Jaipur Reiki Healing Center

We provide best Reiki Healing Therapy in Jaipur. The Reiki therapy is a natural healing process

29/04/2024

गुरुजी के साथ

12/03/2024
12/03/2024

रेकी शक्ति द्वारा 78 किलो के व्यक्ति को दो-दो उंगलियों से हवा में उठाते हुए।
मो.9214694929

12/03/2024

Reiki students
092146 94929

14/02/2024

पांच रेकी चार्ज स्टोन ग्रिड अलग-अलग व्यक्तियों के स्वास्थ्य की कामना के लिए
1 नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के लिए
2 ब्रेस्ट कैंसर के लिए
3 पैरों के दर्द के लिए
4 एलर्जी की प्रॉब्लम के लिए
5 डिप्रेशन दूर करने के लिए

05/11/2023

अभी बुक करें अपना
past life regression
Personal session
(only one person)
2100/
whatsapp करें।
मो. 9214694929

02/10/2023

Today Reiki class conducted for Advance Reiki Healer.
To join reiki class or get reiki therapy contact 9214694929


Jaipur Reiki Healing Center

23/09/2023

आप स्वयं अपने पूर्व जन्म में जाकर किसी भी परेशानी का हल जान सकते हैं।
https://www.facebook.com/jrhc05?mibextid=ZbWKwL

Photos from Jaipur Reiki Healing Center's post 14/04/2023

रेकी के द्वारा आप किसी भी समस्या हेतु अलग-अलग स्टोन चार्ज करवा सकते है ।

Photos from Jaipur Reiki Healing Center's post 30/03/2023

आप भी रेकी चिकित्सा से अपने स्वयं के सभी कार्य स्वयं कर सकते हैं सभी परेशानियां दूर कर सकते हैं।
092146 94929

30/09/2022

भूमि को स्टोन से चार्ज करते हुए

09/08/2022

इसी तरह आप भी अपनी मनोकामना के लिए स्टोन चार्ज करवा सकते हैं मात्र ₹200 में

Photos from Jaipur Reiki Healing Center's post 01/08/2022

धन प्राप्त करने के लिए रेकी द्वारा चार्ज की गई ग्रिड
M.9214694929

17/07/2022

चार लोगों की मनोकामना के लिए 4 स्टोन रेकी के द्वारा चार्ज किए ₹200 स्टोन

Photos from Jaipur Reiki Healing Center's post 15/07/2022

रेकी के द्वारा चार्ज किए हुए स्टोन

15/07/2022

रेकी के द्वारा अलग-अलग लोगों के लिए अपनी अपनी अलग-अलग मनोकामनाओं के लिए दिव्य रेकी शक्ति से स्टोन चार्ज किए गए अब यह अमूल्य हैं अब यह नेचुरल स्टोन उन सभी की मनोकामना को पूर्ण करने में सहयोग करेंगे
आप भी अपनी मनोकामना के लिए स्टोन चार्ज करवा सकते हैं
मो.9214694929

18/01/2022

सभी नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने के लिए स्टोन चार्ज ग्रिड

18/01/2022

सभी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए

18/01/2022

ज्यादा बीमारियां और समस्याएं हमारे जीवन में हमारे सात चक्रो में सकारात्मक ऊर्जा की रुकावट आने से होती है
यदि हम हमारे सात चक्रो को संतुलित करना सीख लेते है तो हम हमारे जीवन आधी से भी ज्यादा बिमारियों और समस्याओं को जड़ से समाप्त कर सकते है ।

हमारे सातो चक्रो को रेकी से संतुलित करने का सबसे लोकप्रिय और आसान तरीका है
रेकी क्या है ?
रेकी कैसे काम करती है
हमारे सात चक्र क्या है और कैसे काम करते है I
कैसे हमारे अंदर के नकारात्मक ऊर्जा हमारे जीवन में समस्या या बीमारी का रूप लेती है I
क्यों हमारे जीवन में हमारे सात चक्रो को संतुलित रखना अनिवार्य है I
कैसे आप आपके शरीर को बिना दवाइयों के स्वस्थ रख सकते है I
कैसे आप मानसिक तनाव को बिना दवाइयों के हील कर सकते है I
कैसे आप रेकी हीलिंग के माध्यम से किसी भी बीमारी को सही कर सकते है I
कैसे आप रेकी हीलिंग के माध्यम से आपके परिवारजनों और दुसरो के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते है I
कैसे हम हमारे अंदर के डर, तनाव, निराशा को रेकी हीलिंग से पूर्ण रूप से समाप्त कर सकते है I
रेकी की जानकारी के लिए
संपर्क करे
9214694929

18/05/2021

रेकी- एक दिव्य ईश्वरीय औषिधि है
रेकी क्या है ?
दोस्तो जैसा कि हम सब जानते है कि आज के इस युग मे हम सब किसी न किसी वजह से परेशानियों के दौर सेे गुजर रहे है

1. व्यापार की परेशानी
3. गृह क्लेश
3. परिवार में विवाद
4. किसी का किया कराया
5. असाध्य रोग होना
6. पैसो की बर्बादी 💰
7. झूठे आरोप प्रत्यारोप लगना
8. बीमारियों में दवा का ना लगना
कई प्रकार की समस्याओं से आज हमारा समाज परेशान है और आये दिन अपने पैसों की बर्बादी अस्पताल में कर रहा है
हम क्या करें
यही सवाल हमारे मस्तिष्क में आता है

रेकी (स्पर्श चिकित्सा)

रेकी के विषय में अधिकतर हम सब जानते है सुना भी है लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि रेकी से क्या क्या कर सकते है
मित्रों जैसा कि हम सब जानते है
हमारे प्राचीन काल में बड़े-बड़े संत, महात्मा, भगवान महावीर, बुद्ध आदि ने किस प्रकार स्पर्श मात्र से ना जाने असाध्य बीमारियों ,परेशानियों को सही किया है
भगवान का अंश प्रत्येक प्राणी के शरीर में होता है
उसे जाग्रत करने की आवश्यकता है
आप नही जानते कैसे किया जा सकता है
किन्तु ऐसा नही है
हम सबमें भगवान है हम सब भी उनके जैसे बन सकते है हम भी सभी परेशानियों से मुक्त होकर एक स्वस्थ्य जीवन जी सकते है
कैसे
रेकी सीखकर
आप बन सकते है एडवांस रेकी हीलर और कर सकते है अपनी स्वयं की, दोस्तो की, परिवार की, समाज की सभी परेशानियाें का अंत वो भी कुछ समय में बिना कुछ खर्च किये
सीखने के लिये उसकी फीस जरूरी है
बिना फीस के यदि कुछ सीखा तो उसका कोई महत्व नही होता है
रेकी के बारे में जानने के लिए
संपर्क करे
R L Vijay
( Reiki grand master)
मो. 9214694929
मानसरोवर जयपुर

19/03/2021

🙏🙏
रेकी एक जापानी भाषा का शब्द है जो रे और की से मिलकर बना है। रे का अर्थ है सर्वव्यापी और की का अर्थ है जीवनशक्ति अर्थात रेकी का शाब्दिक अर्थ सर्वव्यापक जीवनशक्ति है। कुछ लोग इसे प्राणशक्ति या संजीवनी शक्ति के नाम से भी जानते है।

प्रारम्भ : हालाँकि यह विद्या प्राचीन काल से प्रचलित है, विशेषकर हमारे ऋषि-मुनि इसका प्रयोग लोक कल्याण के लिए करते थे परन्तु समय के साथ ये विद्या लुप्त हो गई और इस विद्या से जुड़े हुए ग्रंथ भी अप्राप्त है। मुख्यतः ईसा और बुद्ध द्वारा इसके प्रयोग के उल्लेख कुछ कथाओं या ग्रंथों में मिलते हैं।

रेकी के वर्तमान स्वरूप के प्रणेता ड ॉ. मिकाऊ उसई को माना जाता है जिन्होंने कठिन परिश्रम के बाद इस विद्या को न सिर्फ पुनः खोजा बल्कि इस विधा को आगे बढा़या।

रेकी की प्रसिद्धि का प्रमुख कारण इसका एकदम सरल एवं असरदार होना है। रेकी का प्रयोग व्यक्ति में निहित ऊर्जा के स्तर को नियंत्रित करने एवं विश्रांति के लिए किया जाता है। जिसके परिणाम स्वरूप व्यक्ति ऊर्जावान महसूस करता है, जो उसकी कार्यकुशलता में वृद्धि होती है।

जहाँ तक व्यक्ति के ऊर्जावान होने का प्रश्न है हमें सबसे पहले अपनी भौतिक संरचना के अलवा अपनी सम्पूर्ण संरचना को समझना होगा।

भौतिक शरीर जहाँ हम सुख-दुःख एवं चिंता इत्यादि को महसूस करते हैं वास्तव में हमारी संरचना का केवल 12% भाग है। बाकी का लगभग 90% भाग अलग-अलग ऊर्जा की 7 परतों से बना है। जिसे हम साधारण आँखों से नहीं देख पाते हैं। हालाँकि एक रूसी वैज्ञानिक किर्लियन ने एक ऐसे कैमरे का आविष्कार किया है जिसकी मदद से हम अपनी भौतिक संरचना के अलावा हमारे आसपास के ऊर्जामयी शरीर को भी देख सकते हैं।

हमारे शरीर के चारों तरफ 4-6 इंच के घेरे में हमारा ऊर्जा शरीर होता है, जिसे अंग्रेजी में AURA भी कहते है। रोग एवं तनावग्रस्त व्यक्ति में यह सिकुड़कर कुछ सेंटीमीटर रह जाता है। इसके विपरीत जो साधक या सिद्ध-पुरुष होते हैं उनका AURA कुछ मीटर या उससे भी ज्यादा हो सकता है। इसके अलावा जो व्यक्ति मन, वचन एवं कर्म से पवित्र होते हैं उनमे भी एक विशाल AURA की सम्भावनाएँ होती हैं।

हमारी ऊर्जा शरीर के चारों तरफ 6-8 इंच के घेरे में एक और सतह होती है, जिसे मनोमय शरीर के नाम से भी जाना जाता है। जो हमारे विचारों का या मनस्थिति का घेरा है। हम अपने आम जीवन में भी यह महसूस करते हैं कि जब भी हम किसी स्वस्थ मानसिकता वाले मनुष्य के सानिध्य में होते हैं तो अच्छा महसूस होता है, वहीं जब किसी रुग्न या तनावग्रस्त व्यक्ति के संपर्क में आने पर हमें उस व्यक्ति से नकारात्मक तरंगों का अनुभव होता है।

ऐसा मन जाता है की हमारे ऊर्जामय शरीर में ऊर्जा के कई छोटे बड़े चक्र (केंद्र) होते हैं। जो हमारी हर सकारात्मक भावना को नियंत्रित या विकसित करते हैं ये ऊर्जा के केंद्र ब्रह्माण्ड में स्थित सार्वभौमिक ऊर्जा को सतत हमारे शरीर में संचारित करने का कार्य करते रहते है। हमारे ऊर्जा चक्र जितने ज्यादा सक्रिय होंगे हम उतने ही ऊर्जावान और सकारात्मक विचारो के होंगे एवं हमारी रचनात्मकता या आध्यात्मिक स्तर का विकास होता है।

इसके विपरीत यदि हमारे ऊर्जा केंद्र ठीक तरह से काम नहीं करेंगे या इनमें किसी तरह का अवरोध उत्पन्न हो जाता है, तो हम नकारात्मकता विचारों और कार्यों में पद सकते है जो व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से रुग्न बना सकता है।

रेकी इन्हीं 24 मुख्य छोटे-बड़े ऊर्जा चक्रों या महत्वपूर्ण ऊर्जा केन्द्रों को हाथ के स्पर्श से नियंत्रित करने का अभ्यास है जिससे व्यक्ति काफी शांत एवं ऊर्जावान महसूस करता है। रेकी के प्रयोग से व्यक्ति में रचनात्मकता की वृद्धि होती है, व्यक्ति तनावमुक्त होता है साथ ही साथ उसके आध्यात्मिक स्तर का विकास होता है।

रेकी एक साधारण विधि है, लेकिन इसे पारंपरिक तौर पर नहीं सिखाया जा सकता। विद्यार्थी इसे रेकी मास्टर से ही सीखता है। इसे आध्यात्म आधारित अभ्यास के तौर पर जाना जाता है। चिन्ता, क्रोध, लोभ, उत्तेजना और तनाव शरीर के अंगों एवं नाड़ियो में हलचल पैदा करते देते हैं, जिससे रक्त धमनियों में कई प्रकार के विकार उत्पन्न हो जाते हैं। शारीरिक रोग इन्ही विकृतियों के परिणाम हैं। शारीरिक रोग मानसिक रोगों से प्रभावित होते है। रेकी बीमारी के कारण को जड़ मूल से नष्ट करती हैं, स्वास्थ्य स्तर को उठाती है, बीमारी के लक्षणों को दबाती नहीं हैं। रेकी के द्वारा मानसिक भावनाओं का संतुलन होता है और शारीरिक तनाव, बैचेनी व दर्द से छुटकारा मिलता जाता हैं। रेकी गठिया, दमा, कैंसर, रक्तचाप, पक्षाघात, अल्सर, एसिडिटी, पथरी, बवासीर, मधुमेह, अनिद्रा, मोटापा, गुर्दे के रोग, आंखों के रोग , स्त्री रोग, बाँझपन, शक्तिन्यूनता और पागलपन तक दूर करने में समर्थ है

इस विद्या में रेकी प्रशिक्षक द्वारा व्यक्ति को सुसंगतता ('एट्यूनमेंट' या 'इनिसियेशन' या 'शक्तिपात') प्रदान की जाती है।
इससे व्यक्ति के शरीर में स्थित शक्ति केंद्र जिन्हें चक्र कहते है, पूरी तरह गतिमान हो जाते हैं, जिससे उनमें 'जीनव शक्ति' का संचार होने लगता है।

रेकी का प्रशिक्षण मास्टर एवं ग्रैंड मास्टर पांच चरणों में देते हैं।

लेवल 1 (स्पर्श चिकित्सा)

लेवल 2 (दूरस्थ चिकिस्ता)

लेवल 3 (दूरस्थ मास्टर हीलर स्टोन चार्ज )

लेवल 4 रेकी मास्टर

लेवल 5 रेकी ग्रांडमास्टर

रेकी के अभ्यास की विधि इतनी सरल है की कोई भी व्यक्ति इसे किसी भी स्थिति में किसी भी समय कर सकता है।

रेकी हमारे पारंपरिक योग, प्राणायाम, ध्यान जैसी विधियों का खंडन बिलकुल नहीं करती बल्कि रेकी, साधकों के लिए काफी मददगार सिद्ध हो सकती है। बशर्ते आप किसी योग्य रेकी मास्टर्स द्वारा प्रशिक्षित हो।

आज के युग में जहाँ हम अपनी तनावग्रस्त दिनचर्या को चाहकर भी नियमित नहीं रख पाते हमें रेकी जैसे सरल एवं असरदार साधन की बहुत सख्त जरूरत है। जो हमारे अन्दर ऊर्जा के स्तर को नियंत्रित रखेगा।
R L Vijay
9214535862
🙏🙏-1

18/03/2021

रेकी का महत्त्व एवं उपयोग

रेकी बहुत सौम्य ऊर्जा होने के साथ-साथ बहुत प्रभावी होती है। इसके उपयोग के लंबे इतिहास में यह हृदय रोग, कैंसर, अस्थि भंग, अनिद्रा, थकान, सिरदर्द, चर्म रोग, डिप्रेशन इत्यादि में प्रभावी सिद्ध हुई है। यदि उपचार की अन्य विधियों के साथ में इसका उपयोग किया जाता है तो यह उनके प्रभावों को बढ़ाती है व रोगी अपेक्षाकृत कम समय में ठीक हो सकता है।

रेकी का मूल्य

1. इससे नुकसान कुछ नहीं होता, परन्तु यह फायदा बहुत करती है।

2. यह एक क्षण में उत्पन्न होती है और इसकी स्मृति सदा के लिए बनी रहती है।

3. कोई मनुष्य इनता धनी नहीं है कि जिसका इसके सिवाय निर्वाह हो सके, और न कोई इतना दरिद्र है कि जो इसके लाभों से धनी न हो सके ।

4. यह विचारों में शुद्धता व विश्वास लाती है, परिवार में सुख व हौसला बढ़ाती है, व्यापार में हिम्मत व ख्याति प्रदान करती है, व्यवहार में कुशलता व समर्थन पैदा करती है।

5. यह थके हुए व्यक्ति के लिए विश्राम है, हतोत्साह के लिए दिन का प्रकाश है, ठिठुरे हुए के लिए धूप है, कष्ट के लिए प्रकृति का सर्वोत्तम प्रतिकार है। स्वास्थ्य के लिए कायाकल्प का वरदान है।

6. जब तक यह न ली जाए तब तक संसार में यह किसी के काम की नहीं।

रेकी कैसे सीखी जाती है?

रेकी की सबसे बड़ी विशेषता है इसकी सरल चिकित्सा। इसलिए कोई भी व्यक्ति इसे सीख सकता है। इसमें उम्र, शिक्षा, साधना, आसन आदि का कोई बंधन नहीं है। इसे सीखने के लिए केवल इच्छा, विश्वास एवं श्रद्धा की आवश्यकता है।

यह विद्या दो दिन के सेमिनार में सिखाई जाती है, जिसमें करीब बारह से पंद्रह घंटे का समय लगता है। इस सेमिनार में 'रेकी मास्टर' (प्रशिक्षक) द्वारा व्यक्ति को 'सुसंगतता' प्रदान की जाती है, जिसे 'एट्यूनमेंट' या 'इनिसियेशन' या 'शक्तिपात' भी कहा जाता है, जिससे व्यक्ति के शरीर में स्थित 'शक्ति केंद्र' जिन्हें हम 'चक्र' कहते है, खुलकर गतिमान हो जाते हैं, जिससे उनमें 'जीनव शक्ति' का संचार होने लगता है।

इसके बाद यह शक्ति जीवनपर्यंत तथा हर समय व्यक्ति के पास रहती है। इससे वह स्वयं का और दूसरों का उपचार कर सकता है। इस शक्ति को और अधिक विकसित कर समय एवं दूरी से ऊपर उठकर उचार करने की शक्ति प्राप्त होती है।

रेकी की सुचारुता

चूँकि रेकी का प्रयोग करने वाला व्यक्ति केवल उसका वाहक होता है, उसका मूल स्रोत नहीं, अतः प्रयोग करने के कारण रेकी उपचारक की अपनी ऊर्जा कम नहीं होती, अपितु उसके माध्यम से रेकी जाने के कारण रोगी की चिकित्सा के साथ-साथ उसकी अपनी भी चिकित्सा होती है और उपचारक का ऊर्जा स्तर बढ़ता है
संपर्क
मो. 9214694929
जयपुर

16/03/2021

1. मूलाधार चक्र : -

यह शरीर का पहला चक्र है। गुदा और लिंग के बीच चार पंखुड़ियों वाला यह 'आधार चक्र' है। 99.99% लोगों की चेतना इसी चक्र पर अटकी रहती है और वे इसी चक्र में रहकर मर जाते हैं। जिनके जीवन में भोग, संभोग और निद्रा की प्रधानता है उनकी ऊर्जा इसी चक्र के आसपास एकत्रित रहती है।

मंत्र : ।। लं ।।

चक्र जगाने की विधि : मनुष्य तब तक पशुवत है, जब तक कि वह इस चक्र में जी रहा है इसीलिए भोग, निद्रा और संभोग पर संयम रखते हुए इस चक्र पर लगातार ध्यान लगाने से यह चक्र जाग्रत होने लगता है। इसको जाग्रत करने का दूसरा नियम है यम
और नियम का पालन करते हुए साक्षी भाव में रहना।

प्रभाव : - इस चक्र के जाग्रत होने पर व्यक्ति के भीतर वीरता, निर्भीकता और आनंद का भाव जाग्रत हो जाता है। सिद्धियां प्राप्त करने के लिए वीरता, निर्भीकता और जागरूकता का होना जरूरी है।

*
*

2. स्वाधिष्ठान चक्र : -

यह वह चक्र है, जो लिंग मूल से चार अंगुल ऊपर स्थित है। जिसकी छ: पंखुड़ियाँ हैं। अगर आपकी ऊर्जा इस चक्र पर ही एकत्रित है तो आपके जीवन में आमोद-प्रमोद, मनोरंजन, घूमना-फिरना और मौज-मस्ती करने की प्रधानता रहेगी। यह सब करते हुए ही आपका जीवन कब व्यतीत हो जाएगा आपको पता भी नहीं चलेगा और हाथ फिर भी खाली रह जाएंगे।

मंत्र : ।। वं ।।

कैसे जाग्रत करें : - जीवन में मनोरंजन जरूरी है, लेकिन मनोरंजन की आदत नहीं। मनोरंजन भी व्यक्ति की चेतना को बेहोशी में धकेलता है। फिल्म सच्ची नहीं होती लेकिन उससे जुड़कर आप जो अनुभव करते हैं वह आपके बेहोश जीवन जीने का प्रमाण है। नाटक और मनोरंजन सच नहीं होते।

प्रभाव : - इसके जाग्रत होने पर क्रूरता, गर्व, आलस्य, प्रमाद, अवज्ञा, अविश्वास आदि दुर्गणों का नाश होता है। सिद्धियाँ प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि उक्त सारे दुर्गुण समाप्त हो तभी सिद्धियाँ आपका द्वार खटखटाएंगी।

*
*

3. मणिपुर चक्र : -

नाभि के मूल में स्थित रक्त वर्ण का यह चक्र शरीर के अंतर्गत मणिपुर नामक तीसरा चक्र है, जो दस कमल पंखुडियों से युक्त है। जिस व्यक्ति की चेतना या ऊर्जा यहां एकत्रित है उसे काम करने की धुन-सी रहती है। ऐसे लोगों को कर्मयोगी कहते हैं। ये लोग दुनिया का हर कार्य करने के लिए तैयार रहते हैं।

मंत्र : ।। रं ।।

कैसे जाग्रत करें : - आपके कार्य को सकारात्मक आयाम देने के लिए इस चक्र पर ध्यान लगाएंगे। पेट से श्वास लें।

प्रभाव : - इसके सक्रिय होने से तृष्णा, ईर्ष्या, चुगली, लज्जा, भय, घृणा, मोह आदि कषाय-कल्मष दूर हो जाते हैं। यह चक्र मूल रूप से आत्मशक्ति प्रदान करता है। सिद्धियाँ प्राप्त करने के लिए आत्मवान होना जरूरी है। आत्मवान होने के लिए यह अनुभव
करना जरूरी है कि आप शरीर नहीं, आत्मा हैं। आत्मशक्ति, आत्मबल और आत्मसम्मान के साथ जीवन का कोई भी लक्ष्य दुर्लभ नहीं।

*
*

4. अनाहत चक्र : -

हृदय स्थल में स्थित स्वर्णिम वर्ण का द्वादश दल कमल की पंखुड़ियों से युक्त द्वादश स्वर्णाक्षरों से सुशोभित चक्र ही अनाहत चक्र है। अगर आपकी ऊर्जा अनाहत में सक्रिय है, तो आप एक सृजनशील व्यक्ति होंगे। हर क्षण आप कुछ न कुछ नया रचने की सोचते हैं। आप चित्रकार, कवि, कहानीकार, इंजीनियर आदि हो सकते हैं।

मंत्र : ।। यं ।।

कैसे जाग्रत करें : - हृदय पर संयम करने और ध्यान लगाने से यह चक्र जाग्रत होने लगता है। खासकर रात्रि को सोने से पूर्व इस चक्र पर ध्यान लगाने से यह अभ्यास से जाग्रत होने लगता है और सुषुम्ना इस चक्र को भेदकर ऊपर गमन करने लगती है।

प्रभाव : - इसके सक्रिय होने पर लिप्सा, कपट, हिंसा, कुतर्क, चिंता, मोह, दंभ, अविवेक और अहंकार समाप्त हो जाते हैं। इस चक्र के जाग्रत होने से व्यक्ति के भीतर प्रेम और संवेदना का जागरण होता है। इसके जाग्रत होने पर व्यक्ति के समय ज्ञान स्वत: ही प्रकट होने लगता है। व्यक्ति अत्यंत आत्मविश्वस्त, सुरक्षित, चारित्रिक रूप से जिम्मेदार एवं भावनात्मक रूप से संतुलित व्यक्तित्व बन जाता है। ऐसा व्यक्ति अत्यंत हितैषी एवं बिना किसी स्वार्थ के मानवता प्रेमी एवं सर्वप्रिय बन जाता है।

*
*

5. विशुद्ध चक्र : -

कंठ में सरस्वती का स्थान है, जहाँ विशुद्ध चक्र है और जो सोलह पंखुडियों वाला है। सामान्यतौर पर यदि आपकी ऊर्जा इस चक्र के आसपास एकत्रित है तो आप अति शक्तिशाली होंगे।

मंत्र : ।। हं ।।

कैसे जाग्रत करें : - कंठ में संयम करने और ध्यान लगाने से यह चक्र जाग्रत होने लगता है।

प्रभाव : - इसके जाग्रत होने कर सोलह कलाओं और सोलह विभूतियों का ज्ञान हो जाता है। इसके जाग्रत होने से जहाँ भूख और प्यास को रोका जा सकता है वहीं मौसम के प्रभाव को भी रोका जा सकता है।

*
*

6. आज्ञाचक्र : -

भ्रूमध्य (दोनों आंखों के बीच भृकुटी में) में आज्ञा चक्र है। सामान्यतौर पर जिस व्यक्ति की ऊर्जा यहॉं ज्यादा सक्रिय है तो ऐसा व्यक्ति बौद्धिक रूप से संपन्न, संवेदनशील और तेज दिमाग का बन जाता है। लेकिन वह सब कुछ जानने के बावजूद मौन रहता है। इसे बौद्धिक सिद्धि कहते हैं।

मंत्र : ।। ऊं ।।

कैसे जाग्रत करें : - भृकुटी के मध्य ध्यान लगाते हुए साक्षी भाव में रहने से यह चक्र जाग्रत होने लगता है।

प्रभाव : - यहाँ अपार शक्तियाँ और सिद्धियाँ निवास करती हैं। इस आज्ञा चक्र का जागरण होने से ये सभी शक्तियाँ जाग पड़ती हैं और व्यक्ति एक सिद्धपुरुष बन जाता है।

*
*

7. सहस्रार चक्र : -

सहस्रार की स्थिति मस्तिष्क के मध्य भाग में है। अर्थात जहाँ चोटी रखते हैं। यदि व्यक्ति यम, नियम का पालन करते हुए यहाँ तक पहुँच गया है तो वह आनंदमय शरीर में स्थित हो गया है। ऐसे व्यक्ति को संसार, संन्यास और सिद्धियों से कोई मतलब नहीं रहता है।

कैसे जाग्रत करें : - मूलाधार से होते हुए ही सहस्रार तक पहुँचा जा सकता है। लगातार ध्यान करते रहने से यह चक्र जाग्रत हो जाता है और व्यक्ति परमहंस के पद को प्राप्त कर लेता है।

प्रभाव : - शरीर संरचना में इस स्थान पर अनेक महत्वपूर्ण विद्युतीय और जैवीय विद्युत का संग्रह है। यही मोक्ष का द्वार है।
सम्पर्क
9214694929
जयपुर

Want your practice to be the top-listed Clinic in Jaipur?
Click here to claim your Sponsored Listing.

Videos (show all)

रेकी शक्ति द्वारा 78 किलो के व्यक्ति को दो-दो उंगलियों से हवा में उठाते हुए। मो.9214694929
Reiki students092146 94929
Today Reiki class conducted for Advance Reiki Healer.To join reiki class or get reiki therapy contact 9214694929 #reiki ...

Telephone

Website

Address


118/153, Jhalana Chhod, Mansarovar
Jaipur
302020

Opening Hours

Monday 6pm - 8pm
Tuesday 6pm - 8pm
Wednesday 6pm - 8pm
Thursday 6pm - 8pm
Friday 6pm - 8pm
Saturday 6pm - 8pm
Sunday 9am - 5pm

Other Counseling & Mental Health in Jaipur (show all)
Occupational Therapy INDIA Occupational Therapy INDIA
Jaipur, 302019

" INDIA'S OCCUPATIONAL THERAPY REVOLUTION " The page is for the awareness of rehabilitation, occupat

Sonal Khangarot Sonal Khangarot
Sector 3, Chitrakoot, Vaishali Nagar
Jaipur, 302021

🗣️Mental Health Advocate 📝MH Content Creator 🦋Psychotherapist 🧠Counsellor 📍Jaipur, India To book a session or colab⬇️

Strangify Technologies Strangify Technologies
Jaipur, 302021

Strangify is a unique mental health social platform where users can anonymously vent out things, have deep conversations and share problems.

Avichal Avichal
Jaipur

Live a healthy and happy life Learn pranayam from an # IITian

Online Shopping With Babu Lal Dagar Online Shopping With Babu Lal Dagar
Jaipur, 302001

Hii Friends, myself BabuLal Dagar, I am a teacher . And I am good motivator, Farmer with own agricultural farma and I grow organic foods

DEEP TMS INDIA DEEP TMS INDIA
Block A, D Block, Malviya Nagar
Jaipur, 302017

Buck Up Buck Up
109 Laxman Path Laxman Colony Shyam Nagar Jaipur
Jaipur, 302019

Buck Up provides Online Mental wellness healthcare services for all age groups for Individuals and

Purpose Coach Aadii Purpose Coach Aadii
Jaipur, 302021

• Helped 82k+ people find their LIFE PURPOSE • Known as Speed Reader • Follow for Life Lessons

The Beautiful  Mind: A Complete  Mental  Health and Training Centre The Beautiful Mind: A Complete Mental Health and Training Centre
Plot No. 3, Ganesh Nagar B, Near Uday Nagar B, Pillar No 7 Mansarovar Metro Station
Jaipur, 302020

A clinic providing best mental health services like psychological assessments and psychotherapy or counselling sessions by team of trained Clinical Psychologists in jaipur.

Elixir Elixir
M 213 Ashiyana Utsav Apartments, Near Ram Kutiya Mandir
Jaipur, 303706

Online Life Coaching, Therapy and Tarot consultation services