CVMS Cell Atmiya University
This page provide information on activities of Chetna Vikas Mulya shiksha Cell,Atmiya University.
*घोषणा*
"मध्यस्थ दर्शन सहअस्तित्ववाद" के प्रणेता
श्रद्धेय ए. नागराजजी द्वारा प्रतिपादित,
*जीवन विद्या परिचय शिविर*
गहन अनुसंधान के आधार पर जीवन के उद्देश्य और इसे पाने के पथ की स्पष्ट समझ। सदा सुखी रहने के लिए तात्त्विक-तार्किक-व्यावहारिक समझ।
दिनांक :
*01-June* 2024 *(शनिवार)* *08-June* 2024 *(शनिवार)*
प्रबोधक: *श्री सोमदेव त्यागी जी एवं श्री जय पटेल जी*
भाषा: * हिंदी और गुजराती*
स्थल: Step Auditorium, Atmiya University, Rajkot, Gujarat PIN - 360005
*गूगल लोकेशन मेप:*
https://maps.app.goo.gl/FZYgJVfETVbpDWac6
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*टिप्पणी:*
(1) यह कोई _"व्याख्यान/उपदेश"_ का कार्यक्रम नहीं है। कोई _"त्वरित-सुधार_" के कदम या _"इसे करें या न करें_" ऐसे निर्देश नहीं हैं। यह कार्यशाला किसी व्यक्ति/वस्तु का प्रचार भी नहीं है ।
यह कार्यशाला में *अस्तित्वगत वास्तविकताओं को समझने का प्रस्ताव दिया जाएगा* और *संवाद के माध्यम से समझने की कोशिश* की जाएगी । कार्यशाला में आपके प्रतिभाव का पूरा सम्मान होगा।
(2) बैठने की व्यवस्था, कुर्सियों और तकियों की होगी, जिससे आप एक आरामदायक स्थिति में समझने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
(3) दैनिक कार्यक्रम सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगा । जलपान और भोजन के अवकाश के साथ डेढ़ / दो घंटे के सत्र होंगे। हर शाम सायं भोजन से पहले समूह में गोष्ठी (समूह चर्चा) होगी।
(4) कार्यशाला में पुस्तकें, योगासन, प्राणायाम, खास पूजापाठ या किसी व्यक्तिकी पूजा नहीं होगी, इसलिए कोई विशेष पुस्तकें, विशेष वस्त्र या अन्य सामग्री लाने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन चूंकि कार्यशाला स्थल एक शैक्षणिक संस्थान है, इसलिए सम्मानजनक पोशाक जरूरी है।
(5) इस कार्यशाला के प्रबोधक यह काम केवल अपनी खुशी के लिए करते हैं, इसलिए *कार्यशाला नि:शुल्क* है।
(6) राजकोट के बाहर से आने वाले मित्रों के रहने की सुविधा कार्यशाला स्थल (Atmiya University) पर ही non-ac 4 person per room से रहेगी, जिसमे स्त्री और पुरुषों की रहने की अलग अलग व्यवस्था रहेगी । Due to limited seats for accommodation, accommodation will be provided on a first come, first serve basis.
(7) कार्यशाला से अधिकतम मूल्य प्राप्त करने के लिए, आपकी *पूर्णकालीन अविक्षिप्त उपस्थिति* वांछनीय है। (इसलिए विश्व विद्यालय और राजकोट के स्थानीय शिविरार्थी रात का खाना कार्यक्रम के स्थल पर साथ में ही कर सकते है। मात्र रात्रि निवास के लिए घर जाएंगे।)
*8 दिनों के केवल भोजन के खर्चे पर* आप निम्नानुसार सहयोग राशि दे सकेंगे ।
Rs.2000/- With Accommodation per person for 8 day with all meal ( Limited Seat Available)
Rs.1600/- Without Accommodation Lunch + Dinner per person for 8 day
Rs.800/- Without Accommodation Lunch per person for 8 day
शिविर मे भाग लेने के लिए सहयोग राशि कोई बाधा रूप नहीं है।
हम आशा करतें है कि पारिवारिक एवं सामाजिक मंगल के लिए आप सपरिवार पधारें ।
आपकी प्रतीक्षा सह धन्यवाद।
जीवन विद्या परिवार, आत्मीय विश्व विद्यालय, ।
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*पंजीकरण*
फॉर्म लिंक : bit.ly/AUJVSHIVIR24
यदि किसी को फॉर्म भरना अनुकूल नहीं है, तो वह नीचे दिए गए नंबर पर संपर्क करके भी पंजीकरण करा सकते है।
जिगर रत्नोत्तर
+91- 9099076139
चेतना गोहिल
+91 -9879372269
पंजीकरण हो जाने के बाद नीचे दिए लिंक से व्हाट्सअप्प ग्रुप मे जुड़ जाए ताकि आप शिविर संबंधी जानकारी प्राप्त हो सके।
*व्हाट्सअप्प लिंक :* https://bit.ly/WAPPAUJVSHIVIR24
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यह कार्यशाला क्या है, इसकी रूपरेखा जानने के लिए क्लिक करें:
http://bit.ly/AboutParichay
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यह कार्यशाला लोगों के जीवन को कैसे प्रभावित एवं प्रेरित करती है, यह जानने के लिए क्लिक करें:
https://www.jeevanvidhya.com/impact.php
विद्यार्थी निष्ठा से सुखी होते हैं।
विद्या को पाने का निष्ठा यदि बना रहता है तो विद्यार्थी सुखी रहता है। निष्ठा जब टूट जाती है तो दुखी रहता है, इधर-उधर झांकता है। विद्या का मतलब है - ज्ञान, विवेक, विज्ञान से संपन्न होना। ज्ञान, विज्ञान, विवेक संपन्न होने के लिए जो उपक्रम है, उसमें सदा-सदा अपना ध्यान लगा रहता है - इसका नाम है "निष्ठा"। यदि अपना ध्यान लगना बंद हो जाता है, या ध्यान उचट जाता है - उसका मतलब निष्ठा नहीं है। निष्ठा नहीं होने से मानव का विद्या से संपन्न होना या ज्ञान-विवेक-विज्ञान संपन्न होना सम्भव नहीं है। समझने के लिए निष्ठा चाहिए, हमारा मन लगना चाहिए, हमको इसमें तुलना चाहिए। विद्या से संपन्न होने की अपेक्षा को बनाए रखना चाहिए। विद्या से संपन्न होने के बीच में कोई रोड़ा नहीं लाना चाहिए। बीच में रोड़ा हो तो समझना बनता नहीं है। इतना ही निष्ठा का मतलब है।
निष्ठा पूर्वक हम समझने लगते हैं। निष्ठा पूर्वक समझना सुगम हो जाता है। निष्ठा नहीं होने से दुर्गम है ही - यह तो स्वाभाविक है।
अध्ययन पूर्वक ही मनुष्य समझदार होता है। दूसरा किसी विधि से समझदार नहीं होता। अध्ययन का मतलब है - अनुभव की रोशनी में स्मरण-पूर्वक किया गया कार्य-कलाप। शब्दों को हम स्मरण में लाते हैं, शब्दों से इंगित वस्तु को अस्तित्व में पहचान लिया - मतलब, अध्ययन हुआ। जैसे - "पानी" एक शब्द है। पानी एक वस्तु है। पानी अस्तित्व में एक अस्तित्व-सहज वस्तु है। "पानी" जो शब्द बोला वह स्मरण में जाता है। पानी वस्तु अस्तित्व में होता है। वस्तु का बोध होता है। वस्तु का बोध होने के चार भाग हैं - जानना, मानना, पहचानना, और निर्वाह करना।
जब कभी वस्तु का बोध होता है तो वह अपने सम्पूर्णता के साथ होता है। उसके बाद वस्तु क्यों है और कैसा है - इसका जो ज्ञान होता है, वह अनुभव है। ज्ञान रूप में हम जब संपन्न होते हैं, प्रमाणित होते हैं - उसका नाम है, अनुभव। वस्तु का नाम बताना - यह कोई ज्ञान नहीं है। वेदों में लाखों ऋचाएं हैं। हमारे पूर्वजों ने शब्द को "प्रमाण" माना। शब्द को बोल कर पहले संतुष्टि होता होगा, अब नहीं होता। अब शब्द के साथ "अर्थ" का निष्पत्ति आवश्यक हो गया है। अर्थ के साथ ज्ञान होना आवश्यक हो गया है। इस तरह शब्द, शब्द का अर्थ, अर्थ का ज्ञान। अर्थ क्या होता है? अर्थ अस्तित्व में वस्तु होता है। वस्तु क्यों है, कैसा है? - इसका ज्ञान होता है। वस्तु का ज्ञान होता है, मतलब हम वस्तु को समझ गए। वस्तु को समझ गए - मतलब वस्तु के "दृष्टा" हुए।
- अनुभव-शिविर (जनवरी २००६ ), अमरकंटक में बाबा श्री ए नागराज के उदबोधन से
Namaste Everyone
Recently from 20-25 NOV 2023 Atmiya University CVMS Cell member Ankit Kalariya(FOET CE) Conducted 6 day`s(timings from 9:15 AM to 4:15 PM) FDP on *Introduction to Jeeavn Vidya* at KJIT Savli Vadodra. There were approx. 70+ faculty participants from various Institutions like K J VIDHYA MANDIR, S B POLYTECHNIC, K J INSTITUTE OF ENGINEERING & TECHNOLOGY, K. J. INSTITUTE OF AYURVEDA & RESEARCH & 10 students from K. J. INSTITUTE OF AYURVEDA & RESEARCH.
द्वितीय सेमेस्टर पठन सत्र शुभारंभ
प्रबोधक: विधि दीदी
4 to 9 Dec-2023
Follow the The School Of CVMS AU channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029Va9LDON6GcGHOT3dYv2d
📢 *घोषणा*📢
*"द्वितीय सेमेस्टर पठन सत्र"*
नमस्ते सभीको..🙏🏻😇
पिछले साल आत्मीय विश्वविध्यालय मे प्रथम सेमेस्टर पठन सत्र हुआ था जो एक सफल प्रयोग रहा इस सत्र मे कुल ४५ प्रतिभागी ने हिस्सा लिया और सत्र पुरा कीया, जिसमे ३० आत्मीय के प्राध्यापक गण, १० समाज से इच्छुक लोग और ५ आत्मिय के विद्यार्थी ऐसे कुल ४५ प्रतिभागी रहे जिन्होंने पूरे सेमेस्टर यानी ६ माह तक मध्यस्थ दर्शन के वांग्मय का पठन/अध्ययन कीया और सफलता पूर्वक प्रथम सत्र का समापन हुआ, अब हमने इस साल भी आत्मिय विश्वविद्यालय मे *द्वितीय सेमेस्टर पठन सत्र का आयोजन किया है, जो ४ दिसम्बर २०२३ से शुरू होने जा रहा है तो इच्छुक प्रतिभागी अपना पंजीकरण करा शकते है।*
*सत्र की कुल अवधी:*
दिसंबर ४,२०२३ से जुलाई ६,२०२४
*दैनिक सत्र की अवधी :*
सुबह ११:१५ से दोपहर ४:०० बजे तक।
धन्यवाद... 🙏🏻
पंजीकरण हेतु लिंक:
https://bit.ly/2sps
Some glimpses of "Jeevan Vidya Samajik Parichay shibir" and FDP on "Humanization of Education and Harmonious Living" held at Atmiya University during 1st to 8th November-23.
Inroduction of Jeevan Vidya
FDP on Humanization of Education and Harmonious Living
Date:1st -8th November-2023
Venue: Atmiya University -Rajkot
"मध्यस्थ दर्शन सहअस्तित्ववाद" के प्रणेता
श्रद्धेय ए. नागराजजी द्वारा प्रतिपादित,
*जीवन विद्या परिचय कार्यशाला*
गहन अनुसंधान के आधार पर जीवन के उद्देश्य और इसे पाने के पथ की स्पष्ट समझ। सदा सुखी रहने के लिए तात्त्विक-तार्किक-व्यावहारिक समझ।
दिनांक :
*01-November* 2023 *(बुधवार)* सुबह 9 बजे से.. *08-November* -2023 *(बुधवार)* दोपहर 1 बजे तक।
प्रबोधक: *श्री योगेश शास्त्री*
भाषा: *हिंदी*
स्थल: Step Auditorium, Atmiya University, Rajkot, Gujarat PIN - 360005
*गूगल लोकेशन मेप:*
https://maps.app.goo.gl/FZYgJVfETVbpDWac6
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*टिप्पणी:*
(1) यह कोई _"व्याख्यान/उपदेश"_ का कार्यक्रम नहीं है। कोई _"त्वरित-सुधार_" के कदम या _"इसे करें या न करें_" ऐसे निर्देश नहीं हैं। यह कार्यशाला किसी व्यक्ति/वस्तु का प्रचार भी नहीं है ।
यह कार्यशाला में *अस्तित्वगत वास्तविकताओं को समझने का प्रस्ताव दिया जाएगा* और *संवाद के माध्यम से समझने की कोशिश* की जाएगी । कार्यशाला में आपके प्रतिभाव का पूरा सम्मान होगा।
(2) बैठने की व्यवस्था, कुर्सियों और तकियों की होगी, जिससे आप एक आरामदायक स्थिति में समझने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
(3) दैनिक कार्यक्रम सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक चलेगा । जलपान और भोजन के अवकाश के साथ डेढ़ / दो घंटे के सत्र होंगे। हर शाम सायं भोजन से पहले समूह में गोष्ठी (समूह चर्चा) होगी।
(4) कार्यशाला में पुस्तकें, योगासन, प्राणायाम, खास पूजापाठ या किसी व्यक्तिकी पूजा नहीं होगी, इसलिए कोई विशेष पुस्तकें, विशेष वस्त्र या अन्य सामग्री लाने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन चूंकि कार्यशाला स्थल एक शैक्षणिक संस्थान है, इसलिए सम्मानजनक पोशाक जरूरी है।
(5) इस कार्यशाला के प्रबोधक यह काम केवल अपनी खुशी के लिए करते हैं, इसलिए *कार्यशाला नि:शुल्क* है।
(6) राजकोट के बाहर से आने वाले मित्रों के रहने की सुविधा कार्यशाला स्थल (Atmiya University) पर ही non-ac 4 person par room से रहेगी, जिसमे स्त्री और पुरुषों की रहने की अलग अलग व्यवस्था रहेगी । Due to limited seats for accommodation, accommodation will be provided on a first come, first serve basis.
(7) कार्यशाला से अधिकतम मूल्य प्राप्त करने के लिए, आपकी *पूर्णकालीन अविक्षिप्त उपस्थिति* वांछनीय है। (इसलिए विश्व विद्यालय और राजकोट के स्थानीय शिविरार्थी रात का खाना कार्यक्रम के स्थल पर साथ में ही कर सकते है। मात्र रात्रि निवास के लिए घर जाएंगे।)
*8 दिनों के केवल भोजन के खर्चे पर* आप निम्नानुसार सहयोग राशि दे सकेंगे । (कार्यशाला में हिस्सा लेने के लिए यह राशि भी कोई बाधक बिन्दु नहीं है)।
Rs.2000/- With Accommodation per person for 8 day with all meal ( Limited Seat Available)
Rs.1600/- Without Accommodation Lunch + Dinner per person for 8 day
Rs.800/- Without Accommodation Lunch per person for 8 day
हम आशा करतें है कि पारिवारिक एवं सामाजिक मंगल के लिए आप सपरिवार पधारें ।
आपकी प्रतीक्षा सह धन्यवाद।
जीवन विद्या परिवार, आत्मीय विश्व विद्यालय, ।
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*पंजीकरण*
फॉर्म लिंक : bit.ly/AUJVSHIVIR
यदि किसी को फॉर्म भरना अनुकूल नहीं है, तो वह नीचे दिए गए नंबर पर संपर्क करके भी पंजीकरण करा सकते है।
जिगर रत्नोत्तर
+91- 9099076139
चेतना गोहिल
+91 -9879372269
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यह कार्यशाला क्या है, इसकी रूपरेखा जानने के लिए क्लिक करें:
http://bit.ly/AboutParichay
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यह कार्यशाला लोगों के जीवन को कैसे प्रभावित एवं प्रेरित करती है, यह जानने के लिए क्लिक करें:
https://www.jeevanvidhya.com/impact.php
क्षमा
"क्षमा ::- अन्य के विकास के लिए की जाने वाली सहायता के समय उसके ह्रास पक्ष से अप्रभावित रहने की क्षमता।
अनावश्यकता के प्रति उदासीन अथवा विस्मरण
क्षमा करने वाला मानव भ्रमित मानव की गलतियों से अप्रभावित रहने पर ही क्षमा कर सकेगा। गलतियों से प्रभावित होने पर क्षमा के स्थान पर प्रतिक्रिया होगी - जिससे घृणा, क्रोध, द्वेष होगा।" - श्री ए नागराज
Atmiya University and Divyapath Sansthan Signs MOU.
https://www.youtube.com/live/MqsrlYaPDBw?feature=share
MOU Sign-in Ceremony between Atmiya University, Rajkot and Divya Path Sansthan, Amaarkantak MOU Sign-in Ceremony between Atmiya University, Rajkot and Divya Path Sansthan, Amaarkantak
जीवन विद्या सम्मेलन -२०२४ की सफलता हेतु
प्रबोधन और प्रबंधन कार्यशाला
गुरु पुर्णिमा की सभी को शुभकामनाए
गुरु और शिष्य संबंध :-
# गुरु की ओर से शिष्य के प्रति आशा बंधी रहती है कि जो अध्ययन कराया जाता है,
उसका बोध शिष्य को होगा। शिष्य कृतज्ञ व आज्ञाकारी होगा।
#.शिष्य की गुरु से प्रत्याशा रहती है कि उसकी वांछा तथा जिज्ञासा के आधार पर
उन्हीं दिशाओं में गुरु द्वारा अध्ययन कराया जाएगा । गुरु और शिष्य दोनों में उपलब्धि
की कामना की साम्यता है। प्रक्रिया में पूरकता है । एक प्रदाता है और दूसरा
प्राप्तकर्त्ता है। प्राप्तकर्त्ता और प्रदाता की एक ही अभिलाषा है कि बोध पूर्ण हो
जाये।
# शिष्य का अर्थ बोध जब पूर्ण हो जाता है, उस समय गुरु पर्व मनाता है अर्थात् गुरु
को प्रसन्नता की अनुभूति होती है, यही वात्सल्य स्थिति है। तात्पर्य यह है कि हर
एक बड़े अपने से छोटों में वांछित गुणों की प्रसारण क्रिया में तत्पर रहते हैं। इसके
बदले में जो तोष (उत्सवित होना) वे पाते हैं, वही इसकी उपलब्धि है। प्रदाय के
बदले में किसी भौतिक वस्तु की प्राप्ति की अभिलाषा नहीं रहती ।
# शिष्य का गुरु केसाथ विश्वास सहित पहचान किया रहना सहज है । यह स्वाभाविक
मिलन है। योग, मिलन के रूप में स्पष्ट होता है । गुरु-शिष्य का योग अपने में
जागृति के आकॉक्षा पूर्वक कार्य-व्यवहार और अध्ययन करना, क्योंकि गुरु ही
अध्ययन कराने वाला होना सुस्पष्ट है। अध्ययन कराने के क्रम में सदा-सदा शिष्य
द्वारा ग्रहण करने की अपेक्षा व विश्वास समाया रहता है। उसमें जितने भी शिष्य
सार्थक होते हैं, गुरु में प्रसन्नता का स्रोत समाया रहता है, यह स्पष्ट हो चुका है।
यही गुरु-शिष्य के परस्परता में सफलता का प्रमाण है। जैसे-जैसे शिष्य का आकॉक्षा
और जिज्ञासा शांत होता है, वैसे ही सभी संशय दूर होते जाता है। ऐसे संशय मुक्ति
विधि से गौरव, श्रद्धा, कृतज्ञता मूल्य शिष्य में गुरु के लिए अर्पित होना पाया जाता
है। इस प्रकार गुरु शिष्य में मूल्यों का मूल्यांकन पूर्वक उत्सवित होना स्वाभाविक
होता है।
मानव व्यवहार दर्शन पृष्ठ -123
https://www.facebook.com/100071775306314/posts/282260664176442/?mibextid=CDWPTG
Namaste🙏
https://forms.gle/xCD4v7mA5DskKiF27
Plz fill this form..☝️. अपने करीबियों को यह शिविर गिफ्ट करने का जरूर प्रयास करें।।💐🙏💐
આત્મીય યુનિવર્સિટી માં છેલ્લા છ મહિનાથી ચાલતા સેમેસ્ટર પઠન સત્રનું નવા સંકલ્પ સાથે સુખદ્ સમાપન. આ સત્રને સફળ બનાવવામાં શ્રી એ.નાગરાજજી નું અનુસંધાન,શ્રી. હરિપ્રસાદ સ્વામીજી ની દુર દૃષ્ટિ, શ્રી. ત્યાગ વલ્લભ સ્વામીજી નો સંકલ્પ અને દિવ્યપથ સંસ્થાન- અમરકંટક તરફથી મધ્યસ્થ દર્શન રૂપી જ્ઞાનની ધારા ને આત્મીય યુનિવર્સિટી સુધી લઈ જવામાં જે પ્રબોધકો નો સહયોગ મળ્યો તે બદલ સૌ પ્રત્યે કૃતજ્ઞતા. સાથે સાથે આત્મીય યુનિવર્સિટી નેતૃત્વ મંડળ અને સૌ પ્રાધ્યાપક ગણ જેમણે આ પઠન સત્ર ને સુગમ અને સહજ બનાવ્યું તે સૌનો ખૂબ ખૂબ આભાર .🙏
मानविय संविधान सूत्र व्याख्या सत्र -२
प्रबोधक: डॉ. संकेत ठाकुर
*Youth Camp*
(Based on Madhyasth Darshan, Propounded by Shri A Nagraj)
*The Study and Practise of Harmony in the Family Order*
*2nd June - 11th June 2023*
*Manav Teerth, Chhattisgarh*
*For Confidence in Self, Confidence in Relationships and clarity on issues like Career, Business, Marriage, Identity*
*For registration contact:*
Kunal Bhaiya - 7988818115
Priyanka Didi - 7405661944
*Registration form:*
https://forms.gle/VUJQynoXE4bhwGtE9
Please find Manav Teerth's previous Youth Camp's Report attached for your reference
https://tinyurl.com/4vrtyr73
*घोषणा*:
*मध्यस्थ दर्शन* पर आधारित मानव तीर्थ द्वारा आयोजित *षष्ठम अध्ययन अभ्यास सत्र* *3 जुलाई 2023* गुरु पूर्णिमा पर प्रारम्भ हो रहा है।
*पंजीकरण के लिए:*
https://forms.gle/usnHh9MLrJ4EYnS1A
*अधिक जानकारी हेतु*:
अंकित +9198101466979
विनायक +918826939310
पुष्पेंद्र +91 8458838377
मानविय संविधान सूत्र व्याख्या सत्र १
प्रबोधक: डॉ. साधन भट्टाचार्य
मानव संचेतनवादी मनोविज्ञान सत्र -२
प्रबोधक : श्री अजय जैन
मानव संचेतनवादी मनोविज्ञान
प्रबोधक : श्रीमती अनिता शाह
Interested Students can Join.Registration is must.
http://bit.ly/HAPPINESS_WORKSHOP
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we accept all types of typing jobwork in following languages English ,hindi, Gujarati, Sanskrit.if there any leads kindly leave a message
RK University [International Office]
Rajkot, 360020
This is the official page of RK University, Gujarat, India - International Office.
Munjka
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Our vision is to Transfer students from stone to diamond. The brighter shine of our students will en
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Quality Physiotherapy education. Currently offering B.P.T. and PhD in Physiotherapy.