Satvik Ayurveda

pure ayurvedic treatment of acute and chronic diseases. speciality- viddhakarma

07/06/2022
20/02/2022

Hello everyone, Shri ayuvishwa Ayurved giving a Himatyaye offer on panchakarma up to30% off on vaman( 30%)Virechan(25%),Basti (20%)
Also on nasya, raktamokshan &shirodhara.

Offer started from 1st MARCH.
‌Pre bridal(detox your body naturally) special offer
Take advantage of this limited time-offer -now is the time to invest in your health and well being.
Book your panchakarma
Call or whatsApp on 9860144750.
Hurry up

Photos from Satvik Ayurveda's post 27/11/2021

Treatment of thyroid # before treatment TSH level -8.14,and after treatment TSH level becomes normal -2.60
Jai ayurveda 🙏

08/10/2021

आँवला कैंडी या आँवले का मुरब्बा खाने का यही सही समय है।
शरद ऋतु(mid September to mid November) # पित्त शमन।

Photos from Satvik Ayurveda's post 08/10/2021

Bhumyamlaki collection ☘️🌿
Uses, Indications
Uses of Bhumyalaki:

The paste of the leaf of Bhumyamlaki is applied over the skin to treat skin infection.
The paste of the whole plant of Phyllanthus niruri is applied with rock salt over the area affected with pain, swelling in cases of fracture.
The root of the plant is made into paste after rubbing with lime juice or rice gruel and applied as collyrium to treat diseases of the eye like conjunctivitis, blephritis.
The fresh juice of the leaf of Bhumyamlaki is given in a dose of 15- 20 ml in empty stomach in the morning to treat indigestion, hyperacidity and jaundice.
The juice of the whole plant is given in a dose of 15 ml to treat fever, hepatomegaly and splenomegaly.
To treat case of cough and asthma, the juice of Phyllanthus niruri is used as nasal drops or taken internally with sugar candy.
To treat typhoid, herbal tea prepared with fresh leaves of Bhumyamlaki is consumed.
Decoction of whole plant of Phyllanthus niruri is given in a dose of 30 ml as blood purifier and to treat skin infection.
Jaundice : – Bhumyamlaki paste with butter milk .
Pain in eye : – Bhumyamlaki paste with Rock salt and Sour gruel are rubbed n a copper vessal when solidified it applied as a paste on eyelid.
Prameha : – Bhumyamlaki (20gm) and Maricha 20 in number taken internally.
Haemorrhage : – Bhumyamalaki beeja with rice water in two weeks.
Pradara : – Bhumyamalaki root taken with rice water 2-3 days.
Oedema /swelling : – The leaves and root made in to kalka and taken with rice water
Chronic dysentry :- The young shoots of the plant are administererd in the form of an infusion.
Typhoid – Bhumyamalaki boil to make tea and used .

Photos from Satvik Ayurveda's post 25/07/2021

Panchakarma karma patient team

Photos from Satvik Ayurveda's post 01/07/2021

Panchakarma karma team centre in indiranagar Lucknow.

17/05/2021

आधुनिक युग के बदले हुए परिवेश में लोगों को जटिल बीमारियों से बचाना एवं उन्हें स्वस्थ रखना स्वयं में एक बहुत बड़ी चुनौती है।
प्रत्येक प्राणी स्वयं को इस बदले हुए पर्यावरण के अनुसार ढालने की कोशिश कर रहा है।
काल का हीन, मिथ्या तथा अतियोग हो रहा है।
उदाहरणार्थ - वर्षा के समय बारिश न हो कर अगले ऋतु में बारिश होती है या तो बारिश नहीं होती है या फिर अधिक मूसलाधार बारिश होती है।
ऐसी परिस्थिति में मनुष्य जाति को ऋतुओं के अनुसार किस तरह का खान पान व रहन सहन करना चाहिए, इसके बारे में आयुर्वेद (अथर्ववेद का उपवेद) में महत्वपूर्ण बातें बतायी गई हैं।
यदि इन बातो का नियमित वा पूर्णत: पालन किया जाए तो स्वयं को स्वस्थ रख सकते है।
ऋतु वा काल-
-ऋतुएं छः होती हैं - शिशिर, वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत
-आयन या काल दो होते हैं - दक्षिणायन, उत्तरायन इन्हें क्रमशः विसर्गकाल व आदानकाल भी कहते हैं।
ग्रीष्म(गर्मी) ऋतु में खान - पान व रहन - सहन
सेव्य आहार
-मधुर, शीतल द्रव तथा स्निग्ध खान - पान हितकारी है।
-शीतल जल के साथ चीनी और घी मिला सत्तू का सेवन अच्छा पथ्य है।
- रात्रि में चीनी मिलाकर दूध (हो सके तो भैंस) पियें।
चावल से बनी (घृत वा शर्करा युक्त) खीर खाएं।
सेव्य विहार
प्रतिदिन स्वच्छ वा शीतल जल से स्नान करे।
- चंदन का लेप लगाएं।
- हल्के वा महीन वस्त्र धारण करें।-
- दिन में 1 मुहूर्त (45 मिनट) शीतल कमरे में सोये और रात को चन्द्रमा की चांदनी से व्याप्त मकान की छत पर सोना चाहिए।
त्याज्यआहार
नमकीन, खट्टे, चटपटे रस वाले पदार्थों का सेवन छोड़ दें अथवा कम करें।
त्याज्य विहार
धूप से बचें
-व्यायाम बहुत कम करें या न करें।
( Ref-सुश्रुत संहिता ,चरकसंहिता, अष्टांगह्रदयम )
श्री आयुविश्व आयुर्वेदिक चिकित्सालय वा पंचकर्म केंद्र
(पता- इन्दिरा नगर, लखनऊ )
डॉ. राजन वर्मा
आयुर्वेदाचार्य (पुणे)
Contact no.9325659233,9860144750

Photos from Satvik Ayurveda's post 11/05/2021

Patient has recovered from covd -19 with in 21days of Ayurvedic medicines report is negative &sgpt values are normal # patient is totally healthy.

27/03/2021

https://youtu.be/PFiteVNc1ns

Ayurvedic Perspective & Treatment for Amlapitta ( Hyperacidity)

A brief discussion about:-
Causes,
Sign and symptoms

Practical approach in clinic & complaints of patients

Ayurvedic Treatment and Medicine names with their actions has been explained in this session

Herbs name
Ayurvedic Tablets
Formulation
Asva & Arista on Amlapitta

Pathya & Apthays ( Do ‘s & Don’t )
Diet guidelines with home remedies

Yoga & Paranayam .

Dr. Rajan Verma
Lucknow ( U. P.)
Check out Shri Ayuvishwa Ayurvedic chikitsaly and panchakarma centre, lucknow. on Google!
https://g.page/clinic-lucknow?gm

Ayurvedic Perspective for Amlapitta ( Hyperacidity) We are going live with .rajan who is currently practising in Lucknow will be going to discuss with us on very interesting topic Today Join in live to get the words from our younge generation Vaidya’s ayurved184

02/03/2021

वसंत ऋतुचर्या
शिशिर ऋतु में संचित कफ सूर्य की किरणों से पिघलकर अग्नि को नष्ट करते हुए रोगों को उत्पन्न करता है!
उदाहरणार्थ- शरीर पर दानों का निकलना।

‌आहार- पुराना जौ, पुराना गेहूं, शहद का शर्बत, नागरमोथा से सिद्ध जल पियें।

‌ विहार- नित्य स्नान करें।
स्नान के बाद- कपूर, चंदन, अगरु, केशर का शरीर पर लेप करें।
नित्य व्यायाम व उद्वर्तन करें।

‌प्रमुख कर्म (पंचकर्म)
वमन व नस्य।

‌वर्ज्य कर्म -दिन में सोना, गुरु , शीतल, तैलीय व खट्टे, मीठे पदार्थों का सेवन छोड़ दें ।

Photos from Satvik Ayurveda's post 11/02/2021

Changeriaadi ghrut nirmaan.

Photos from Satvik Ayurveda's post 05/02/2021

स्व निर्मित च्यवनप्राश अवलेह 😊

Photos from Satvik Ayurveda's post 02/02/2021

Raktamokshan &Raktamokshan (jalokaavcharan)

12/09/2020

बवासीर से बचना है तो, न होने दे ये कारण

Photos from Shri ayuvishwa ayurvedic chikitsalay and panchakarma centre's post 22/08/2020
03/08/2020

शहद और आयुर्वेद🌿🍀☘️🍹
आप सभी लोग वर्षों से शहद का प्रयोग करते आ रहे हैं! क्या आपको सही मायने में शहद का सेवन, गुण, मात्रा, लाभ आदि पता हैं? आइए आयुर्वेद के ग्रंथो में क्या बतलाया गया है, जानते हैं-
सर्वप्रथम मधु के गुण-
यह रक्तपित्तनाशक, छेदन गुण वाला, वायु को बढ़ाने वाला, रुक्ष, कषाय और मधुर है।
आंखों के लिए हितकारी, प्यास, कफ, विष ( toxic substance) ,प्रमेह(diabeties), कृमि (worms), वमन(vomitting), श्वास(breathing problem), कास ( cough), अतिसार (loose motion), व्रण शोधक (cleansing the wound), व्रण को भरने वाला (wound healing) आदि।
उपयोग-
1- शहद का शर्बत मोटापा कम करता है (ध्यान दें शर्बत बनाने के लिए गरम पानी का इस्तेमाल ना करें)।
2-आंखों के लिए हितकारी- त्रिफला घी+ शहद+त्रिफला चूर्ण को असमान मात्रा में लेने से नेत्र की ज्योति बढ़ती है, आंखों के सभी रोग ठीक होते हैं।
चश्में का नंबर कम होता है।
3- जिन लोगों को प्रमेह ( diabeties) है वह
आंवले का रस(10 ml)+ हल्दी(2gm)+शहद (5ml) मिलाकर सुबह खाली पेट लें।
श्री आयुविश्व आयुर्वेदिक चिकित्सालय वा पंचकर्म केंद्र
(पता- शॉप नं.-3 ग्राउंड फ्लोर,12/660 संजीवनी सदन ,मुंशीपुलिया , इन्दिरा नगर लखनऊ)
वैद्य राजन वर्मा
आयुर्वेदाचार्य( पुणे ) contact no.9860144750,9325659233

Photos from Shri ayuvishwa ayurvedic chikitsalay and panchakarma centre's post 01/07/2020

सिरावेध:-
यकृति प्लीहवत्कर्म दक्षिणे तु भुजे सिराम्। (A.chi 15/98)

15/06/2020

जल और आयुर्वेद
यह तो सभी लोग जानते हैं कि जल ही जीवन है। किन्तु आयुर्वेद के अनुसार जल का महत्व वा गुण क्या हैं वह हम आपको बताते हैं।
शीतल जल-
शीतल जल पीने से थकान, चक्कर, प्यास, गरमी, जलन, मूर्च्छा (बेहोश होना) आदि लक्षण दूर होते हैं।
गरम जल -
गरम पानी अग्निदीपक (भोजन को पचाने वाली जाठराग्नि को बढ़ाता है)
पाचन करने वाला (औषधि और आहार को पचाता है)
कंठ के लिए हितकारी (गला बैठा हो, गले में खराश आदि)
हिचकी, पेट फूलना, वत, कफ, जल्दी आया हुआ बुखार, खांसी, जुकाम,सांस का फूलना और पसलियों के दर्द आदि में आरामदायक है।

- भोजन के समय पानी पीने का महत्व-

-भोजन के बीच में पानी पीने से शरीर समान रहता है।
-भोजन के अन्त में पानी पीने से शरीर में स्थूलता (मोटापा) आता है।
-भोजन के प्रारम्भ में पानी पीने से शरीर में कृशता ( शरीर का दुबला होना) आती है।
मुख्य तथ्य-
गरमी के मौसम में मिट्टी के घड़े में रखा हुआ शीतल जल पियें। यदि संभव हो सके तो घड़े के पानी में थोड़ा सा खस भी डाल दें।
श्री आयुविश्व आयुर्वेदिक चिकित्सालय वा पंचकर्म केंद्र
(पता- शॉप नं.-3 ग्राउंड फ्लोर,12/660 संजीवनी सदन ,मुंशीपुलिया , इन्दिरा नगर लखनऊ)
वैद्य राजन वर्मा
आयुर्वेदाचार्य( पुणे ) contact no.9860144750,9325659233

28/04/2020

Stay home # stay safe social distancing # follow Ayurveda.

20/04/2020

आधुनिक युग के बदले हुए परिवेश में लोगों को जटिल बीमारियों से बचाना एवं उन्हें स्वस्थ रखना स्वयं में एक बहुत बड़ी चुनौती है।
प्रत्येक प्राणी स्वयं को इस बदले हुए पर्यावरण के अनुसार ढालने की कोशिश कर रहा है।
काल का हीन, मिथ्या तथा अतियोग हो रहा है।
उदाहरणार्थ - वर्षा के समय बारिश न हो कर अगले ऋतु में बारिश होती है या तो बारिश नहीं होती है या फिर अधिक मूसलाधार बारिश होती है।
ऐसी परिस्थिति में मनुष्य जाति को ऋतुओं के अनुसार किस तरह का खान पान व रहन सहन करना चाहिए, इसके बारे में आयुर्वेद (अथर्ववेद का उपवेद) में महत्वपूर्ण बातें बतायी गई हैं।
यदि इन बातो का नियमित वा पूर्णत: पालन किया जाए तो स्वयं को स्वस्थ रख सकते है।
ऋतु वा काल-
-ऋतुएं छः होती हैं - शिशिर, वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत
-आयन या काल दो होते हैं - दक्षिणायन, उत्तरायन इन्हें क्रमशः विसर्गकाल व आदानकाल भी कहते हैं।
ग्रीष्म(गर्मी) ऋतु में खान - पान व रहन - सहन
सेव्य आहार
-मधुर, शीतल द्रव तथा स्निग्ध खान - पान हितकारी है।
-शीतल जल के साथ चीनी और घी मिला सत्तू का सेवन अच्छा पथ्य है।
- रात्रि में चीनी मिलाकर दूध (हो सके तो भैंस) पियें।
चावल से बनी (घृत वा शर्करा युक्त) खीर खाएं।
सेव्य विहार
प्रतिदिन स्वच्छ वा शीतल जल से स्नान करे।
- चंदन का लेप लगाएं।
- हल्के वा महीन वस्त्र धारण करें।-
- दिन में 1 मुहूर्त (45 मिनट) शीतल कमरे में सोये और रात को चन्द्रमा की चांदनी से व्याप्त मकान की छत पर सोना चाहिए।
त्याज्यआहार
नमकीन, खट्टे, चटपटे रस वाले पदार्थों का सेवन छोड़ दें अथवा कम करें।
त्याज्य विहार
धूप से बचें
-व्यायाम बहुत कम करें या न करें।
( Ref-सुश्रुत संहिता ,चरकसंहिता, अष्टांगह्रदयम )
श्री आयुविश्व आयुर्वेदिक चिकित्सालय वा पंचकर्म केंद्र
(पता- इन्दिरा नगर, लखनऊ )
डॉ. राजन वर्मा
आयुर्वेदाचार्य (पुणे)
Contact no.9325659233,9860144750

Want your practice to be the top-listed Clinic in Lucknow?
Click here to claim your Sponsored Listing.

Videos (show all)

https://youtu.be/PFiteVNc1nsAyurvedic Perspective & Treatment for Amlapitta ( Hyperacidity)A brief discussion about:-Cau...

Category

Telephone

Website

Address


Lucknow
226021

Opening Hours

Monday 10am - 2pm
6pm - 9:30pm
Tuesday 10am - 2pm
6pm - 9:30pm
Wednesday 10am - 2pm
6pm - 9:30pm
Thursday 10am - 2pm
6pm - 9:30pm
Friday 10am - 2pm
6pm - 9:30pm
Saturday 10am - 2pm
6pm - 9:30pm
Sunday 10am - 2pm

Other Medical & Health in Lucknow (show all)
PURE LIFE PHARM..Y PURE LIFE PHARM..Y
Lucknow, 226018

General Diagnostic & Sneha Healthcare Centre General Diagnostic & Sneha Healthcare Centre
Para Ram Vihar Colony Near Trikoneshwar Mandir , , Fateh Ganj Near Sri Sundar Lal Inter College
Lucknow, 226017,226008

All works is good & Hard

B.H.Medicals B.H.Medicals
Hallaur Sadak Near SBI Atm
Lucknow, 226003

B.H.Medicals near sbi Atm Hallaur new sadak

Nextone Pharmaceuticals Pvt Ltd Nextone Pharmaceuticals Pvt Ltd
Lucknow, 226001

Medicine & Health supplements.

Physiotherapy home visit in Lucknow Physiotherapy home visit in Lucknow
Lucknow

Very nice services my Center in home visit physiotherapy in Lucknow

Mahadev Medicals Mahadev Medicals
Lucknow, 226010

Shiv Market, Shankar Chauraha, Gomtinagar

Indian Neurogastroenterology & Motility Association Indian Neurogastroenterology & Motility Association
Lucknow, 226014

This is the official page of the Indian Motility and Functional Diseases Association

Ultrasound and ECG gel Ultrasound and ECG gel
Lucknow

Ultrasound and ECG Gel

Anmol Medicines Anmol Medicines
110/29 Meer Jaan Lane Naya Gaon East Aminabad
Lucknow, 226018

Yogi Piles and Panchkarma Centre Yogi Piles and Panchkarma Centre
Lucknow, 226020

Here our team of experts is trying to make an opportunity to people for enjoying healthy life through considering measure of great Ayurveda

Rainbow Children's Clinic Lucknow Rainbow Children's Clinic Lucknow
Near Baba Biryani Fatmi Masjid Picnic Spot Road Khurramnagar
Lucknow, 226022

Dr. Mohd Kashif Professor Pediatrics MBBS,MD PEDIATRICS (JNMC,AMU,Aligarh) PGPN (BOSTON,USA) Child Specialist and Neonatologist TIMING: 11:30 AM-4:30 PM Near Baba Biryani Fatmi ...

Safal pathology clinic Safal pathology clinic
Lucknow, 226025

It's a diagnostic centre where all kinds of blood tests, urine test, stool test , biopsy tests are performed