Govt. High School, Gumjal, Fazilka
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Congratulations to students and their families...
*ਜਮਾਤ ਅੱਠਵੀਂ ਦਾ ਬੋਰਡ ਪ੍ਰੀਖਿਆ ਦਾ ਨਤੀਜਾ ਰਿਹਾ ਸ਼ਾਨਦਾਰ*
ਪ੍ਰੀਖਿਆ ਵਿਚ ਬੈਠੇ ਸਾਰੇ 25 ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਹੋਏ ਪਾਸ, ਨਤੀਜਾ ਸ਼ਤ ਪ੍ਰਤੀਸ਼ਤ
ਵਿਸ਼ਾਖਾ ਪੁੱਤਰੀ ਰਾਜੇਸ਼ ਕੁਮਾਰ ਭਾਦੂ 600 ਅੰਕਾਂ ਵਿਚੋਂ 565 ਅੰਕ ਨਾਲ 94.14% ਪ੍ਰਤੀਸ਼ਤ ਲੈ ਕੇ ਪਹਿਲੇ ਸਥਾਨ, ਈਸ਼ਾ ਪੁੱਤਰੀ ਲਖਵਿੰਦਰ 549/600 ਨਾਲ 91.50%ਪ੍ਰਤੀਸ਼ਤ ਨਾਲ ਦੂਜੇ ਅਤੇ ਅਕਾਸ਼ ਕੁਮਾਰ ਪੁੱਤਰ ਜਗਦੀਸ਼ ਕੁਮਾਰ ਸਹੂ 510/600 ਅੰਕ 85%ਨਾਲ ਤੀਜੇ ਸਥਾਨ ਤੇ ਰਿਹਾ।
ਕਵਿਤਾ... ਪਾਣੀ ਬਚਾਓ
ਸਕਿੱਟ.... ਪਾਣੀ ਬਚਾਓ....
जल पखवाड़ा रैली
Earth day 2024... Celebration by students by making charts on awareness about earth...
पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह जहाँ मानव जीवन रहता है, लेकिन अब पृथ्वी पर अधिक जनसंख्या होने से यहाँ का वातावरण पूरा ख़राब हो गया है हम लोग जब पृथ्वी को फोटो में देखते है तो वो कितनी हरी-भरी दिखाई देती है पर सच्चाई ये नहीं है पृथ्वी को ग्लोबल वार्मिंग के कारण काफी नुक्सान पहुँच रहा है कुछ समय पहले हम अपने आस- पास के जगहों को देखते थे हरे-भरे पेड़ पौधे हरियाली रहती थी अब हम इंसानों की वजह से सब खत्म होता जा रहा है।पहला पृथ्वी दिवस उद्घोषणा 21 मार्च, 1970 को सैन फ्रांसिस्को के मेयर जोसेफ अलीओटो द्वारा जारी की गई थी । सैन फ्रांसिस्को और कैलिफोर्निया के डेविस जैसे विभिन्न शहरों में एक बहु-दिवसीय स्ट्रीट पार्टी के साथ समारोह आयोजित किए गए थे।
पृथ्वी दिवस की शुरुआत कैसे हुई? पृथ्वी दिवस को मनाने का विचार पहली बार 1969 में यूनेस्को सम्मेलन में शांति कार्यकर्ता जॉन मैककोनेल (John McConnell) द्वारा दिया गया था। शुरू में, इस दिन को मनाने का उद्देश्य पृथ्वी का सम्मान करना था। 22 अप्रैल, 1970 को सबसे पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका में पृथ्वी दिवस मनाया गया था।
इसकी स्थापना अमेरिकी सीनेटर जेराल्ड नेल्सन ने 1970 में एक पर्यावरण शिक्षा के रूप की थी। अब इसे 192 से अधिक देशों में मनाया जाता है। हर साल ये दिन 22 अप्रैल को मनाया जाता है. दुनिया भर के कई देश इस दिन को पृथ्वी और इसके पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाते हैं।
जब लोग प्लास्टिक के बारे में सोचते हैं तो वे शायद ही कभी पानी के बारे में सोचते हैं। लेकिन प्लास्टिक की पानी की बोतल बनाने में बोतल में मौजूद पानी से छह गुना अधिक पानी की आवश्यकता होती है।
EARTHDAY.ORG प्लास्टिक प्रदूषण पर अंतर्राष्ट्रीय वार्ता समिति (INC) से वैश्विक प्लास्टिक संधि में 2030 तक एकल-उपयोग प्लास्टिक के उत्पादन को समाप्त करने की मांग करती है। इसके अलावा, यह मांग करता है कि संधि को एहतियाती सिद्धांत और प्रदूषणकर्ता भुगतान सिद्धांत का उपयोग करके लागू किया जाए।
फास्ट फैशन उद्योग सालाना 100 अरब से अधिक परिधानों का उत्पादन करता है । अतिउत्पादन और अतिउपभोग ने उद्योग को बदल दिया है, जिससे फैशन की अप्रचलनता बढ़ गई है। लोग अब 15 साल पहले की तुलना में 60% अधिक कपड़े खरीदते हैं , लेकिन प्रत्येक वस्तु केवल आधे समय के लिए ही रखी जाती है।
लगभग 85% वस्त्र लैंडफिल या भस्मक में चले जाते हैं, केवल 1% का पुनर्नवीनीकरण किया जाता है । लगभग 70% कपड़े कच्चे तेल से बने होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप धोने पर खतरनाक माइक्रोफाइबर निकलते हैं और लैंडफिल में दीर्घकालिक प्रदूषण में योगदान जारी रहता है।
सामाजिक अन्याय और फैशन का सीधा संबंध शोषणकारी कामकाजी परिस्थितियों , कम वेतन और बड़े पैमाने पर बाल श्रम से है । बहुत लंबे समय से, उद्योग खंडित आपूर्ति श्रृंखला और सरकारी विनियमन की लगभग पूर्ण कमी पर निर्भर रहा है ।
प्रत्येक साल पृथ्वी दिवस के लिए अलग-अलग प्रकार की थीम आयोजित की जाती है, जिसका मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण और अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क आदि के लिए नारों और स्लोगन के द्वारा दुनियाभर में जागरूपता फैलाना के लिए हर साल नई थीम रखी जाती है ये थीम पहले से निर्धारित होती है आइये जानते है 2012 से लेकर 2022 थीम के बारें में –
2012 धरती को संगठित करना (Mobilized the earth)
2013 जलवायु परिवर्तन का चेहरा (The Face Of Climate Change)
2014 हरे शहर (Green Cities)
2015 अब नेतृत्व करने की हमारी बारी (It’s Our Turn To Lead)
2016 पृथ्वी के लिए पेड़ (Tree For The Earth)
2017 पर्यावरण और जलवायु साक्षारता (Environmental and Climate Literacy)
2018 प्लास्टिक प्रदुषण का समापन (End Of Plastic Pollution)
2019 अपनी प्रजातियों की रक्षा करे (Protect Our Species)
2020 जलवाई कार्रवाई (Climate Action)
2021 हमारी पृथ्वी को पुनर्स्थापित करे (Restore our Earth) ।
2022 हमारी धरती, हमारा स्वास्थ्य( Our Earth Our Health)
2023 हमारी पृथ्वी में निवेश करे (Invest in Our Planet)
पृथ्वी पर हमे उपहार स्वरूप लाखों प्रजातियां मिली है, जिन्हें हम जानते और प्यार करते है आपको यह जानकार आश्चर्य भी होगा की हम अब तक इनमें से कई प्रजातियों को जान पाने में असक्षम भी रहे है. हमारे द्वारा उत्पन्न प्राकृतिक असंतुलन और प्रदूषण से अब तक कई प्रजातियां विलुप्त भी हो चुकी है. इस समस्या से निपटने के लिए इस वर्ष इसे ही मुद्दा बनाया गया है, और इस वर्ष इसके उद्देश्य निम्न है –
लाखों प्रजातियों के विलुप्त होने की दर और इसके कारण और परिणामों के संदर्भ में लोगों को जागरूक करना .
कुछ ऐसी प्रमुख नीतियों पर जीत हासिल करें जो विभिन्न प्रजातियों के विभिन्न समूहों और विभिन्न व्यक्तिगत प्रजातियों की रक्षा करें और साथ ही उनके आवास को भी सुरक्षित रखे.
एक ऐसे वैश्विक आंदोलन की शुरुआत करें, जो प्रकृति और इसके मूल्यों को बढ़ावा देता है.
प्रत्येक व्यक्ति को प्लांट बेस्ड डाइट को अपनाने और कीटनाशक को शाकनाशी के प्रयोग को रोकने के लिए प्रोत्साहित करें।
अगर आप भी आने वाले 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाना और विषय पर्यावरण संरक्षण में अपना सहयोग देना चाहते है तो निम्न गतिविधियों को अपनाकर इसे मना सकतें है –
आप बेहद ही छोटे स्तर पर कुछ पेड़ लगाकर अपने आस पास के वातावरण को सुंदर बनाने के साथ साथ, पक्षियों को आवास और भोजन प्रदान कर सकते है. इसी के साथ साथ इसके द्वारा मिट्टी के होने वाले कटाव को रोकने में भी मदत मिलेगी और यह पृथ्वी दिवस मनाने का एक बेहद ही सरल और कारगर तरीका साबित होगा।
आप अपने यहाँ एक रिसाइक्लिंग पार्टी भी ओर्गेनाइस कर सकते है जिसमें आप अपने फ्रेंडस को वेस्ट मटेरियल पर रिसाइक्लिंग की प्रोसैस के द्वारा एक नया आइटम बनाकर लाने के लिए भी कह सकते है और सबसे बेहतर आइटम को इनाम देकर उन्हे प्रोत्साहित भी कर सकते है।
आप कुछ लोगों का समूह बनाकर किसी पार्क, बीच, नदी का किनारा या किसी लोकल एरिया को साफ करने का अभियान भी चला सकते है।
अगर आप किसी संस्था से जुड़े हुये है और कुछ बड़े स्तर पर इस दिन का आयोजन करना चाहते है तो आप अपने शहर में एक ऐसे रिसाइक्लिंग प्रोग्राम की शुरुआत कर सकतें है जिसकी सुविधा आपके शहर में पहले से मौजूद नहीं है।
आप विभिन्न स्तर पर विभिन्न सरकारी दफ़्तरों को जो कि इस मुद्दे को लेकर जागरूक नहीं है उन्हे टार्गेट करते हुये एक लेटर राइटिंग केंपेनिग चला सकते है।
इस तरह से इन मुद्दों के अलावा आप अपने हिसाब से कुछ अलग और नए तरीके से भी यह दिन मना सकते है। यह दिन कई देशों में एक साथ मनाया जाता है, जिसका कल्चर, भाषा और रहन सहन भिन्न है फिर भी हर देश में इसे मनाने का उद्देश्य केवल एक है – “पर्यावरण संरक्षण”।
गगनदीप सिंघ
विज्ञान अध्यापक
सरकारी हाई स्कूल, गुमजाल, फाजिल्का
जल पखवाड़ा... Chart Making
Best wishes for your bright future... All 46 students are passed in matriculation Exam....
Speech by Dr. Pawan kumar on jal pakhwada
Pledge for water conservation
Pledge for water conservation
"ਸਿੱਖਿਆ ਸ਼ੇਰਨੀ ਦਾ ਦੁੱਧ ਹੈ, ਜੋ ਪੀਵੇਗਾ ਜਰੂਰ ਦਹਾੜੇਗਾ"।
ਭਾਰਤੀ ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੇ ਨਿਰਮਾਤਾ, ਭਾਰਤ ਰਤਨ ਬਾਬਾ ਸਾਹੇਬ ਡਾਕਟਰ ਭੀਮ ਰਾਓ ਅੰਬੇਦਕਰ ਜੀ ਦੇ 133ਵੇਂ ਜਨਮਦਿਨ ਦੀਆਂ ਆਪ ਸਭ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਬਹੁਤ ਮੁਬਾਰਕਾਂ ।
भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था। उनके पिता रामजी मालोजी सकपाल एक सैन्य अधिकारी थे और उनकी माँ भीमाबाई एक गृहिणी थीं। अंबेडकर एक महार परिवार से थे, जो हिंदू धर्म में एक निम्न जाति है अंबेडकर का बचपन कठिनाइयों से भरा था। उन्हें जाति व्यवस्था के कारण भेदभाव का सामना करना पड़ा। उन्हें स्कूल जाने से मना कर दिया गया था और उन्हें अक्सर अन्य बच्चों द्वारा परेशान किया जाता था।*
*हालांकि, अंबेडकर एक प्रतिभाशाली छात्र थे। उन्होंने अपने पिता की मदद से पढ़ाई जारी रखी। उन्होंने 1897 में मऊ के मिशन स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। 1900 में, अंबेडकर ने मुंबई के गवर्नर प्राइमरी स्कूल में प्रवेश लिया। उन्होंने 1907 में एलफिंस्टन कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने 1912 में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।*
*भारत लौटने के बाद, अंबेडकर ने जाति व्यवस्था और अस्पृश्यता के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उन्होंने भारत के संविधान के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अंबेडकर को भारत में “दलितों के पिता” के रूप में जाना जाता है। अंबेडकर ने अपने जीवन में कई उपलब्धियां हासिल कीं। उन्होंने भारत को एक समान और न्यायपूर्ण समाज बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनके विचार और आदर्श इनके दिए मार्ग पर चले।
किसी ने सही कहा है:
“Health is Wealth.”
“He who has health has hope and he who has hope has everything.”
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा Health को परिभाषित किया गया है : Health is a "State of complete physical, mental, and social well being and not merely the absence of disease or infirmity. यह हमारे अस्तित्व का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है जिसे नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता है।
जैसा की हम जानते हैं कि पूरा विश्व COVID-19 से लड़ रहा है और ऐसे में nurses, doctors, इत्यादि अहम भूमिका निभा रहे हैं। लोगों में जागरूकता फैलाना और स्वास्थ्य के बारे में ज्ञान देना भी आवश्यक है।
दुनिया के कई देशों ने मिलकर सेहत को बढ़ावा देने और गंभीर बीमारियों से लोगों को सुरक्षित रखा जा सके, इसका निर्णय लिया. इसकी नींव रखने के दो साल बाद सन 1950 में पहली बार 07 अप्रैल को यह दिवस मनाया गया।
WHO का संविधान 7 अप्रैल 1948 को लागू हुआ - वह तारीख जिसे अब हम हर साल विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाते हैं।
यह उस बात की पुष्टि करता है जिसे WHO ने 7 अप्रैल, 1948 को अपने जन्म के बाद से पुष्टि की है: कि स्वास्थ्य सभी लोगों के लिए एक अधिकार है, न कि एक विलासिता । कम से कम 140 देश अपने संविधान में स्वास्थ्य के अधिकार को मान्यता देते हैं। और फिर भी, दुनिया भर में, यह अधिकार अक्सर अप्राप्त है या खतरे में है।
वैकेरेला और उनके सहयोगी इन असमानताओं के मौजूद होने के कारणों को पहचानने, उनकी सीमा को मापने और उन्हें संबोधित करने के नए तरीके तैयार करने के लिए काम कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस की थीम " मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार " को चुना है।
हर साल की तरह इस साल भी विश्व स्वास्थ्य दिवस 2024 के लिए एक विषय का चयन किया गया है. इस साल का थीम 'मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार' (My Health, My Right) है. हर प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए इस थीम का चयन किया गया है।
माय हेल्थ माय राइट थीम इस बात को दर्शाता है कि स्वास्थ्य ही मानव के जीवन की असली बुनियाद है। साथ ही यह थीम यह भी दर्शाती है कि आपकी सेहत आपका हक है। जो लोग बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहे हैं यह थीम उन लोगों के लिए बहुत ज्यादा खास है। WHO का मानना है कि किसी व्यक्ति की आर्थिक परिस्थितियां कैसे भी क्यों न हो, स्वास्थ्य सेवाएं मिलना उसका अधिकार है। इन्हीं कारणों से दुनियाभर के देशों की सरकार लोगों के फ्री योजनाएं लाती है, ताकि किसी की जान इलाज न होने की वजह से न जाए।
विश्व स्वास्थ्य दिवस के पिछले कुछ वर्षों की थीम यहाँ दी गई हैं–
विश्व स्वास्थ्य दिवस 2023 थीम: सभी के लिए स्वास्थ्य (Health For All)
विश्व स्वास्थ्य दिवस 2022 थीम: हमारा ग्रह, हमारा स्वास्थ्य (Our Planet, Our Health)
विश्व स्वास्थ्य दिवस 2021 थीम: सभी के लिए एक निष्पक्ष, स्वस्थ दुनिया का निर्माण (Building a fairer, healthier world for everyone)
विश्व स्वास्थ्य दिवस 2020 थीम: नर्सों और दाइयों का समर्थन करें (Support nurses and midwives)
विश्व स्वास्थ्य दिवस 2019 थीम: सार्वभौमिक स्वास्थ्य: हर कोई, हर जगह (Universal Health: Everyone, Everywhere)
विश्व स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, असमानताओं को दूर करके स्वास्थ्य समानता को बढ़ावा देना, हितधारकों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना और विश्व भर में स्वास्थ्य परिणामों में सुधार की प्रगति को उजागर करना है। इसमें अच्छे स्वास्थ्य के महत्त्व पर लोगों को शिक्षित करना, स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच प्रदान करना, वंचित समुदायों एवं निम्न तथा मध्यम आय वाले देशों में बीमारियों के बोझ को कम करना शामिल है।
निष्कर्ष
ऐसा कहा जाता है कि अच्छा स्वास्थ्य बढ़ती दुनिया की आवश्यकताओं के अनुसार काम करने की बेहतर क्षमता प्रदान करता है और इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की नींव इस सिद्धांत पर रखी गई थी कि सभी लोग स्वास्थ्य के उच्चतम संभावित स्तर पर अपने अधिकार का एहसास करते हैं।
गगनदीप सिंह
विज्ञान अध्यापक
सरकारी हाई स्कूल, गुमजाल, फाजिल्का
Congratulations to all students
Some glimpses of Annual Result and parents Teachers meeting...
Some glimpses of Annual Result and parents Teachers meeting...
ਆਪ ਜੀ ਨੇ ਆਪਣੀ ਹਾਜ਼ਰੀ ਯਕੀਨੀ ਬਣਾਉਣੀ ਜੀ....
आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनाएं...
शहीदों को नमन.... 🙏🙏🙏
Parents Teachers Meeting.. ਆਪ ਜੀ ਸਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਬੇਨਤੀ ਹੈ ਕਿ ਆਪਣੇ ਬੱਚੇ ਦਾ ਸਾਲਾਨਾ ਨਤੀਜਾ ਵੇਖਣ ਲਈ ਸਕੂਲ ਮਿਤੀ 28/03/2024 ਨੂੰ ਜ਼ਰੂਰ ਆਓ...
Admission campaign
Admission campaign...
भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान को बहुत महत्व दिया गया है। किंतु वर्तमान में जो हालात दिखाई देते हैं, उसमें नारी का हर जगह अपमान होता चला जा रहा है। उसे 'भोग की वस्तु' समझकर आदमी 'अपने तरीके' से 'इस्तेमाल' कर रहा है। यह बेहद चिंताजनक बात है। संस्कृत में एक श्लोक है- 'यस्य पूज्यंते नार्यस्तु तत्र रमन्ते देवता:। अर्थात्, जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। लेकिन हमारी संस्कृति को बनाए रखते हुए नारी का सम्मान कैसे किया जाए, इस पर विचार करना आवश्यक है।
सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी ने महिलाओं के सम्मान में कहा था कि 'सो क्यों मंदा आखिए, जित जम्मे राजान...' यानी उन्हें क्यों कम आंके।
1975 में, अंतर्राष्ट्रीय महिला वर्ष के दौरान, संयुक्त राष्ट्र ने 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाना शुरू किया।अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (IWD) श्रमिक आंदोलन से उत्पन्न हुआ । बीज 1908 में बोए गए थे, जब 15,000 महिलाओं ने काम के कम घंटे, बेहतर वेतन और वोट देने के अधिकार की मांग करते हुए न्यूयॉर्क शहर में मार्च किया था।साल 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटज़रलैंड में पहली बार महिला दिवस मनाया गया। महिलाओं के अधिकारों और मताधिकार की वकालत करने के लिए, क्लारा ज़ेटकिन ने 1910 में कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान वार्षिक महिला दिवस की स्थापना का प्रस्ताव रखा।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस-2024 की थीम यानि ध्येय वाक्य ‘उसकी गिनती करें : आर्थिक सशक्तीकरण के माध्यम से लैंगिक समानता में तेजी लाना’ (Count Her In : Accelerating Gender Equality Through Economic Empowerment) है जिसका तात्पर्य है कि आर्थिक सशक्तीकरण होने से महिला-पुरुष में समानता में तेजी आएगी। इसके बिना हम समतामूलक, समावेशी और न्यायसंगत भारत का निर्माण नहीं कर सकते है। महिलाओं को अर्थव्यवस्था में समान भागीदारी हासिल करने में बाधाओं का सामना करना पड़ता है। शिक्षा, रोजगार, वित्तीय सेवाओं और साक्षरता तक समान पहुंच के बिना, हम लैंगिक समानता तक पहुंचने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि महिलाओं और लड़कियों को अपनी क्षमताओं का निर्माण करने और सीखने, कमाने और नेतृत्व करने की उनकी क्षमता को मजबूत करने के लिए समान अवसर दिए जाएं। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में स्थिति बदली है।
यह बहुत अच्छा है कि हमारे पास महिला दिवस जैसा दिन है, विशेष रूप से भारत जैसा देश जो बलात्कार, दहेज, कन्या भ्रूण हत्या, कार्यस्थल पर महिलाओं के शोषण और कई अन्य अत्याचारों से पूरी तरह से खराब हो गया है। कई अन्य देशों की तरह, भारत में महिला दिवस को इसी उत्साह के साथ मनाया जाता है।
आप सभी को महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं....
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Honoured Shakuntala ma'am Incharge Govt. Middle School, Panniwala Mahla by Headmaster Devender Singh Chauhan
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