइड काम करने वाली रमा को नेशनल टूरिज्म अवॉर्ड से नवाज़ा गया है। वह कहतीं हैं, "अब जब मैं अपने जीवन की तरफ वापस मुड़कर देखती हूँ तो लगता है कि आज़ाद हिन्द फ़ौज के साथ मैंने अपनी ज़िंदगी का सबसे खुशनुमा वक़्त बिताया। 'करो या मरो' सिर्फ युद्ध की घोषणा नहीं थी बल्कि यह मेरे जीवन का सार है। मैंने अपनी ज़िंदगी के ज़रूरी सबक नेताजी से सीखे जो हमेशा कहते थे, 'आगे बढ़ो।' उनके भाषणों ने मुझे आत्म-विश्वास और सकारात्मकता दी। उन्होंने हमें अपने गुस्से को काबू कर, आत्म-शांति का ज्ञान दिया। वह कहते थे कि अपनी ख़ुशी को खोना बिल्कुल भी ठीक नहीं। आज मैं जो कुछ हूँ, उनकी इन्हीं शिक्षाओं की वजह से हूँ।"
सभी सुख सुविधाओं को त्यागकर देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने वाली रमा खंडेलवाल को द बेटर इंडिया नमन करता है!

01/05/2023

सबसे पहले इन पहलवानों के मैडल वापस लो
जो एक बुड्ढे से खुद की इज्जत नही बचा पाए वो पहलवानी क्या करेंगे..
😐

01/05/2023

पेंग्विन दुनिया के सबसे ठंडे स्थान Antarctica में रहते है..... सामान्यत तो उन्हें ठंड नही लगती , लेकिन जब वहाँ की सर्दियों के सबसे ठंडे दिन आते है तो उन्हें भी ठंड लगती है.....

पेंग्विन क्या करते है...???

सारे पेंग्विन एक साथ खड़े हो जाते है सटकर... तो हर पेंग्विन चारों ओर से ढक जाता है...... मतलब शरीर के रेडीएशन से जो ऊष्मा की हानि होती है,वह पड़ोसी पेंग्विन को ही मिल जाती है, व्यर्थ नही होती..... याने हर पेंग्विन दूसरे का हीटर बन जाता है......

लेकिन झुंड की बाउंड्री भी तो होती है। जो बाउंड्री पर होंगे वे तो एक ओर से uncovered होकर ठंड से पीड़ित होंगे.....

लेकिन पेंग्विन लोगों ने उसका भी हल ढूँढ लिया है...... झुंड की बाउंड्री के सदस्य को कुछ ही क्षणो में झुंड के अंदर ले लिया जाता है व उनके स्थान पर दूसरे पेंग्विन आ जाते है..... इस निरंतर चलते रहने से भी शरीर गर्म रहते है......

बहुत बुद्धिमान है पेंग्विन लोग। जानते है साथ नही रहेंगे तो मर जाएँगे। व कोई भेदभाव नही है..... हर पेंग्विन को बाउंड्री पर जाना होता है, व हर पेंग्विन को केंद्र में जाने को मिलता है...... जानते है बाउंड्री वालों को वही रखेंगे तो वे कुछ देर में मर जाएँगे, उसके बाद उनसे आगे वाले मर जाएँगे, व इस तरह पूरा झुंड मर जाएगा......

बहुत बुद्धिमान होते है पेंग्विन...... भगवान ने सब को बुद्धि दी है, केवल हिंदुओं को छोड़कर......

साभार

ट्विटर पर अकाउंट की रिपोर्ट हो रही है तो पुराने वाले की जगह नये वाले से पोस्ट मिलेंगी नये वाले से जुड़ते रहे ।
जुड़ने के लिए लिंक पर क्लिक करे ।

https://twitter.com/shripushpendra2?s=11&t=CvW-3fRkyLbY8q7n28ByDg

Photos from Say NO to Bollywood's post 01/05/2023
28/04/2023

आपकी बिल्डिंग की छत अगर गिरने वाली हो तो निम्न उपाय करे:

2 करोड़ के परदे लगाए, थोड़ा हार्ड, ताकि छत को सपोर्ट मिले

5 करोड़ की टाइल्स लगाए ताकि इतनी महंगी टाइल्स देख के छत शर्म से न गिरे

5 करोड़ का स्विमिंग पूल बनाए ताकि अगर छत गिरती है तो उसमे छपाक से कूद के जान बचाई जा सके।

1 करोड़ की अलमीरा बनवाए ताकि छत को सपोर्ट मिल सके।

कट्टर ईमानदार का नारा लगाए, छत नही गिरेगी।

यह सब ज्ञान कल प्राप्त हुआ

25/04/2023

11 सितम्बर 1857 का दिन था जब #बिठूर में एक पेड़ से बंधी तेरह वर्ष की लड़की को ब्रिटिश सेना ने जिंदा ही आग के हवाले किया, धूँ धूँ कर जलती वो लड़की उफ़ तक न बोली और जिंदा लाश की तरह जलती हुई राख में तब्दील हो गई|

ये लड़की थी #नाना_साहब_पेशवा की दत्तक पुत्री #मैना_कुमारी जिसे 160 वर्ष पूर्व आज ही के दिन आउटरम नामक ब्रिटिश अधिकारी ने जिंदा जला दिया था|

जिसने 1857 क्रांति के दौरान अपने पिता के साथ जाने से इसलिए मना कर दिया की कही उसकी सुरक्षा के चलते उसके पिता को देश सेवा में कोई समस्या न आये और बिठूर के महल में रहना उचित समझा|

#नाना_साहब पर ब्रिटिश सरकार इनाम घोषित कर चुकी थी और जैसे ही उन्हें पता चला #नाना_साहब महल से बाहर है ब्रिटिश सरकार ने महल घेर लिया, जहाँ उन्हें कुछ सैनिको के साथ बस #मैना_कुमारी ही मिली|

#मैना_कुमारी ब्रटिश सैनिको को देख कर महल के गुप्त स्थानों में जा छुपी, ये देख ब्रिटिश अफसर आउटरम ने महल को तोप से उड़ने का आदेश दिया और ऐसा कर वो वहां से चला गया पर अपने कुछ सिपाहियों को वही छोड़ गया|

रात को #मैना को जब लगा की सब लोग जा चुके है और वो बहार निकली तो दो सिपाहियों ने उसे पकड़ लिया और फिर आउटरम के सामने पेश किया|

आउटरम ने पहले #मैना को एक पेड़ से बंधा फिर #मैना से #नाना_साहब के बारे में और #क्रांति की गुप्त जानकारी जाननी चाही पर उस से मुँह नही खोला|

यहाँ तक की आउटरम ने #मैना_कुमारी को जिंदा जलने की धमकी भी दी पर, उसने कहा की वो एक क्रांतिकारी की बेटी है मृत्यु से नही डरती|

ये देख आउटरम तिलमिला गया और उसने #मैना_कुमारी को जिंदा जलने का आदेश दे दिया, इस पर भी #मैना_कुमारी बिना प्रतिरोध के आग में जल गई ताकि क्रांति की मशाल कभी न बुझे|

बिना खड्ग बिना ढाल वाली गैंग या धूर्त वामपंथी लेखक चाहे जो लिखे पर हमारी स्वतंत्रता इन जैसे असँख्य #क्रांतिवीर और #वीरांगनाओं के बलिदानों का ही प्रतिफल है और इनकी गाथाएँ आगे की पीढ़ी तक पहुँचनी चाहिए|

इन्हें हर कृतज्ञ भारतीय का नमन पहुँचना चाहिये|

शत शत नमन है इस महान बाल वीरांगना को| 🙏🙏

21/04/2023

*शोएब मलिक ने पहली वाली को छोड़कर* सानिया से निकाह किया *अपनी औकात से बेहतर और काबिल लड़की मिलने के बावजूद कौम की जन्म जात आदत उसके अंदर से गई नहीं ...*…

और ये तीसरी हसीना के चक्कर में पड़ गया अब वह दो दो औरतों के साथ दगा करके भी अपनी कौम के हीरो बने रहेगा और तीसरी के साथ मजे से (हालांकि आगे भरोसा तो नहीं है) जिंदगी भी काटेगा *...*…

दूसरी तरफ अपना सब निचोड़वाकर सानिया को खाली हाथ अपने मुल्क लौटना पड़ रहा है *तलाकशुदा के टैग के साथ* ये उनकी कौम में इतनी बड़ी हस्ती की हैसियत है *बाकी की औरतों का हाल तो आप सभी सोच ही सकते हैं*।

*हमें सानिया से कोई हमदर्दी नहीं* क्योंकि उसने दुश्मन मुल्क से रिश्ता जोड़ा *जबकि हिंदुस्तान में ही उस पे मरने वाले लाखों युवा थे* काबिल थे *मुसलमान भी थे* लेकिन उन सभी को ठुकरा कर स्वार्थी बनकर वह उस मुल्क को भी भूल गई थी जिसने उसे इतनी इज्जत दी *कामयाबी दी* इंसान के कर्म कभी भी *उसका पीछा नहीं छोड़ते !!!!!!!!!*
Read link for latest updates
https://www.insidesport.in/sania-mirza-shoaib-malik-divorce-iftaar-with-my-sania-mirza-snubs-shoaib-malik-yet-again-feasts-with-son-izhaan-alone-at-iftaar-fuelling-divorce-rumors-with-pakistani-cricketer/

19/04/2023

कौन थे *हरि सिंह नलवा* ?
🔸जिनके डर से पठान आज भी पहनते हैं सलवार(स्त्रियों के वस्त्र)

▪️जिसे आज पठानी सूट कहा जाता है वो दरअसल स्त्रियों द्वारा पहने जाने वाला सलवार कमीज है !

इतिहास की सच्ची घटना जिसे खुद मियां गुल औरंगजेब (Mian Gul Aurangzeb) ने कबूल किया था।
**मियां गुल औरंगजेब पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और तानाशाह अयूब खान के दामाद और बलूचिस्तान के पूर्व गवर्नर रहे हैं**
सरदार हरि सिंह नलवा (1791 - 1837),
॰महाराजा रणजीत सिंह के सेनाध्यक्ष थे।
॰जिन्होने पठानों के विरुद्ध किये गये कई युद्धों का नेतृत्व किया।
॰रणनीति और रणकौशल की दृष्टि से हरि सिंह नलवा की तुलना भारत के श्रेष्ठ सेनानायकों से की जा सकती है।
॰उन्होने कसूर, सियालकोट, अटक, मुल्तान, कश्मीर, पेशावर और जमरूद की जीत के पीछे हरि सिंह का नायकत्व था।
॰उन्होने सिख साम्राज्य की सीमा को सिन्धु नदी के परे ले जाकर खैबर दर्रे के मुहाने तक पहुँचा दिया।
॰हरि सिंह की मृत्यु के समय सिख साम्राज्य की पश्चिमी सीमा जमरुद तक पहुंच चुकी थी।
पश्तून लीडर “मियांगुल औरंगजेब” ने तालिबानी ड्रेस कोड की निंदा करते हुए कहा था कि तालिबान को अपने इतिहास के बारे में कोई जानकारी नहीं है, दरअसल जिस ड्रेस कोड को तालिबान लागू कर रहा है वो पठानों का सही ड्रेस कोड नहीं है।
ये ड्रेस कोड (सलवार कमीज) पठान पुरुषों ने हरि सिंह नलवा की तलवार के डर से पहनी थी ना कि स्वेच्छा से।
उस वक्त मियांगुल औरंगजेब के इस बयान से पाकिस्तान के कथित मर्दे मोमनीन की भावनाएं जबरदस्त तरीके से आहत हो गई थीं क्योंकि मियांगुल औरंगजेब ने ऐतिहासिक सच्चाई बयां कर दी थीं ।
मियांगुल औरंगजेब ने पूरा सटीक बयान निम्नलिखित है-

“महाराजा रणजीत सिंह की आर्मी हरि सिंह नलवा की लीडरशिप में 1820 में फ्रंटियर में आई थी।
हरि सिंह नलवा की फौज ने बहुत आसानी से हमारे पूर्वजों पर विजय प्राप्त कर ली थी। पूरे लिखित इतिहास में यही एक ऐसा समय है जब हम पर विदेशियों का शासन लागू हो गया और हम गुलाम हो गए। सिखों की सेना से पठान इतने ज्यादा घबराए हुए थे कि बाजार में सिखों को देखते ही सारे के सारे छुप जाया करते थे जिसने भी सिखों का विरोध किया उनको बेरहमी से कुचल दिया गया । उस समय ये बात बहुत प्रचलित हो गई थी कि सिख तीन लोगों के प्राण नहीं लेते हैं
॰स्त्रियाँ
॰ बच्चे
॰बुजुर्ग

इसके बाद पठान पंजाबी महिलाओं के द्वारा पहना जाने वाला सलवार कमीज पहनने लगे । यानी ये ऐसा समय आ गया जब महिलाएं और पुरुष एक जैसे ही कपड़े पहनने लगे । इसके बाद सिख भी उन पठानों को मारने से परहेज करने लगे जिन्होंने महिलाओं के सलवार धारण कर लिए ।
दरअसल पठानों का सलवार पहनना एक तरह से सिख आर्मी के सामने पठानों का सरेंडर था । और सरेंडर होने वाले पर‌ सिख वैसे भी कभी हमला नहीं करते थे।
इस किताब के पेज नंबर 264 पर हरि सिंह नलवा के समय में घटी इस घटना का जिक्र है । इस किताब में लिखा है कि हरि सिंह नलवा ने पठानों से टैक्स मांगा था। तब पठानों ने सिर्फ ये देखने के लिए कि हरि सिंह नलवा क्या करेंगे ? टैक्स देने से इनकार कर दिया । गुस्से में आंख लाल करके हरि सिंह नलवा ने अपनी तलवार मयान से बाहर निकाल दी… तब पठानों ने घुटनों पर बैठकर माफी मांगी और कहा कि टैक्स देंगे । लेकिन हरि सिंह नलवा ने अपनी तलवार म्यान में नहीं डाली और कहा कि मेरी तलवार म्यान से निकल चुकी है अब बिना अपना काम किए नहीं लौटेगी… मुझे पांच पठानों के सिर चाहिए । तब पठानों ने बहुत मिन्नतें करके पांच बकरियां हरि सिंह नलवा को दी थीं कि इन्हें काटकर अपनी तलवार की खून की प्यास बुझा लें ।

31/03/2023
23/03/2023

इंडिगो के काउंटर पर कर्मचारी की भेषभूषा देख कर मैं थोड़ा चौंका। सारे कर्मचारी शूट टाई की जगह कुर्ता पायजामा पहने हुए थे। चेक-इन के दौरान मैंने आहिस्ता से पूछा, "क्या आप की ड्रेस बदल गयी है?" उसने भी धीरे से मुस्कान बिखेरते हुए जवाब दिया, "सर आज भारतीय नववर्ष है, इसलिए हम पारम्परिक कपड़े पहन कर आए हैं। "

कुछ वर्ष पहले तक यह नजारा देखने को नहीं मिलता था। आमतौर पर होली, दिवाली और ईद के मौके पर ही दफ्तरों में लोग पारम्परिक परिधान पहन कर काम करते देखे जाते थे। भारतीय नववर्ष पर नागपुर एयरपोर्ट का यह दृश्य देख कर लगता है मेरा देश सांस्कृतिक पुनर्जागरण के दौर से गुजर रहा है। कोई भी देश तभी महान और शक्तिशाली बनाता है जब वह अपनी जड़ों से गहरे से जुड़ा होता है।

साभार

Want your practice to be the top-listed Clinic in Surat?
Click here to claim your Sponsored Listing.

Category

Telephone

Address


Athenea Center, M 12 Western Plaza Building, Near Bhulka Bhavan School Gas Circle, Adajan Hazira Road, Adajan , Surat
Surat
395009

Opening Hours

Monday 9am - 8am
Tuesday 9am - 8am
Wednesday 9am - 8am
Thursday 9am - 8am
Friday 9am - 8am
Saturday 9am - 8am
Sunday 9am - 8am

Other Medical & Health in Surat (show all)
Roshni's Physio Roshni's Physio
Sanjiv Kumar Auditorium
Surat, 395009

Dr Roshani Parekh is one of the well known Physiotherapist in Surat Practicing since 2008 Begin your healing journey at our Roshni's Physio Physiotherapy centre.

Samriddh Studio Samriddh Studio
Surat

We are here to help you live your best life by providing an environment full of the benefits of yoga.

Physio360 Physio360
Surat, 395009

We are here to help all people who have knee pain, cervical pain, back pain, shoulder pain, muscle pain. we believe in freestyle training and we operate our services in adajan, S...

Aapnu ayurved Aapnu ayurved
504/rudraksh Residency
Surat, 395006

કેમિકલ મુક્ત ભારત

Hari Krishna aayurvedic Hari Krishna aayurvedic
Surat, 395003

wellness

Shreeji Pathology Laboratory Shreeji Pathology Laboratory
1. Cross Road Shoping, Amroli; 2. La Citadel Complex, Puna Patiya ; 3. Infinity Business Hub, Palan Pur Canal Road
Surat

Align360 Physiotherapy Align360 Physiotherapy
A-21, Ghanshyam Bunglows, Near Shardayatan School
Surat, 395007

Ayurvedic khajano Ayurvedic khajano
Surat, 395003

Amarvira Powder Amarvira Powder
Shop No. 3037, Palladium Mall, Yogi Chowk Ground
Surat, 395006

Amarvira Powder Is A Wide Range Of Native herbs Powder For Diseases Like Diabetes, Constipation...E

Ojas Natural Ojas Natural
Surat, 395002

JOGI Panch Karma JOGI Panch Karma
2nd Floor Shagun Square, Giriraj Society, Ajramar Chowk, Adajan
Surat, 395009

We are an ISO 9001:2015 certified as well as NABH certified Panchkarma hospital.