KALYAN ASHRAM ASSAM

Non profit social welfare organization registered under Societies Registration Act XXI of 1860.

KALYAN ASHRAM ASSAM is a non-profit organization affiliated to Akhil Bharatiya Vanavasi Kalyan Ashram and registered under the Societies Registration Act XXI of 1860. It has been working at far flung corners, across the state of Assam with aims and objectives of promoting all round development among Janajatis, i.e., Scheduled Tribes, through variety of socio-economic initiatives, taking into accou

Photos from KALYAN ASHRAM ASSAM's post 08/11/2023

Ending Ceremony . Parichya Varag , Guwahati

Photos from KALYAN ASHRAM ASSAM's post 08/11/2023

Kalyan Ashram Assam , Guwahati Vivhag "Parichai Varg " Successfully held at Guwahati . Date : 1 Nov to 5 Nov 2023.

কল্যান আশ্ৰম,অসমৰ উদ্যোগত পোণপ্ৰথম বাৰৰ বাবে ১নবেম্বৰৰ পৰা ৫ নবেম্বৰলৈ তিনিখন জিলা ( গুৱাহাটী মহানগৰ জিলা , দক্ষিণ কামৰূপ আৰু গোৱালপাৰা) সামৰি ৫ দিনীয়া "পৰিচয় বৰ্গ" সুকলমে অনুষ্ঠিত কৰা হ'ল । এই বিশেষ বৰ্গৰ উদ্দেশ্য আছিল আমি নিজৰ হেৰুৱাৱ ধৰা প্ৰকৃত চিনাকিক পুণৰ উজাগৰ কৰি আমাৰ জনজাতি সমাজৰ যুৱপ্ৰজন্মৰ সবাংঙ্গীন বিকাশ সাধন কৰা । শাৰিৰীক, মানসিক, আবেগিক, বৌদ্ধিক আৰু আধ্যাত্মিক দিশৰে কিদৰে নিজৰ ভিতৰৰ ভাৰতীয় সত্বাক জাগ্ৰিত কৰি আৰু নিজ জনজাতি ধৰ্ম-কৃষ্টি-সংস্কৃতিৰ ৰক্ষক হৈ একো একোজন দেশৰ মানৱ সম্পদ ৰূপে গঢ় দিয়াই উক্ত পৰিচয় বৰ্গৰ লক্ষ্য-উদ্দেশ্য। ধন্যবাদ ।
দিনাংক ১/১১/২৩ ৰ কিছু আলোকচিত্ৰ ।

31/10/2023

Kalyan Ashram Assam first time organised a basic janjati youth Training "Parichay Barg" . Three Districts included here Guwahati metro district, South Kamrup and Goalpara (Guwahati Bibhag) .
Age: 18 to 40 years .
Place : Sevabharti Janajati boys Hostal. Adingiri .
Enrollment date : 31/10/23
We request all our Janjati Sangathan kindly forward this Message to our youth to develop their personality and overall wellbeing .
Thank you .
K.A.A

29/10/2023

आइए स्व कार्तिक उरांव जी का जन्मशती वर्ष हम उत्सव के रूप में मनाए।

आज 29 अक्टूबर 2023 प्रख्यात जनजाति नेता स्वर्गीय कार्तिक उरांव जी का जन्म जयंती दिवस। जन्मजाति समाज की उन्नति के लिए संपूर्ण जीवन भर जिन्होंने समर्पित भाव से काम किया। ऐसे कार्तिक बाबू जी के जन्मशती वर्ष को भी आज से प्रारंभ हो रहा है।

जिन्होंने अपनी धर्म - संस्कृति - परंपरा को छोड़कर धर्मांतरण किया है, ऐसे जनजातियों के आरक्षण की सुविधा रद्द होनी चाहिए ऐसी मांग लेकर कार्तिक उरांव जी ने लंबा संघर्ष किया था। उनके जीवित होते हुए दुर्भाग्य से यह सपना साकार नहीं हो पाया। आज हम सब मिलकर कार्तिक जी के इस सपने को पूर्ण करने का संकल्प करना होगा।

कार्तिक जी का संपूर्ण जीवन ही समाज के लिए रहा। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी उन्होंने बाकी संपूर्ण जीवन केवल जनजाति समाज के विकास के लिए और इस समाज के विभिन्न समस्याओं को सुलझा कर एक सशक्त जनजाति समाज की निर्मिती के लिए व्यतीत किया था। उन्होंने काम तो जनजाति समाज के लिए किया लेकिन उनके कार्य का विस्तार संपूर्ण देश में हुआ था। इसीलिए संपूर्ण देश ने इस जन्मशती वर्ष को एक उत्सव के रूप में मनाना चाहिए।

जिन्होंने अपनी संस्कृति परंपरा छोड़कर अन्य धर्म का अवलंब किया है ऐसे व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति सूची से बाहर निकलना चाहिए ऐसी मांग उन्होंने की थी इस मांग को पूरा करने के लिए एक संघर्ष करना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

स्व कार्तिक उराँव जी के जन्म शताब्दी वर्ष के निमित्त विशेष डाक टिकट और सिक्का जारी करने की मांग अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम ने की है। कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रामचन्द्र खराड़ी जी ने प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से पत्र लिखकर यह मांग रखी है। पत्र में कार्तिक जी का जन्म शताब्दी वर्ष एक उत्सव के रूप में मनाने की अपील भी की है।

जन्मशती वर्ष के निमित्त स्वर्गीय कार्तिक उरांव जी की प्रेरक स्मृति को शत-शत नमन।
🙏🙏🙏

29/10/2023

*पंखराज साहेब बाबा कार्तिक उरांव*

*लघु जीवन परिचय :-*

पंखराज साहेब बाबा कार्तिक उरांव जी का जन्म 29 अक्टूबर 1924 को झारखंड राज्य के गुमला जिला के करौंदा लिटाटोली ग्राम में हुआ । इनके पिता का नाम स्व. जायरा उराँव एवं माता का नाम स्व. बिरसी उराँव था। इन्होंने प्राथमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षा गुमला जिला में प्राप्त कर आइ.एस.सी. की पढ़ाई पटना के साइंस कॉलेज में पूरी की । तदुपरांत इंजीनियरिंग की पढ़ाई बिहार इंजीनियरिंग कॉलेज पटना से की ।

वे 1950-52 में बिहार सरकार के सिंचाई विभाग में सहायक अभियंता के रूप में कार्यरत रहे । इंजीनियरिंग की स्नातकोत्तर परीक्षा लंदन के विश्वविद्यालय से पास की । सितंबर 1955 से 1958 तक, ब्रिटिश रेल्वे में तकनीकी सहायक तथा ब्रिटिश ट्रांसपोर्ट कमिशन, लंदन में वरीय तकनीकी सहायक आदि पदों पर भी कार्य किए । 1958 से 1961 तक विश्व के तत्कालीन सबसे बड़े आण्विक विद्युत गृह, हींकले पॉइंट अटामिक पावर स्टेशन में डिजाइनर के गरिमामय पद पर रहकर आपने कार्य किया ।

विदेश से वापस लौटने पर डॉ. कार्तिक उरांव मई 1961 से दिसंबर 1961 तक एच.ई.सी., रांची के वरीय इंजीनियर(डिजाइन) रहे । 1962 के लोकसभा चुनाव में आप लोहरदगा संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी रहे पर विजयी नहीं हो सके । 1962 से 67 तक फिर से एच.ई.सी. में उप मुख्य अभियंता के रूप में कार्यरत रहे । 1967 से 1977 तक आपने संसद में लोहरदगा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया । 1977 से 1980 तक आप बिहार विधान सभा में विधायक भी रहे ।

1980 में तीसरी बार लोहरदगा के सांसद निर्वाचित हुए । भारत सरकार में पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग में राज्य मंत्री (9 जून 1980 तक) और 8 दिसंबर 1981, मृत्युपर्यंत संचार राज्य मंत्री रहे । दिनांक 8 दिसंबर 1981 को संसद के शीतकालीन सत्र में भाग लेने पहुंचे । वे संसद भवन में ही अचानक अस्वस्थ हो गए और हृदयगति रुकने के कारण उनकी मृत्यु हो गई *।महत्वपूर्ण योगदान* :-
वर्ष 1963 में पौराणिक पारंपरिक सामाजिक शासन व्यवस्था “पड़हा” का पुनर्गठन एवं पड़हा पत्रिका का सम्पादन आपके द्वारा हुआ । 1967-68 में रांची में सरहूल पुजनोत्सव एवं झांकी निकालने की परंपरा का शुभारंभ किया । जनजाति समाज के सांस्कृतिक उत्थान एवं उनकी पहचान को सुदृढ़ करने की दृष्टि से आपने कई कदम उठाए ।

18/10/2023

जनजाति शक्तिपीठ 3
'''''''''''''''''''''''''''''''''''''
विदर्भ की शक्ति स्वरूपा
महाकाली माता

जनजातीय समाज की यह मान्यता है, और बहुत सारे उत्सव, मेले और इतिहास में कहा जाता है की.आत्राम (आत्राम याने 6 देव वाला गोत्र) नाम के एक जमीनदार को तीन लडकिया थी। जिनका विवाह उनके पिता करना चाहते थे। लेकिन उनको विवाह करना मंजूर नही था। इसलिये वह तीनों घर से निकल गई। इनमें से एक बहेन चंद्रपूर में आकर यही बस गई। यही आगे चलकर महाकाली माता के नाम से पहचानी जाने लगी। जैसे-जैसे महाकाली माता के अनेक चमत्कारों की कथा विभिन्न जगह फैल गई, वैसे वैसे श्रद्धालुओं की भीड़ माता के मंदिर में दर्शन के लिए आती गई।आज महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के चंद्रपूर में माता महांकाली का मंदिर न केवल जनजाति समाज का, बल्कि संपूर्ण हिंदू समाज का एक श्रद्धा केंद्र बन गया है।

समाज में मान्य हुई एक कथा के अनुसार,13वीं शताब्दी में गोंड के राजा सुरजा (उर्फ सेर साह) की मृत्यु पर, उनका पुत्र खांडक्या बल्लाल सिंहासन पर बैठा। इस राजकुमार के पूरे शरीर पर गांठें थी। उनकी देखभाल उनकी बुद्धिमान और सुंदर पत्नी करती थी। जब कोई उपाय खांडक्या को ठीक नहीं कर सके तो उसने उसे सिरपुर छोड़ने और वर्धा के उत्तरी तट पर रहने के लिए प्रेरित किया, जहां उसने बल्लालपुर नामक एक किला बनवाया। एक दिन जब राजा बल्लालपुर के उत्तर-पश्चिम में शिकार कर रहा था, तो उसे प्यास लगी और वह पानी की तलाश में झारपट नदी के सूखे तल पर पहुंच गया। उसने देखा कि एक छेद से पानी बह रहा है। उसने इस झरने का पानी तो पिया लेकिन शीतल जल से अपना हाथ पांव और चेहरा भी धोया भी किया। अगले दिन सुबह रानी यह देखकर हैरान हो गई की उसके शरीर पर से कहीं गांठे गायब हो चुकी थी। पूछताछ करने पर खांडक्याने रानी को झारपट के पानी पीने और हाथ पांव धोने की बात कही। रानी ने खांडक्या से उस स्थान पर ले जाने का आग्रह किया। दोनों झरपट की ओर आगे बढ़े और थोड़ी देर में छेद मिल गया। घास और रेत साफ करने पर ठोस चट्टान में गाय के पांच पैरों के निशान दिखे, जिनमें से प्रत्येक में पानी भरा हुआ था। घटनास्थल पर जल का अक्षय स्त्रोत था। वह एक पवित्र तीर्थ कुंड था त्रेता युग का प्रसिद्ध अचलेश्वर तीर्थ!

जब राजा ने इस तीर्थ स्थल के पानी से स्नान किया तो उसके शरीर की सभी गांठें गायब हो गईं। खांडक्या बल्लाळशहा राजाने उस पानी के आगे का शोध किया तो वहा एक भुयार दिखा। उस भुयार की साफसफाई करने के बाद उसे भूतार में एक सुंदर महाकाली की मूर्ति प्राप्त हुई। खांडक्या राजा ने इस स्थान पर माता का एक छोटा मंदिर बनाया। यह छोटा मंदिर आज एक विशाल मंदिर में परिवर्तित हुआ है। महाकाली माता के इस मंदिर में दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।

महाराष्ट्र के चंद्रपुर की इस महाकाली माता के मंदिर को एक अनन्य साधारण स्थान प्राप्त है। प्रत्येक वर्ष चैत्र पौर्णिमा को यहा बडी यात्रा होती है। जिसमें महाराष्ट्र,तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगड से लाखों श्रद्धालु महाकाली माता के दर्शन के लिए आते हैं। चंद्रपूर के राजघराणे में आत्राम राजाओं का 500 साल तक राज्य रहा। उसमे राणी हिराई आत्राम का बहुत बडा कार्यकाल रहा है। रानी हिराई एक श्रद्धावान रानी थी। उन्होंने अपने राज्य में कई मंदिर बनवाए। रानी स्वयं एक पराक्रमी रानी थी, जिसने अनेक युद्ध में विजयश्री प्राप्त की। लेकिन युद्ध में विजय प्राप्ति का एकमात्र कारण केवल महाकाली माता की असीम कृपा है, ऐसा उनका विश्वास था। इसलिये रानी हिराई ने माता महांकाली एक भव्य मंदिर बनवाया। आज जो मंदिर चंद्रपुर में खड़ा है उसका निर्माण रानी हिराई द्वारा ही किया गया है।

आज भी यह मंदिर भारत की सनातन परंपरा का एक जीता जागता प्रतीक है। जनजाति समाज चंद्रपुर की इस महाकाली माता को अपना श्रद्धा स्थान मानता है। अपनी इच्छित मनोकामना की पूर्ति करने वाली यह माता है ऐसा जनजाति समाज का विश्वास है। इसी कारण महाराष्ट्र के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में गोंड, कोलाम, कोया समाज के श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए यहां बड़ी श्रद्धा से आते हैं। नवरात्रि में भी यहां श्रद्धालुओं की बहुत बड़ी भीड़ दर्शन के लिए आती है माता किसी को भी निराश नहीं करती, सब की मनोवांछित कामनाएं पूर्ण करती है, ऐसी प्रत्येक श्रद्धालुओं की श्रद्धा होती है।
बोलो... महाकाली माता की जय!!

- प्रकाश गेडाम

17/10/2023

Kalyan Ashrm Assam, Jano sampark at Amoni, Nagaon District. Date : 17/10/23

15/10/2023
Photos from Akhil Bharatiya Vanvasi Kalyan Ashram's post 10/10/2023
10/10/2023

কিতাপখন পঢ়িবলৈ অনুৰোধ জনালো ।

जनजाति समाज में तो वैसे अनेक संत-महंत, महापुरूष निर्माण हुए, लेकीन सन्यस्त वृत्ती धारण कर अपने समाज की सर्वांगीण उन्नती के लिए, समाज में ही रहकर जिन्होने संपूर्ण जीवन जनजाति समाज के लिए समर्पित किया ऐसे जगदेव राम जी देश के शायद एकमात्र सामाजिक कार्यकर्ता होंगे।

श्रद्धेय जगदेव राम जी आचार-विचार और व्यवहार की एक अनोखी विरासत हमारे लिए छोडकर गए है। यह बात सही है की जगदेव राम जी जैसा तपस्वी नेतृत्त्व बार बार निर्माण नहीं होता। लेकिन उनके रूप में ऐसा देव दुर्लभ नेतृत्व कल्याण आश्रम को प्राप्त हुआ और उनके मार्गदर्शन में कार्य करने का सदभाग्य देश के हजारों कार्यकर्ताओं को मिला। उनके प्रेरक विचार और स्मृति ही हमें जनजाति विकास के कार्य में प्रेरणा देती रहेगी।
श्रद्धेय जगदेव राम जी की प्रेरक स्मृति को जन्म जयंती के अवसर पर शत-शत नमन।

10/10/2023

10-अक्तुबर
मा. वसंतराव भट्ट का जन्मदिन है।
इस निमित्त आप यदि 👆 उपरोक्त पुस्तक लेना चाहते हो तो कृपया 9968941017 पर फोन करें। পূৰ্বোত্তৰৰ প্ৰহৰী মা. বসন্ত ৰাৱ ভট্ট দেৱৰ ওপৰত প্ৰস্তুত কৰা উক্ত পূস্তকখন বিচাৰিলে ওপৰত দিয়া ফোন নং'ত ফোন কৰিব । 🙏

Photos from KALYAN ASHRAM ASSAM's post 08/10/2023

Last day at Akhil bharatiya vanvasi kalyan ashrm karyakarta beithak. Save memories.

25/09/2023

अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान रामचंद्र खराड़ी जी महिलाओ की आरक्षण को लेकर देशवासिओ को धन्यवाद दिए. 🙏

Photos from KALYAN ASHRAM ASSAM's post 24/09/2023

২৪ ছেপ্তেম্বৰ '২৩ দেওবাৰ ।
কল্যান আশ্ৰম অসম প্ৰান্ত কমিটি বৈঠক ।
স্থান: পল্টন বজাৰ স্থিত কাৰ্য্যালয়।
সময়: ৯বজাৰ পৰা ১.৩০বজালৈ সম্পন্ন হয়।
🙏🙏🙏

20/09/2023

" *वन बंधु - महिला सशक्तिकरण विशेषांक* "

सादर राम राम,

अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम की राष्ट्रीय मासिक पत्रिका - "वन बंधु" का "महिला सशक्तिकरण विशेषांक" प्रकाशित हुआ है, आप सभी सुधी पाठकों, कल्याण आश्रम के हित चिंतकों और सभी हिंदुत्वनिष्ठ कार्यकर्ताओं से आग्रह है कि इस विशेषांक को अपने पठन सामग्री का विषय बनाये और राष्ट्र पुनर्निर्माण में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें।

महिला सशक्तिकरण विशेषांक (पुस्तक) प्राप्त करने हेतु अपने निकट के वनवासी कल्याण आश्रम कार्यकर्ता से संपर्क करें।

संपर्क सूत्र: 9476005951 / 8900922615
सहयोग राशि रु. 60/- मात्र

- राम कुमार सिंह
प्रांत प्रचार प्रमुख
वनवासी कल्याण आश्रम
अंडमान - निकोबार द्वीप समूह

20/09/2023

लोकसभा ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम दो तिहाई बहुमत से पारित किया। सभी सांसदों का इस सराहनीय भूमिका के लिए हार्दिक अभिनंदन।
महिलाओं को 33% आरक्षण देकर समस्त नारी शक्ति को सामर्थ्यशाली बनाने की दृष्टि से यह एक मजबूत कदम है।

18/09/2023

राजा शंकर शाह - कुँवर रघुनाथ शाह
बलिदान_दिवस
18 सितम्बर पर बलिदानियों को सादर शत शत नमन🙏🙏

"वनराज"
सन 1857 की क्रांति के अमर बलिदानी राजा शंकर शाह कुँवर रघुनाथ शाह की वह क्रांतिकारी कविता जिसने स्वतंत्रता की ज्वाला जगा दी थी -
मूँद मुख इंडिन को...

18 सितम्बर 1857 को जबलपुर एजेंसी हाऊस के सामने पिता - पुत्र की फाँसी परेड हुई। राजा शंकरशाह और कुँवर रघुनाथशाह के चेहरे पर कोई डर नहीं था, दोनों के चेहरे शाँत और दृढ़ थे।

तोप से बाँधते समय राजा और राजकुमार दोनों तेजोमय चेहरे के साथ, गर्वितभाव से चलकर तोपों के सामने सीना तानकर आये, और दोनों ने अपनी कुलदेवी माता मालादेवी की प्रार्थना की।

मृत्यु से पूर्व उन्होंने अपनी प्रजा को उस क्रांतिकारी कविता के एक - एक छंद सुनाये, जिसने महाकौशल के गाँव - गाँव में स्वतंत्रता की अलख जगा दी थी।

पहला छंद राजा शंकर शाह ने सुनाया-

मूँद मुख इंडिन को, चुगलों की चबाई खाई,
खूब दौड़ दुष्टन को, शत्रु संहारिका।

मार अंगरेज रेज, कर देई मात चंडी,
बचे नाहिं बैरी, बाल -बच्चे संहारिका।

शंकर की रक्षा कर, दास प्रतिपाल कर,
वीनती हमारी सुन, अब मात पालिका।

खाई लेई मलेच्छन को, झेल नाहिं करो अब,
भच्छन ततच्छन कर, बैरिन कौ कालिका।।

दूसरा छंद पुत्र कुँवर रघुनाथशाह ने और भी उच्च स्वर से सुनाया-

कालिका भवानी माय, अरज हमारी सुन,
डार मुण्ड माल गरे, खडग कर धर ले।

सत्य के प्रकाशन औ, असुर विनासन कौ,
भारत समर माहिं, चण्डिके संवर ले।

झुण्ड - झुण्ड बैरिन के, रुण्ड - मुण्ड झारि - झारि,
सोनित की धारन ते, खप्पर तू भर ले।

कहे रघुनाथ माँ, फिरंगिन को काटि - काटि,
किलिक - किलिक माँ, कलेऊ खूब कर ले।।

यह कविता पूरी होते ही जनता में राजा और राजकुमार की जय जयकार के नारे गूँज उठे।

राजा शंकर शाह की - जय।
कुँवर रघुनाथ शाह की - जय।
भारत माता की - जय।

14/09/2023

देशभर में 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन साल 1949 में संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा बनाने का फैसला किया था।
हिंदी दिवस पहली बार 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था। हिन्‍दी विश्‍व में चौथी ऐसी भाषा है जिसे सबसे ज्‍यादा लोग बोलते हैं।

हिंदी केवल हमारी मातृभाषा ही नहीं अपितु यह राष्ट्रीय अस्मिता और गौरव का प्रतीक है।
राष्ट्रभाषा हिंदी हमें भावनात्मक एकता के सूत्र में पिरोती है। आज विश्व में हिंदी बोलने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इस अवसर पर आप भी मित्रों, करीबियों को हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं दे सकते हैं !

सभी देशवासियों को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं🙏🙏
#हिंदी
#हिंदीदिवस
copied

07/09/2023

*उमाजी नाईक* (7 सितंबर 1791 – 3 फरवरी 1832)

एक भारतीय क्रांतिकारी थे जिन्होंने 1826 से 1832 के आसपास भारत में ब्रिटिश शासन को चुनौती दी थी। वह भारत के शुरुआती स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी और कंपनी शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी उन्हें सम्मान से *क्रांतिवीर राजे उमाजी नाईक* कहते हैं।

नरवीर उमाजी नाईक का जन्म पुणे जिले के पुरन्दर तहसील के भिवडी गांव में हुआ था। अंग्रेजों के अत्याचारी शासन के विरोध में उन्होने ही सर्वप्रथम क्रांति की ज्वाला जलाई थी । यह उनका पहला विद्रोह माना जाता है। उन्होंने सर्वप्रथम अंग्रेजों की आर्थिक नाड़ी को दुर्बल करने का प्रयास किया। २४ फरवरी १८२४ को अंग्रेजों का भांबुडा के दुर्ग में छिपाकर रखा गया कोष (खजाना) उमाजी ने अपने सशस्त्र साथियों की सहायता से लूटा एवं अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया ।

उसी समय अंग्रजोंने उमाजी नाईक को पकड़ने का आदेश दिया। उमाजी नाईक को पकड़ने वाले को १० हजार रुपयों का पुरस्कार घोषित किया गया। उमाजी ने लोगों को संगठित कर छापामार पद्धति से युद्ध करते हुए अंग्रेजों के सामने बहुत बड़ी चुनौती खड़ी कर दी।

१५ दिसम्बर १८३१, उमाजी के जीवन का काला दिन बना। भोर के एक गांव में अंग्रेज सरकार ने उन्हें पकडकर उन पर न्यायालय में राजद्रोह एवं देशद्रोह का अभियोग चलाया। इस अभियोग में फांसी का दंड सुनाकर, ३ फरवरी १८३२ को पुणे के खडकमाल न्यायालय में उमाजी नाईक को फांसी दे दी गई । केवल ४१ वर्ष की अवस्था में उमाजी नाईक देश के लिए वीरगति को प्राप्त हुए।

Photos from KALYAN ASHRAM ASSAM's post 29/06/2023

জনজাতি মহিলাৰ দ্বাৰা পৰিচালিত শীতলা মন্দিৰ গুৱাহাটীৰ মাজমজিয়া ফটাশিল আমবাৰীৰ ৰংপথাৰত ।

Photos from KALYAN ASHRAM ASSAM's post 29/06/2023

কল্যাণ আশ্ৰম অসমৰ দ্বাৰা পৰিচালিত উত্তৰ লালুক ঢেকীয়াজুলি অবস্থিত শংকৰদেৱ বিদ্যাপীঠৰ ষষ্ঠ শ্ৰেণীৰ ছাত্ৰী শ্ৰী মতি জৈমিনী সোনোৱালে North East State কাৰাটে প্ৰতিযোগিতাত সোণৰ পদক পাবলৈ সক্ষম হয় । তাইৰ সেই সফলতাৰ কাৰণে কল্যাণ আশ্ৰম অসম শিক্ষা আয়ামৰ ফালৰ পৰা ধন্যবাদ জ্ঞাপন কৰাৰ লগতে ভবিষ্যত উজ্জল কামনা কৰিলোঁ। ধন্যবাদ

Photos from KALYAN ASHRAM ASSAM's post 18/06/2023

Today Kalyan Ashram Assam. Prant 3rd Executive Meeting held in Guwahati head office in paltan bazar. 🙏

27/03/2023

দিনাংক ২৭ মাৰ্চ কল্যান আশ্ৰমৰ তৰফৰ পৰা সংগঠণ মন্ত্ৰী শ্ৰীমণ্টুৰাম জী , সাধাৰণ সম্পাদক শ্ৰী নিত্য ৰঞ্জন দলে আৰু ক.আ.ৰ সদস্যা হিচাপে শ্ৰী প্ৰতিভা টেৰণ মূখ্য নিৰ্বাচনী আয়োগ ,ভাৰত চীফ'ৰ সৈতে বিশেষ এটি সাক্ষাৎকাৰ গুৱাহাটীৰ ৰেডিচন ব্লু'ত কৰা হয়। উদ্যেশ্য - সমষ্টি নিৰ্ধাৰণ । ধন্যবাদ ।

Photos from KALYAN ASHRAM ASSAM's post 18/02/2023

नमस्ते

भारत के स्वाधीनता संग्राम में जनजाति वीरों का बहुत बड़ा योगदान रहा है साथ ही मुगल शासक तथा अंग्रेजो के खिलाफ हुए संघर्ष में #जनजाति वीरों ने #जल, #जमीन, #जंगल की रक्षा के साथ साथ इस देश के आन बान शान के लिये अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया था ।
यह भूली बिसरी क्रांति की मालिका तथा विरों को अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम ने विभिन्न माध्यम से उजागर कीया है ।
इसी क्रम में आजादी के अमृत महोत्सव में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र ( ) एवम सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार के तत्वाधान में "जनजाति गौरव" यह गौरवशाली ऐतिहासिक ग्रंथ, भव्य प्रदर्शनी, तथा 75 जन नायको के जीवनी पर आधारित लघु चित्रफिल्म का निर्माण कीया है ।
जिस का विमोचन कल दिनांक 17 फरवरी 2023 की शाम 5:00 बजे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, जनपथ दिल्ली के सभागार में हुआ है. 🙏

Photos from KALYAN ASHRAM ASSAM's post 26/01/2023

আজি তিনি মাতৃ শক্তিক নমন কৰিলো ভাৰত মা' , মা সৰস্বতী, ৰাণী মা' গাইডিনলিউ । নাৰী শক্তি দিৱস , গণতন্ত্ৰ দিৱস আৰু জ্ঞানৰ দেৱী মা' সৰস্বতী পূজাৰ বাবে সকলোলৈ শুভেচ্ছা জনালো ।
आज 26 जनवरी 2023 भारत बर्ष की जनता के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिवस है किउकी आज के दिन हमें तीन मातृ शक्ति को नमन करने की अवसर मिले है. एक भारत माँ की गणतंत्र दिवस, दो बिद्या देवी माँ सरस्वती की पूजा और तीन नागालैंड की स्वतंत्रता सेनानी राणी माँ गिडिनलिउ की जन्म दिवस. नारी शक्ति दिवस की भी हार्दिक बधाई और शुभ कामनाये
🙏

Photos from KALYAN ASHRAM ASSAM's post 30/12/2022

दिसपुर चलो :
आने वाले नये साल की (2023) February महीने मे कल्याण आश्रम की एक विशिष्ट आयाम जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा आयोजन मे होने वाली 1 लाख जनजाति जनता की गुवाहाटी मे विशाल जन समावेश होने वाली है. धर्मान्तरण की रोक थाम के लिए कैसे समावेश को सफल किया जाये इसके ऊपर विस्तार से बैठक किया गया संघ की असम छेत्र सर संघ प्रचारक माननीय वशिष्ठ बुजार्बरुवा देव की मार्ग दर्शन मे. कल्याण आश्रम असम प्रांत कमिटी के साथ जिला कमिटी और जनजाति सुरक्षा मंच की जिला प्रमुख के साथ जनजाति सुरक्षा मंच असम की convener माननीय मंटू राम जी ने बिस्तर पूर्वक जानकारी दिया. आज की बैठक मे कल्याण आश्रम की हर आयाम की प्रमुख भी उपस्थित थे.
धन्यवाद. 🙏

অহা বছৰ ২০২৩ বৰ্ষৰ ফেব্ৰুৱাৰী মাহত ধৰ্মান্তৰকৰণৰ বিৰোধিতাৰ বাবে হ'ব লগা বিশাল জনসমাবেশৰ বাবে কিদৰে প্ৰস্ততি চলোৱা হ'ব তাৰ বাবে ২৯ ডিচেম্বৰ ২০২২ তাৰিখে কল্যান আশ্ৰম , পল্টন বজাৰ স্থিত কাৰ্য্যালয়ত বৈঠক বহা হয় । য'ত সংঘৰ অসম ক্ষেত্ৰ সৰ সংঘ প্ৰচাৰক মাননীয় বশিষ্ট বুজৰবৰুৱা দেৱে মাৰ্গদৰ্শন কৰে। এই বৈঠকত কল্যান আশ্ৰমৰ অন্যান্য আয়াম সমূহৰ প্ৰমূখ উপস্থিত থাকে । কল্যান আশ্ৰম অসম প্ৰান্ত কমিটি তথা জিলা কমিটিৰ প্ৰমূখ আৰু জনজাতি সুৰক্ষা মঞ্চৰ ৰাজ্যিক তথা জিলা কমিটিৰ যুটীয়া উদ্যোগত এই বৈঠক জনজাতি সুৰক্ষা মঞ্চ'ৰ অসমৰ আহ্বায়ক শ্ৰী মণ্টুৰাম ডাঙৰীয়াই বিস্তাৰিত ভাৱে আগন্তুক ল'ব লগা উদ্যোগ সমূহ অৱগত কৰে। জনসমাবেশ সফল হোৱাৰ কামনা কৰি বুজৰবৰুৱা দেৱে মাৰ্গদৰ্শন কৰাৰ পিছত বৈঠক সমাপ্ত হয় ।
ধন্যবাদ 🙏

Photos from KALYAN ASHRAM ASSAM's post 27/12/2022

कल्याण आश्रम के संस्थापक वनयोगी बालासाहेब देशपांडे जी का संपूर्ण जीवन सभी कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणास्पद था। संयोग से 26 दिसंबर बालासाहब जी का जन्म दिवस भी है। अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के स्थापना दिवस का पालन असम की पल्टन बाजार स्थित कार्यालय में किया गया । १९५२ में जशपुर में स्व बालासाहब देश पाण्डे जी के नेतृत्व में कल्याण आश्रम की स्थापना की गई ।आज पूरे भारत वर्ष में कल्याण आश्रम विभिन्न प्रकल्पों के माध्यम से कार्य कर रहा है।। असम के हर जिला मे ये कार्यक्रम जोरदार रहा. कामरूप जिला, कारबी आंगलोंग, धेमाजी, गोवलपारा, जोरहाट आदि जिले से आये हूए सजीव चित्र यहाँ प्रस्तुत किये गये है. और भी जिले को अनुरोध है हमारी असम प्रांत ग्रुप मे अपना कार्यक्रम की जानकारी दे. धन्यवाद 🙏.

30/11/2022

Tributes to Jananeta Bhimbor Deori on his 75th death anniversary. His efforts and contributions towards building a society marked by unity, peace and all round development, will always be remembered by people across the state and the nation as well.

Photos from KALYAN ASHRAM ASSAM's post 16/11/2022

KALYAN ASHRAM ASSAM celebrates Janajatiya Gaurav Diwas on 15th of November, 2022 in 21 districts of the state with various events and fruitful deliberations by dignitaries from all walks of life. Floral tributes were paid and prayers offered across the state to commemorate the sacrifices Bhagawan Birsa Munda made for the attainment of independence and also tribal rights and justice as well. His undaunted heroism against the British colonial administration in that time will always be inspiration to generations to come.

Photos from KALYAN ASHRAM ASSAM's post 15/08/2022

जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी
Vibrant celebration of 75 years of Bharat's Independence by Kalyan Ashram Assam family.

Photos from KALYAN ASHRAM ASSAM's post 13/08/2022

"Traditions teach us, they connect us, and they expand us"

Proudly holding onto our rich traditions and festivals, Kalyan Ashram Mahila Samiti ties Rakhi to His Excellency Prof. Jagdish Mukhi, the Governor of Assam, and Hon'ble CM Himanta Biswa Sarma on this auspicious occasion of Raksha Bandhan.

Photos from KALYAN ASHRAM ASSAM's post 12/08/2022

Celebration of Raksha Bandhan Utsav with brothers and sisters in the Armed forces at 15th Bn. of SSB. It was organised by Kalyan Ashram, Chirang District.

Kalyan Ashram Assam wishes to all on this auspicious occassion, a Happy Raksha Bandha.

Photos from KALYAN ASHRAM ASSAM's post 03/08/2022

কল্যাণ আশ্ৰমৰ ক্ষেত্ৰ সংগঠন মন্ত্ৰী শ্ৰী বীৰেন্দ্ৰ দুবে জী, কল্যাণ আশ্ৰম অসমৰ সহ সংগঠন মন্ত্ৰী শ্ৰী মন্টুৰাম জী, যুটীয়া সম্পাদক শ্ৰী নিত্য ৰঞ্জন দলে তথা মদন মোহন মল আৰু জনজাতি সুৰক্ষা মঞ্চৰ কোকৰাঝাৰ জিলাৰ সভাপতি ডাঙৰীয়াই গোঁসাইগাওঁ ত অৱস্থিত কল্যাণ আশ্ৰমৰ ছাত্ৰাৱাস পৰিদৰ্শন কৰে, লগতে ছাত্ৰাৱাসৰ বিভিন্ন সা সমস্যাসমূহৰ বুজ লয়।

Photos from KALYAN ASHRAM ASSAM's post 29/07/2022

Few glimpses from Flood Relief Camp organised by Kalyan Ashram Assam at the villages of Amguri Ayengiya and Borlung under Sissiborgaon block, Dhemaji District of Assam. Relief materials were distributed amongst 50 families with valuable sponsorship of Gem & Jewellery, National Relief Foundation, Mumbai. We convey our deep regards to the foundation for their kind initiative.

Photos from KALYAN ASHRAM ASSAM's post 28/07/2022

Kalyan Ashram Assam organizes flood relief camp at flood affected villages of West Karbi Anglong District in collaboration with Gem & Jeweller, National Relief Foundation, Mumbai. A total of 800 families were provided with relief materials such as rice, mustered oil, tarpaulin etc.

Want your organization to be the top-listed Non Profit Organization in Gauhati?
Click here to claim your Sponsored Listing.

Videos (show all)

अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान रामचंद्र खराड़ी जी महिलाओ की आरक्षण को लेकर देशवासिओ को धन्य...

Telephone

Address


Kalyan Ashram, K. B. Road, Paltan Bazar
Gauhati
781008

Other Gauhati non profit organizations (show all)
India Policy Institute India Policy Institute
HN 16, Suruj Nagar, Near Modern English School Odalbakra
Gauhati, 781019

India’s premier policy and governance institute, started in 1998. Re-registered in 2021, in Guwahati. Donations exempt from income tax.

Aaranyak Aaranyak
Aaranyak, 13 Tayab Ali Byelane, Bishnu Rabha Path, Beltola Tinali-Bhetapara Link Road, PO: Beltola
Gauhati, 781028

Aaranyak is North East India's premier non-profit organization with a focus on conserving the rich biodiversity of the region

Rotary Club of Guwahati Icons Rotary Club of Guwahati Icons
Rajgarh Road
Gauhati, 781005

Rotary is a global network of 1.4 million neighbors, friends, leaders, and problem-solvers who see a world where people unite and take action to create lasting change – across the ...

Hands For Humanity Hands For Humanity
Ganeash Mandir Path
Gauhati, 781022

Hands For Humanity is a Assam based charitable NGO founded by Saurav pran Mahanta in 2012, works towards quality healthcare, keeping in mind a positive impact on the environment. I...

People For Animals, Guwahati People For Animals, Guwahati
People For Animals Guwahati, Mahapurush Madhabdev Road, Bormotoria
Gauhati, 781037

People For Animals Guwahati is an NGO working for Street Animals in Guwahati.

Kereng Garo Memorial Puberun Sangha, Beltola Kereng Garo Memorial Puberun Sangha, Beltola
Beltola Bazar, Peer Azan Fakir Road
Gauhati, 781028

Oldest Club located in the Heart of Beltola Bazar since 1967

APBEE - NEZ APBEE - NEZ
R. G. Baruah Road
Gauhati, 781024

APBEE is the recognized Association of the employees of Prasar Bharati Engineering wing, recruited after 5th October 2007 willingly becoming its members. Prasar Bharati is Umbrell...

AMDO AMDO
Gauhati

AMDO ( ASSAM MEALS DISTRIBUTION ORGANIZATION)

MPS Educational Trust MPS Educational Trust
Guwahati
Gauhati, 781021

MPS Educational Trust supports underprivileged children to access better education

Grow PwD Guwahati Grow PwD Guwahati
Office Address/"House No. 5, RGB Road, Uday Path, Tinali Zoo, Guwahati/-
Gauhati, 781024

Umananda Foundation Umananda Foundation
Gauhati

অন্ত্যোদয় আমাৰ লক্ষ্য..... Our aim is to be reach to the last person of the society