Darbhanga Boyz
दरभंगा मेरा शान है, अभिमान है, गुरुर है, घमंड है।
दिल से दरभंगा | मिथिला राजधानी
#DarbhangaBoyz #Like
आइए इस महा कुंभ में अपना हाथ धोते है, और बताते है कि BJP बिहार के 40 में से कितनी सीट जीत सकती है?
👉 आपके उत्तर का हमे इंतजार रहेगा।
#लोकसभाचुनाव2024
तो दरभंगा की जनता इस बार किसे नई दिल्ली भेजना चाहती है? इस महाकुंभ में आप किसे वोट देंगे?
🅰️ श्री ललित कुमार यादव [ RJD ]
🅱️ डॉ गोपाल जी ठाकुर [ BJP ]
तो क्या लगता, इस बार दरभंगा में कमल खिलेगा या लालटेन जलेगा?
हमें #कॉमेंट करके बताए, पोस्ट को #शेयर करें और जो नोटा वाले है वो #भारत_माता_की_जय लिखे।
AI ने दरभंगा स्थित Nargona Palace की क्या लाजवाब तस्वीर बनाई है। बहुत ही अद्भुत, सुंदर है, यह तस्वीर।
कास इतनी ही सुंदर होती अगर Nargona Palace तो इसे देखने देस-विदेश से लोग आते इसको देखने।
आपको कैसा लगा यह तस्वीर?
AI के द्वारा LNMU Darbhanga के प्रवेश द्वार का चित्र बनाया गया है। कितना खुबसूरत लग रहा है? आप लोग बताए?
मोहनदास करमचंद गांधी जी भी मिथिला(चंपारण) में आ कर महात्मा गांधी हुए.
गांधी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं!!
स्वर्गीय राहुल गांधी जी sorry sorry राजीव गांधी जी माफ करें ऐसे नेता लोगो को।
मिथिला के पैघ पबैन चौरचन के आहा सब गोटे के बहुत बहुत शुभकामना!!
जय मिथिला!!
जय मैथिली!!
जय दरभंगा!!
झारखंड के देवघर से लेकर बिहार के #दरभंगा तक बन गया है: मोई जी!
Rakhi पहुंच गया #चंदा_मामा के पास।
India On Moon
आज कल का बच्चा लोग भी बे-कहल हो गया है।
आलू भरा पराठा
पानी भरा ग्लास
#सीमा
आज हमेशा के मुकाबले ट्रेन में कम भीड़ थी। सुरेखा ने खाली जगह पर अपना ऑफिस बैग रखा और खुद बाजू में बैठ गई।
पूरे डिब्बे में कुछ मर्दों के अलावा सिर्फ सुरेखा थी। रात का समय था सब उनींदे से सीट पर टेक लगाये शायद बतिया रहे थे या ऊँघ रहे थे।
अचानक डिब्बे में 3-4 तृतीय पंथी तालिया बजाते हुए पहुँचे और मर्दों से 5-10 रूपये वसूलने लगे।
कुछ ने चुपचाप दे दिए कुछ उनींदे से बड़बड़ाने लगे।
"क्या मौसी रात को तो छोड़ दिया करो हफ्ता वसूली..."
वे सुरेखा की तरफ रुख न करते हुए सीधा आगे बढ गए।
फिर ट्रेन कुछ देर रुकी कुछ लडके चढ़े फिर दौड़ ली आगे की ओर ,सुरेखा की मंजिल अभी 1 घंटे के फासले पर थी।
वे 4-5 लड़के सुरेखा के नजदीक खड़े हो गए और उनमे से एक ने नीचे से उपर तक सुरेखा को ललचाई नजरो से देखा और बोला...
"मैडम अपना ये बैग तो उठा लो सीट बैठने के लिए है, सामान रखने के लिए नहीं..."
साथी लडको ने विभत्स हंसी से उसका साथ दिया।
सुरेखा अपना बैग उठाकर सीट पर सिमट कर बैठ गई।
वे सारे लड़के सुरेखा के बाजू में बैठ गए।
सुरेखा ने कातर नजरो से सामने बैठे 2-3 पुरषों की ओर देखा पर वे ऐसा जाहिर करने लगे मानो सुरेखा का कोई अस्तित्व ही ना हो।
पास बैठे लड़के ने सुरेखा की बांह पर अपनी ऊँगली फेरी बाकि लडको ने फिर उसी विभत्स हंसी से उसका उत्साहवर्धन किया।
"ओ ...मिस्टर थोडा तमीज में रहिये"
सुरेखा सीट से उठ खड़ी हुई और ऊँची आवाज में बोली।
डिब्बे के पुरुष अब भी एलिस के वंडरलैंड में विचरण कर रहे थे।
"अरे ..अरे मैडम तो गुस्सा हो गई ,अरे बैठ जाइये मैडम आपकी और हमारी मंजिल अभी दूर है तब तक हम आपका मनोरंजन करेंगे " कत्थई दांतों वाला लड़का सुरेखा का हाथ पकड़कर बोला।
डिब्बे की सारी सीटों पर मानो पत्थर की मूर्तियाँ विराजमान थी।
उधर उन तृतीय पंथी के लोगो ने सुरेखा की आवज सुनी और आगे आये
"अरे तू क्या मनोरंजन करेगा हम करते हैं तेरा मनोरंजन"
"शबाना ..उठा रे लहंगा, ले इस चिकने को लहंगे में बड़ी जवानी चढ़ी है इसे "
"आय ...हाय मुंह तो देखो सुअरों का, कुतिया भी ना चाटे"
"बड़ी बदन में मस्ती चढ़ी है इनके, जूली ..उतारो इनके कपडे , पूरी मस्ती निकालते है इनकी "
जूली नाम का भयंकर डीलडौल वाला तृतीय पंथी जब उन लडकों की तरफ बढ़ा तो लड़के डिब्बे के दरवाजे की ओर भाग निकले और धीमे चलती ट्रेन से बाहर कूद पड़े।
सुरेखा की भीगी आँखे डिब्बे के कथित मर्दों की तरफ पड़ी जो अपनी आँखे झुकाए अपने मोबाइल में व्यस्त थे
और असली मर्द तालिया बजाते हुए किसी और डिब्बे की ओर बढ़ चुके थे।
#मैथिल_नववर्ष के रूप शीतलता का लोक पर्व 'जुड़ शीतल' मनाया जाता है. जुड़ शीतल का मतलब होता है शीतलता की प्राप्ति. जिस प्रकार मिथिला के लोग छठ में सूर्य और चौरचन में चंद्रमा की पूजा करते हैं, उसी प्रकार जुड़ शीतल पर मैथिल समाज जल की पूजा करता है और शीतलता की कामना करना है. दो दिनों के इस पर्व में एक-दूसरे के लिए जीवन भर की शीलतता की कामना की जाती है. पर्व के पहले दिन सतुआइन होता है, तो दूसरे दिन धुरखेल. धुरखेल के दिन पूरा समाज जल संग्रह के स्थलों जैसे कुआं, तालाब की सफाई करता है. चूल्हे को आराम देता है और वर्षा काल आने तक पेड़ों में नियमित पानी देने की शुरुआत करता है. जुड़ शीतल में सतुआइन का महत्व इस पर्व के पीछे फसल तंत्र और मौसम भी कारक है. मिथिला में सत्तू और बेसन की नयी पैदावार इसी समय होती है. इस पर्व में इसका बड़ा महत्व है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी देखें तो इसके इस्तेमाल से बने व्यंजन को अधिक समय तक बिना खराब हुए रखा जा सकता है, जिससे खाना बर्बाद न हो. आमतौर पर गर्मी के कारण खाने-पीने के व्यंजन जल्दी खराब हो जाते हैं. इससे बचने के लिए मिथिला क्षेत्र के लोग गर्मी सीज़न में सत्तू और बेसन का इस्तेमाल अधिक करते हैं. जुड़ शीतल त्योहार में सतुआइन के अगले दिन चूल्हा नहीं जलाया जाता है. ऐसे में सतुआइन के दिन अगले दिन का भी खाना तैयार किया जाता है. अगले दिन चूल्हा न जलने पर लोग सत्तू और बेसन से बना बासी खाना ही खाते हैं.
विक्रम संवत २०८०, और
बिहार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!!
दरभंगा में कनकनी, कम नही हो रही है। अर्थात घर में रहे, सुरक्षित रहे।
जनवरी की सर्द रातें!!
Uff ये ठंड☹️
ये ठंड गुजरे तो मैं कुछ कहूं: दरभंगा
स्नातक उत्तीर्ण छात्रों का 10जनवरी के बाद स्नातकोत्तर PG में नामांकन शुरू हो सकता है।
सुबह की सुप्रभात इस धुन से हो तो बात ही कुछ अलग है।
#जयश्रीराम #सियाराम #जयजनकी
Darbhanga Boyz
दरभंगा के छठ घाट से लाइव!!
#छठपुजा
Click here to claim your Sponsored Listing.
Videos (show all)
Category
Contact the public figure
Telephone
Website
Address
Bakmandar
Darbhanga, 847105
IMRYA News: Patron and promoter of 'Indian Maithil culture' Our page, called 'IMRYA News',
Mohalla: Faizullah Khan
Darbhanga, 846004
Jamal Owaisi .... a post modern Urdu poet & critic , Associate professor in Urdu , M R M College , D