Lali baba asram varanasi
Tomorrow raasssia will have eclipse of the sun. From 7:45to12 a.m. besst time for jaapa
very powerfull time
in thiss time no toilet go no drink no food.not
all kinds of yoga , prayanama , maditation , open kundalini, allkinds of pritual work , trantric ,aghora karma , spritual foodall kinds of sweet,ayur veda....ect.....
Happy ganesh chaturthi
अप्सरा रंभा के विलक्षण मंत्र, जो देते हैं रंग-रूप-यौवन
आकर्षक सुन्दरतम वस्त्र, अलंकार और सौंदर्य प्रसाधनों से युक्त-सुसज्जित, चिरयौवना रंभा के बारे में कहा जाता है कि उनकी साधना करने से साधक के शरीर के रोग, जर्जरता एवं बुढ़ापा समाप्त हो जाते हैं।
रंभा के मंत्र सिद्ध होने पर वह साधक के साथ छाया के तरह जीवन भर सुन्दर और सौम्य रूप में रहती है तथा उसके सभी मनोरथों को पूर्ण करने में सहायक होती है।
यह जीवन की सर्वश्रेष्ठ साधना है। जिसे देवताओं ने सिद्ध किया इसके साथ ही ऋषि मुनि, योगी, संन्यासी आदि ने भी सिद्ध किया इस सौम्य साधना को।
इस साधना से प्रेम और समर्पण के गुण व्यक्ति में स्वतः प्रस्फुरित होते हैं क्योंकि जीवन में यदि प्रेम नहीं होगा तो व्यक्ति तनावों में बीमारियों से ग्रस्त होकर समाप्त हो जाएगा। प्रेम को अभिव्यक्त करने का सौभाग्य और सशक्त माध्यम है रंभा साधना।
साधना विधि
सामग्री - प्राण प्रतिष्ठित रंभोत्कीलन यंत्र, रंभा माला, सौंदर्य गुटिका ।
यह रात्रिकालीन 27 दिन की साधना है। इस साधना को किसी भी पूर्णिमा या शुक्रवार को अथवा किसी भी विशेष मुहूर्त में प्रारंभ करें। साधना प्रारंभ करने से पूर्व साधक को चाहिए कि स्नान आदि से निवृत होकर अपने सामने चौकी पर गुलाबी वस्त्र बिछा लें, पीला या सफ़ेद किसी भी आसान पर बैठे, आकर्षक और सुन्दर वस्त्र पहनें। पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें। घी का दीपक जला लें। सामने चौकी पर एक थाली रख लें, दोनों हाथों में गुलाब की पंखुडियां लेकर रंभा का आह्वान करें।
|| ॐ ! रंभे अगच्छ पूर्ण यौवन संस्तुते ||
यह आवश्यक है कि यह आह्वान कम से कम 101 बार अवश्य हो प्रत्येक आह्वान मंत्र के साथ गुलाब की पांखुरी थाली में रखें। इस प्रकार आवाहन से पूरी थाली पांखुरियों से भर दें।
अब अप्सरा माला को पांखुरियों के ऊपर रख दें इसके बाद अपने बैठने के आसान पर ओर अपने ऊपर इत्र छिडकें। रंभोत्कीलन यंत्र को माला के ऊपर आसन पर स्थापित करें। गुटिका को यन्त्र के दाएं तरफ तथा यंत्र के बाएं तरफ स्थापित करें। सुगन्धित अगरबती एवं घी का दीपक साधनाकाल तक जलते रहना चाहिए।
सबसे पहले गुरु पूजन ओर गुरु मंत्र जप कर लें। फिर यंत्र तथा अन्य साधना सामग्री का पंचोपचार से पूजन संपन्न करें। स्नान, तिलक, धूप, दीपक एवं पुष्प चढ़ाएं।
इसके बाद बाएं हाथ में गुलाबी रंग से रंग हुआ चावल रखें, ओर निम्न मंत्रों को बोलकर यंत्र पर चढ़ाएं।
|| ॐ दिव्यायै नमः ||
|| ॐ प्राणप्रियायै नमः ||
|| ॐ वागीश्वर्ये नमः ||
|| ॐ ऊर्जस्वलायै नमः ||
|| ॐ सौंदर्य प्रियायै नमः ||
|| ॐ यौवनप्रियायै नमः ||
|| ॐ ऐश्वर्यप्रदायै नमः ||
|| ॐ सौभाग्यदायै नमः ||
|| ॐ धनदायै रम्भायै नमः ||
|| ॐ आरोग्य प्रदायै नमः ||
इसके बाद प्रतिदिन निम्नलिखित मंत्र से 11 माला प्रतिदिन जप करें |
मंत्र : || ॐ हृीं रं रम्भे ! आगच्छ आज्ञां पालय मनोवांछितं देहि ऐं ॐ नमः ||
प्रत्येक दिन अप्सरा आह्वान करें। हर शुक्रवार को दो गुलाब की माला रखें, एक माला स्वंय पहन लें, दूसरी माला को रखें, जब भी ऐसा आभास हो कि किसी का आगमन हो रहा है अथवा सुगन्ध एकदम बढ़ने लगे अप्सरा का बिम्ब नेत्र बंद होने पर भी स्पष्ट होने लगे तो दूसरी माला सामने यन्त्र पर पहना दें।
27 दिन की साधना में प्रत्येक दिन नए-नए अनुभव होते हैं, चित्त में सौंदर्य भाव बढ़ने लगता है, कई बार तो रूप में अभिवृद्धि स्पष्ट दिखाई देती है।
साधना पूर्णता के पश्चात शेष सभी सामग्री को जल में प्रवाहित कर दें। यह सुपरिक्षित साधना है। पूर्ण मनोयोग से साधना करने पर अवश्य मनोकामना पूर्ण होती ही है
चेतावनी -
सिद्ध गुरु कि देखरेख मे साधना समपन्न करेँ , सिद्ध गुरु से दिक्षा , आज्ञा , सिद्ध यंत्र , सिद्ध माला , सिद्ध सामग्री लेकर हि गुरू के मार्ग दरशन मेँ साधना समपन्न कर
Apka whtsaap free hai aage bhej dijiye
भगवान शिव के 108 नाम ----
१- ॐ भोलेनाथ नमः
२-ॐ कैलाश पति नमः
३-ॐ भूतनाथ नमः
४-ॐ नंदराज नमः
५-ॐ नन्दी की सवारी नमः
६-ॐ ज्योतिलिंग नमः
७-ॐ महाकाल नमः
८-ॐ रुद्रनाथ नमः
९-ॐ भीमशंकर नमः
१०-ॐ नटराज नमः
११-ॐ प्रलेयन्कार नमः
१२-ॐ चंद्रमोली नमः
१३-ॐ डमरूधारी नमः
१४-ॐ चंद्रधारी नमः
१५-ॐ मलिकार्जुन नमः
१६-ॐ भीमेश्वर नमः
१७-ॐ विषधारी नमः
१८-ॐ बम भोले नमः
१९-ॐ ओंकार स्वामी नमः
२०-ॐ ओंकारेश्वर नमः
२१-ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः
२२-ॐ विश्वनाथ नमः
२३-ॐ अनादिदेव नमः
२४-ॐ उमापति नमः
२५-ॐ गोरापति नमः
२६-ॐ गणपिता नमः
२७-ॐ भोले बाबा नमः
२८-ॐ शिवजी नमः
२९-ॐ शम्भु नमः
३०-ॐ नीलकंठ नमः
३१-ॐ महाकालेश्वर नमः
३२-ॐ त्रिपुरारी नमः
३३-ॐ त्रिलोकनाथ नमः
३४-ॐ त्रिनेत्रधारी नमः
३५-ॐ बर्फानी बाबा नमः
३६-ॐ जगतपिता नमः
३७-ॐ मृत्युन्जन नमः
३८-ॐ नागधारी नमः
३९- ॐ रामेश्वर नमः
४०-ॐ लंकेश्वर नमः
४१-ॐ अमरनाथ नमः
४२-ॐ केदारनाथ नमः
४३-ॐ मंगलेश्वर नमः
४४-ॐ अर्धनारीश्वर नमः
४५-ॐ नागार्जुन नमः
४६-ॐ जटाधारी नमः
४७-ॐ नीलेश्वर नमः
४८-ॐ गलसर्पमाला नमः
४९- ॐ दीनानाथ नमः
५०-ॐ सोमनाथ नमः
५१-ॐ जोगी नमः
५२-ॐ भंडारी बाबा नमः
५३-ॐ बमलेहरी नमः
५४-ॐ गोरीशंकर नमः
५५-ॐ शिवाकांत नमः
५६-ॐ महेश्वराए नमः
५७-ॐ महेश नमः
५८-ॐ ओलोकानाथ नमः
५४-ॐ आदिनाथ नमः
६०-ॐ देवदेवेश्वर नमः
६१-ॐ प्राणनाथ नमः
६२-ॐ शिवम् नमः
६३-ॐ महादानी नमः
६४-ॐ शिवदानी नमः
६५-ॐ संकटहारी नमः
६६-ॐ महेश्वर नमः
६७-ॐ रुंडमालाधारी नमः
६८-ॐ जगपालनकर्ता नमः
६९-ॐ पशुपति नमः
७०-ॐ संगमेश्वर नमः
७१-ॐ दक्षेश्वर नमः
७२-ॐ घ्रेनश्वर नमः
७३-ॐ मणिमहेश नमः
७४-ॐ अनादी नमः
७५-ॐ अमर नमः
७६-ॐ आशुतोष महाराज नमः
७७-ॐ विलवकेश्वर नमः
७८-ॐ अचलेश्वर नमः
७९-ॐ अभयंकर नमः
८०-ॐ पातालेश्वर नमः
८१-ॐ धूधेश्वर नमः
८२-ॐ सर्पधारी नमः
८३-ॐ त्रिलोकिनरेश नमः
८४-ॐ हठ योगी नमः
८५-ॐ विश्लेश्वर नमः
८६- ॐ नागाधिराज नमः
८७- ॐ सर्वेश्वर नमः
८८-ॐ उमाकांत नमः
८९-ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः
९०-ॐ त्रिकालदर्शी नमः
९१-ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः
९२-ॐ महादेव नमः
९३-ॐ गढ़शंकर नमः
९४-ॐ मुक्तेश्वर नमः
९५-ॐ नटेषर नमः
९६-ॐ गिरजापति नमः
९७- ॐ भद्रेश्वर नमः
९८-ॐ त्रिपुनाशक नमः
९९-ॐ निर्जेश्वर नमः
१०० -ॐ किरातेश्वर नमः
१०१-ॐ जागेश्वर नमः
१०२-ॐ अबधूतपति नमः
१०३ -ॐ भीलपति नमः
१०४-ॐ जितनाथ नमः
१०५-ॐ वृषेश्वर नमः
१०६-ॐ भूतेश्वर नमः
१०७-ॐ बैजूनाथ नमः
१०८-ॐ नागेश्वर नमःv
यह भगवान के १०८ नाम केवल ११ लोगों को भेजो ज़रूर शुभ समाचार मिलेगा ।
Hello everyone,
आज में आप सभी को मोहीनी वशीकरण मंत्र देने जा रही हु
प्रेम प्यार लव के लिए मोहिनी वशीकरण मंत्र
कोई भी साधक प्रेम प्यार लव के लिए मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना का प्रयोग कर अपने प्रेम को प्राप्त कर सकता है| सब कोई इस दुनिया में किसी न किसी चीज़ से प्यार कर बैठता है, वह सोचता है की अगर उसे वह चीज़ या इंसान या फिर भगवन से मिलना भोगने को मिल जाये तो उसके ज़िन्दगी में जो खोखलापन है, वह ख़तम हो जायेगा और वह एक संपन्न ढंग में रह पायेगा। ऐसा कोई शायद ही मिलता है जिसे कुछ भी नहीं चाहिए और जिसे कोई प्यार नहीं करता। कुदरत का नियम है की एक न एक चीज़ तो ज़रूर होती ही है। अगर आप प्यार में किसी को अपना बनाने की ख्वाहिश रखते हैं तो फिर आपके मन में एक अलग ही मन की आग होती है। आप प्यार में लीन होकर चाहें तो पहाड़ तक पर चढ़ जा सकते हैं।
प्यार लव के लिए मोहिनी वशीकरण मंत्र
पर कई बार लोग इतने खुशकिस्मत नहीं होते, कुछ लोग प्यार करते हैं मगर उनके प्यार का हक़दार उन्हें उतना प्यार नहीं करता या उनकी तरफ आकर्षित नहीं होता है। ऐसे में आपको कोई ऐसा उपाय चाहिए होगा जिसके हिसाब से आप अपने आपसे दूर जाते हुए प्यार को वापस पा सकें, उसे अपने पास बुला लें, अपनी ओर आकर्षित करके उससे भी वही पा सकें जो आप उसके लिए महसूस करते हैं। ऐसे कार्य के लिए आपको मोहिनी मंत्र का उपाय करना चाहिए क्यूंकि वह सबसे असरदार और कारगर होता है, आप पाएंगे की लोग इस प्रयोग से सबसे ज़्यादा आकर्षित होते हैं और वे आपकी ओर खिंचते हुए चले आएंगे। पहला मोहिनी मंत्र जो हम आपके समक्ष रखने जा रहे हैं है साबर मोहिनी जाल वशीकरण मंत्र।
मोहिनी वशीकरण मंत्र विधि:-
इसकी विधि है की आप पहले तो लाल कपडे धारण कर लें, आसन लें जो की कुषा घास और जा कबल का बना हो। इस आसन की दिशा और आपकी यानी साधक की दिशा भी उत्तर की ओर होनी चाहिए। आपको पांच माला करनी होगी जाप की, यानि १०८ बार जपने पर एक माला, और १०८ को ५ से गुणा कर लें तो जितना हुआ उतनी बार करें। यह जप के लिए लाल चन्दन की माला का इस्तेमाल करें, लाल चन्दन की माला का अगर इंतज़ाम नहीं हो पाए तो फिर आप काले हकीक की माला का इस्तेमाल करें।
करें यूँ की जब भी आपको साधना करनी हो सवेरे प्रातः काल उठ जाएं, स्नान करें और बहुत ही साफ़ कपडे पहने – लाल रंग वाले। अब आप जाप से पहले एक कड़वे तेल का दीपक जलाएं, या फिर देसी घी का भी जला सकते हैं। उसके पश्चात जप शुरू कर दें। १६ किस्म का सिंगार पूजा स्थान पर रखें, एक छोटी शीशी इतर की रखें, सात तरह की मिठाई भी रख लें और एक या दो पत्ता पान के पत्ते भी रखें। छोटी इलाइची भी रख लें।
इलाइची और इतर को अलग रखकर बाकी सारी सामग्री पूजा के बाद में उसी लाल कपडे में लपेट कर किसी सुनसान स्थान पर रख आएं या फिर बहती नदी में प्रवाहित कर दें। अगर सुनसान स्थान पर छोड़ें तो वापस मुड़कर पीछे नहीं देखें। मोहिनी वशीकरण शुरू करने के लिए इलाइची के ७ दाने, जिसको भी आप वशीभूत करना चाहते हैं, खिला दें। ध्यान रहे की देने से पहले या खिलते वक़्त आप बताये हुए मंत्र को पड़ना न भूलें।
प्यार लव के लिए मोहिनी वशीकरण मंत्र
“मोहिनी मोहिनी मैं करा मोहिनी मेरा नाम, राजा मोहा प्रजा मोहा मोहा शहर ग्राम, त्रिंजन बैठी नार मोहा चोंके बैठी को, स्तर बहतर जिस गली मैं जावा सौ मित्र सौ वैरी को, वाजे मन्त्र फुरे वाचा, देखा महा मोहिनी तेरे इल्म का तमाशा ” ||
अगर आप किसी सरकारी अधिकारी के पास जा रहे हों या फिर किसी अफ़सर से कुछ काम कराने जाएं और काम नहीं बन पा रहा हो तो फिर आप वशीकरण जप वाला इतर लगा कर जाएं, आप पाएंगे की वह आपकी बात सुनेगा और आपका काम सफल हो जायेगा। यह है इस छोटी सी साधना की ताक़त की हलका सा काम करने पर इतना वक़्त और मेहनत बचायी जा सकती है। कुछ और चीज़ें इसी में की जा सकती हैं – आप दिए का काजल बना लें और उसे लगाएं तो आप पाएंगे की लोग आपके पास आते ही सम्मोहित हो रहे हैं। आप अगर २१ दिन तक यह जाप रोज़ करेंगे और मन शुद्ध रखेंगे तो आप पाएंगे की लोग आपकी ओर आकर्षित हो रहे हैं। जप के वक़्त तीन मंत्र जोड़ दें – एक गणेश भगवन को, एक गुरु को और एक भैरों भगवन को तो असर और भी बढ़ जाता है।
जो भी ये साधना को करे पूरे मन की लगन और विश्वास से करे
काल सर्प योग में जन्मे जातक
काल सर्प योग में जन्मे जातक में प्रायः निम्नलिखित लक्षण पाए जाते है।
1- सपने में उसे नदी, तालाब,कुए,और समुद्र का पानी दिखाई देता है।
2- सपने में वह खुद को पानी में गिरते एवं उससे बाहर निकलने का प्रयास करते करते हुए देखता है।
3- रात को उल्टा होकर सोने पर ही चेन की नींद आती है |
4- सपने में उसे मकान अथवा पेरो से फल आदि गिरते दिखाई देता है।
5- पानी से ओर ज्यादा ऊंचाई से डर लगता है |
6- मन में कोई अज्ञात भय बना रहता है |
7- वह खुद को अन्य लोगो से झगड़ते हुए देखता है।
8- उन्हें बुरे सपने आते है जिसमे अक्सर साँप दिखाई देता है।
9- यदि वह संतानहीन हो तो उसे किसी स्त्री के गोद में मृत बालक दिखाई देता है।
10- - सपने उसे विधवा स्त्रीयां दिखाई पड़ती है।
11- नींद में शरीर पर साप रेंगता महसूस होता है।
12- श्रवन मास में मन हमेशा प्रफुलित रहता है |
ये कुछ प्रमुख लक्षण है जों किसी भी कालसर्प वाले जातक में दिखाई देते है कहने का मतलब यह की इन मे से सभी लक्षण नहीं हों तो भी काफी लक्षण मिलते है | इसलिए जिसकी भी कुंडली में कालसर्प योग हों वो छोटे उपाय करे ओर जीवन में खुशियों का आनंद ले |
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