Uday Sankar Sarkar
SWAYAMSEVAK
मैं खुद को इस धरती पर सबसे भाग्यशाली व्यक्ति मानता हूं कि मेरी बनाई हुई मूर्ति को प्राण प्रतिष्ठा के लिए चुना गया।
- अरुण योगिराज (रामलला की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार)
#जयसियाराम
अयोध्या के नए अध्याय की हार्दिक शुभकामनाएं!
जय सिया राम 🌼 🏹
यह चित्र धन है राष्ट्र का। इस चित्र की स्मृतियाँ अमिट हैं। यह चित्र तेज का स्रोत है। बचपन से मेरा सर्वाधिक प्रिय चित्र रहा है। इस चित्र के गहन आकर्षण ने करोड़ों हिन्दुओं को रामकार्य में खींच लिया। यह चित्र देखते ही मन उत्साह व आतुरता से भर उठता था। ऐसा लगता मानो जाकर उस समुद्र में प्रभु को पकड़ने कूद पड़ें।
यह चित्र देखते ही बालपन की वह सब स्मृतियाँ झंकृत हो गईं। राममंदिर से जुड़ी 90% खबरों के साथ यही चित्र लगाया जाता था। पाथेय कण आदि संघ की पत्रिकाओं में यह चित्र हमेशा छपता था। विश्व हिन्दू परिषद् की तो यही पहचान रहा है। रामजन्मभूमि सम्बन्धी किसी भी खबर का बेसब्री से इंतज़ार, विपरीत खबर से उत्पन्न निराशा, और शुभ खबरों से उत्पन्न आशा की किरणों के बीच यह चित्र ही सम्बल था, आधार था।
यह चित्र श्रीरामजन्मभूमि आन्दोलन का आइकॉनिक चित्र है। यह चित्र स्वयं में एक आन्दोलन है। इसमें क्रान्ति का भाव है। इसमें रणकर्कश राम की कर्कशता उनकी बाह्य प्रकृति में दिख रही है। उनके मुख का स्मित हास उनका औदार्य दिखा रहा है।
शब्दायमान महासमुद्र भगवान् के घुटनों से नीचे हो गया है, कि देखा है इसने वह रूप जहाँ भय के बिना प्रीति नहीं होती। उसे है समर्पण न करने पर सूख जाने का डर, कि इन राजपुरुष के आगे सिर झुकाना अनिवार्य है, अपरिहार्य है। जिन्होंने प्रभु की अपेक्षा का अपराध किया उनकी ओर देख रहे हैं भुजंग जैसे तीर। इसलिए समुद्र में शेषनाग पर शयन करने वाले प्रभु श्री राम के चरण समुद्र में रख देने भर से लहरें लंका की प्राचीरों को तोड़ती हुई असुरों को बाढ़ में बहा ले जाती हैं।
रुद्राक्ष की उमड़ती घुमड़ती मालाएं और बाजूबंद शिव की ठहरी हुई प्रलय का प्रतीक हैं, कि विष्णु की सौम्यता का तिरस्कार बनकर आएगा रुद्र का कोप। देवताओं ने भगवान् के गले में ऐसी माला डाली है जो कभी मुरझाती नहीं है।
हिन्दूराष्ट्र के शत्रुओं के कुल भगवान् के धनुष को देखकर ही कम्पायमान हो उठे हैं। यह कमल जैसे हाथ इतनी दृढ़ता से पकड़े हैं कोदण्ड, मानो मेरु पर्वत ने पृथ्वी को पकड़ रखा हो। आज तो यह धनुष ऐसा झुक है जैसे द्वितीया का चाँद झुकता है, पर इसमें से शीतल चन्द्ररश्मियाँ नहीं आग बरसाने वाले करोड़ों तीर निकल पड़ते हैं। इस तपस्वी धनुष को अन्यायियों पर रोष और भक्तों पर करुणा बरसाने का अधिकार दिया गया है।
हिन्दूराष्ट्र को रामराज्य का आदर्श बनाने वाले भारतरक्षक भगवान् श्री राम के सनातन शासन का आश्वासन है यह चित्र। प्रभु रामचन्द्र का यह चित्र सघन मेघों और सागर की उत्ताल तरंगों के बीच हिन्दुत्व की अजेयता की उद्घोषणा कर रहा है। अतः "रामलला हम आएंगे, मन्दिर भव्य बनाएंगे", यह कहने वालों को कोई शंका नहीं थी, सन्देह नहीं था, कोई भय भी नहीं था, अटूट विश्वास अवश्य था क्योंकि उनके हृदय में यही चित्र अंकित था। यह रामसेतु जैसा शत्रुंजय चित्र बनाने वाले नलनील के वंशज चित्रकार को नमन।
जय श्री राम
अयोध्या पहुंचे माँ शबरी के वंशज, साथ लाये बेर।
माता शबरी के वंशज भी भगवान श्री राम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने का इंतजार कर रहे हैं. गुजरात से अयोध्या पहुंचे राम भक्तों ने कहा कि हम प्रभु श्री राम के लिए बेर लाए हैं जिन पेड़ों के बेरों को माता शबरी ने प्रभु श्री राम के लिए तोड़कर रखा था. बेर के साथ-साथ भगवान श्रीराम के लिए तीर और धनुष भी लेकर आए हैं.
For the last few days, has hosted wonderful celebrations of cultures, bringing together traditions from the North and the South. Against the beautiful backdrop of NaMo Ghat, unity and artistic brilliance have blended seamlessly. As we approach the end of the second last day of , the celebration is gearing up for a grand finale of harmony.
Jai Shree Ram | Divya Kumar | Anu Malik | Vishnu Sharma | Ayodhya Ram Mandir Song 👉🏻 SUBSCRIBE to Zee Music Company - https://bit.ly/2yPcBkS Song - Jai Shree RamSingers - Divya Kumar And Anu MalikMusic - Anu MalikLyrics - Vishnu SharmaSo...
नई नहीं है समान नागरिक संहिता की बहस | Constitution Day | Constitution | Law | ►आपको यह वीडियो कैसा लगा हमें कमेन्ट कर के अवश्य बताएं। ►वीडियो पसंद आने पर लाइक और शेयर अवश्य करें। 👉Click here to Subscribe https://b...
“ऐसी नीतियॉं चलाकर देश के जिस स्वरूप के निर्माण की आकांक्षा अपने संविधान ने दिग्दर्शित की है, उस ओर देश को बढ़ाने का काम करना होगा.“ (विजयादशमी उत्सव, नागपुर - 3 अक्टूबर 2014)
“इस देश की संस्कृति हम सब को जोड़ती है, यह प्राकृतिक सत्य है. हमारे संविधान में भी इस भावनात्मक एकता पर बल दिया गया है.“
(संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष समापन समारोह, नागपुर - 9 जून 2016)
“हमारे प्रजातांत्रिक देश ने हमनें एक संविधान को स्वीकार किया है. हमारा संविधान, हमारे देश की चेतना है. इसलिए उस संविधान के अनुशासन का पालन करना, यह सबका कर्तव्य है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इसको पहले से मानता है.” (भविष्य का भारत, सितम्बर 2018)
Click here to claim your Sponsored Listing.
Category
Contact the organization
Telephone
Website
Address
Balurghat
733101
Balurghat, 733102
লক্ষ্য - The Aim is Non Government Organisation ( NGO), Social service ,
HARIRAMPUR, DAKSHIN DINAJPUR
Balurghat, 733125
Hi, This is Anhaa Tech, Im a vlogger I have a youtube channel please follow me.
Dakshin Dinajpur
Balurghat, 733101
❤️ Organ Donation. One donor can save up to 8 lives through organ donation & improve the lives of 75